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अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला जनता की मर्जी के खिलाफ : एनी राजा

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमन (NFIW) की जनरल सेक्रेट्री एनी राजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के लोगों की मर्जी से नहीं किया है और इसे सरकार को वापस ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे हुए 75 दिन हो चुके हैं, लेकिन वहां के लोगों को पहले की तरह अपना जीवन यापन करने में विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पढ़ें पूरा विवरण....

NFIW की जनरल सेक्रेट्री एनी राजा
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Published : Oct 19, 2019, 10:18 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे हुए 75 दिन हो चुके हैं, लेकिन वहां के लोगों को पहले की तरह अपना जीवन यापन करने में विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सीपीआई नेता एनी राजा ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कश्मीर में दोबारा शांति बहाली की मांग को लेकर किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान शनिवार को ईटीवी भारत से यह बात कही.

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन (NFIW) की जनरल सेक्रेट्री एनी राजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के लोगों की मर्जी से नहीं किया है और इसे सरकार को वापस लेना चाहिए.

पढ़ें : अमित शाह ने राहुल गांधी को अनुच्छेद 370 बहाल करने की दी चुनौती

एनी राजा ने कहा कि वहां पर संचार और ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुचारु रूप से काम नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से खासतौर पर महिलाओं एवं बच्चों को विभिन्न तरीके की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अनुच्छेद 370 पर बातचीत करते हुए एनी राजा और गौहर रजा

उन्होंने कहा, 'हम केंद्र से यह मांग करते हैं कि वहां पर जितने भी पैरामिलिट्री एवं आर्मी के जवान हैं, उन्हें तत्काल हटा दिया जाए क्योंकि वहां पर बच्चों और उनके मां-बाप को राज्य पुलिस और पैरामिलिट्री और मिलिट्री के जवानों द्वारा सताया जा रहा है.'

सामाजिक कार्यकर्ता और वैज्ञानिक गौहर रजा ने ईटीवी भारत से कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यह संदेश दे दिया है कि भविष्य में अन्य राज्यों को भी दूसरा दर्जा दिया जा सकता है.

गौहर रजा ने कहा कि सरकार ने वहां के लोगों की आवाज दबा दी है, उन्होंने कहा कि यदि सरकार को युवाओं को नौकरियां देनी थीं तो सिर्फ धारा 370 हटाना ही एक रास्ता नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे कदम उठा कर लोगों को डरा रही है.

ईटीवी भारत ने जब गौहर रजा से पूछा कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद जब सरकार ने सेब कारोबारियों के लिए रास्ते खोले तो आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया, इस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि घाटी का एक हिस्सा आतंकवादियों का था, लेकिन सरकार ने इस धारा को हटाने के बाद उनके हाथ और मजबूत कर दिये हैं क्योंकि यही लोग कह रहे थे कि कश्मीर के लोग इस मुल्क के साथ नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की 80% जनता 70 सालों से भारत के साथ है, लेकिन सरकार ने उनका भरोसा तोड़ दिया है.

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे हुए 75 दिन हो चुके हैं, लेकिन वहां के लोगों को पहले की तरह अपना जीवन यापन करने में विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सीपीआई नेता एनी राजा ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कश्मीर में दोबारा शांति बहाली की मांग को लेकर किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान शनिवार को ईटीवी भारत से यह बात कही.

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन (NFIW) की जनरल सेक्रेट्री एनी राजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के लोगों की मर्जी से नहीं किया है और इसे सरकार को वापस लेना चाहिए.

