जयपुर : विभिन्न मांगों को लेकर प्रस्तावित गुर्जर आंदोलन समाज के लोगों ने जुटना शुरू कर दिया है. रविवार की शाम से गुर्जर समाज के लोग पीलूकापुरा में इकट्ठे हुए और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था. आज गुर्जर नेता आंदोलन की आगामी रणनीति तय करेंगे. सूत्रों के अनुसार गुर्जर समाज के लोग अजमेर के मांगलियावास में भी आज एक महापंचायत करेंगे.
सोमवार के दिन एक बार फिर समर्थक गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह के नेतृत्व में जुटेंगे, जिसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि आंदोलन को किस दिशा में आगे ले जाया जाए. गुर्जरों की मांग है कि सरकार सभी मांगों को माने और उसे लिखित आदेश में दे.
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से रविवार के दिन खेल मंत्री अशोक चांदना मिलने के लिए हिंडौन गए थे, लेकिन उन्हें बीच रास्ते ही वापस लौटना पड़ा था. वहीं गहलोत सरकार की ओर से भरतपुर एसडीएम संजय गोयल एक नया समझौता प्रस्ताव लेकर गुर्जरों के बीच पहुंचे. गुर्जर नेता विजय बैंसला ने इस पर सहमति जताने से इनकार कर दिया है.
सूत्रों की मानें तो सरकार पहले बातचीत के रास्ते को वरीयता दे रही है, लेकिन किसी भी तरह की उत्पात की स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश के आठ जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू कर दिया है, जिसके तहत जिला कलेक्टर्स को शक्तियां प्रदान की गई हैं.
इसके अलावा चार जिलों में धारा 144 लागू है. वहीं आंदोलन स्थल पीलूकापुरा तक पहुंचने वाले सभी रूट की रोडवेज बसों के फेरे रद्द कर दिए हैं. वहीं रेलवे प्रशासन भी सतर्कता बरत रहा है. प्रस्तावित महापंचायत स्थल पीलूकापुरा और हिण्डौन सिटी में आरएसी की कई कंपनियां तैनात की गई हैं.
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इससे पहले रविवार के दिन पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर शुरुआत में 200-250 गुर्जर समाज के लोग जमा हुए और इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. शांतिपूर्ण आंदोलन का दावा करने वाले गुर्जर समाज ने पटरियों को उखाड़ना शुरू कर दिया है. इसके अलावा कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और विजय बैंसला अन्य जिलों के गुर्जरों को सड़कों पर जाम लगाने के लिए आह्वान करते दिखाई दिए.
गुर्जर आंदोलन के कारण रेल यातायात प्रभावित हो गया है. हिंडौन सिटी-बयाना रेलखंड पर रेल यातायात अवरुद्ध होने के कारण गाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. गुर्जर आंदोलन को देखते हुए इस रूट पर चलने वाली करीब एक दर्जन ट्रेनों के रूट बदले गए हैं, जिनमें जनशताब्दी, अंबाला, गोल्डन टेंपल और कोटा-निजामुद्दीन शामिल है. कोटा मंडल रेलवे ने भी लंबी दूरी की ट्रेनों को डायवर्ट करने का काम शुरू कर दिया है.