पढ़ें : अमित शाह ने राहुल गांधी को अनुच्छेद 370 बहाल करने की दी चुनौती

एनी राजा ने कहा कि वहां पर संचार और ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुचारु रूप से काम नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से खासतौर पर महिलाओं एवं बच्चों को विभिन्न तरीके की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अनुच्छेद 370 पर बातचीत करते हुए एनी राजा और गौहर रजा

उन्होंने कहा, 'हम केंद्र से यह मांग करते हैं कि वहां पर जितने भी पैरामिलिट्री एवं आर्मी के जवान हैं, उन्हें तत्काल हटा दिया जाए क्योंकि वहां पर बच्चों और उनके मां-बाप को राज्य पुलिस और पैरामिलिट्री और मिलिट्री के जवानों द्वारा सताया जा रहा है.'

सामाजिक कार्यकर्ता और वैज्ञानिक गौहर रजा ने ईटीवी भारत से कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यह संदेश दे दिया है कि भविष्य में अन्य राज्यों को भी दूसरा दर्जा दिया जा सकता है.

गौहर रजा ने कहा कि सरकार ने वहां के लोगों की आवाज दबा दी है, उन्होंने कहा कि यदि सरकार को युवाओं को नौकरियां देनी थीं तो सिर्फ धारा 370 हटाना ही एक रास्ता नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे कदम उठा कर लोगों को डरा रही है.

ईटीवी भारत ने जब गौहर रजा से पूछा कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद जब सरकार ने सेब कारोबारियों के लिए रास्ते खोले तो आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया, इस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि घाटी का एक हिस्सा आतंकवादियों का था, लेकिन सरकार ने इस धारा को हटाने के बाद उनके हाथ और मजबूत कर दिये हैं क्योंकि यही लोग कह रहे थे कि कश्मीर के लोग इस मुल्क के साथ नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की 80% जनता 70 सालों से भारत के साथ है, लेकिन सरकार ने उनका भरोसा तोड़ दिया है.

Intro:नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटे हुए 75 दिन हो चुके हैं लेकिन वहां के लोगों को पहले की तरह अपना जीवन यापन करने में विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा। यह बात सीपीआई नेता एनी राजा ने ईटीवी भारत से दिल्ली के जंतर मंतर में कश्मीर में दोबारा शांति बहाली की मांग को लिए जा रहे प्रदर्शन के दौरान कही।

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन (NFIW) की जनरल सेक्रेट्री एनी राजा ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के लोगों की मर्जी से नहीं किया है और इसे सरकार को वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वहां पर संचार और ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है जिसकी वजह से खासतौर पर महिलाओं एवं बच्चों को विभिन्न तरीके की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


Body:उन्होंने कहा कि हम केंद्र से यह मांग करते हैं कि वहां पर जितने भी पैरामिलिट्री एवं आर्मी के जवान हैं उन्हें तत्काल रुप से हटा दिया जाए क्योंकि वहां पर बच्चों और उनके मां-बाप को राज्य पुलिस और पैरामिलिट्री और मिलिट्री के जवानों द्वारा सताया जा रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता और वैज्ञानिक गौहर रजा ने ईटीवी भारत भारत से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद यह संदेश दे दिया है कि भविष्य में अन्य राज्यों को भी दूसरा दर्जा दिया जा सकता है।

गौहर रजा ने कहा कि सरकार ने वहां के लोगों की आवाज दबा दी है, उन्होंने कहा कि यदि सरकार को युवाओं को नौकरियां देनी थी तो सिर्फ धारा 370 हटाना ही एक रास्ता नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे कदम उठा कर लोगों को डरा रही है।


Conclusion:ईटीवी भारत ने जब जौहर रजा से पूछा कि धारा 370 हटाए जाने केबाद जब सरकार ने सेब कारोबारियों के लिए रास्ते खोले तो आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया, इस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि घाटी एक हिस्सा आतंकवादियों का था लेकिन सरकार ने इस धारा को हटाने के बाद उनके हाथ और मजबूत कर दिए हैं क्योंकि यही लोग कह रहे थे कि कश्मीर के लोग इस मुल्क के साथ नहीं हैं । उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर कि 80% जनता 70 सालों से भारत के साथ है लेकिन सरकार ने उनका भरोसा तोड़ दिया है।




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