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निर्भया केस: राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी अक्षय कुमार सिंह की दया याचिका - दिल्ली गैंगरेप केस

निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी की सजा नहीं हो सकती है. केंद्र ने हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

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Published : Feb 5, 2020, 9:52 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 8:05 AM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में चार दोषियों में से एक, अक्षय कुमार सिंह की दया याचिका को खारिज कर दिया है. राष्ट्रपति ने इससे पहले दो अन्य दोषियों मुकेश सिंह और विनय कुमार शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी थी.

बता दें कि निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी की सजा नहीं हो सकती है. केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट के अमल पर रोक लगा दी थी. इसको लेकर केंद्र सरकार दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है.दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के कुछ घंटे बाद केंद्र और दिल्ली सरकार ने इसे चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर दी.

पढ़ें: निर्भया केस : हाईकोर्ट का अलग-अलग फांसी देने से इनकार, केंद्र ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि निर्भया मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, ना कि अलग-अलग. अदालत ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषियों की अपील खारिज किए जाने के बाद डेथ वारंट जारी करवाने के लिए कदम नहीं उठाने पर संबंधित प्राधिकारों को जिम्मेदार ठहराया.

निर्भया केस में दुष्कर्मियों को हाईकोर्ट से सात दिन की मोहलत, एक साथ होगी फांसीनिचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों - मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. फिलहाल, चारों दोषी तिहाड़ जेल में हैं.

नई दिल्ली : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में चार दोषियों में से एक, अक्षय कुमार सिंह की दया याचिका को खारिज कर दिया है. राष्ट्रपति ने इससे पहले दो अन्य दोषियों मुकेश सिंह और विनय कुमार शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी थी.

बता दें कि निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी की सजा नहीं हो सकती है. केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट के अमल पर रोक लगा दी थी. इसको लेकर केंद्र सरकार दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है.दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के कुछ घंटे बाद केंद्र और दिल्ली सरकार ने इसे चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर दी.

पढ़ें: निर्भया केस : हाईकोर्ट का अलग-अलग फांसी देने से इनकार, केंद्र ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि निर्भया मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, ना कि अलग-अलग. अदालत ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषियों की अपील खारिज किए जाने के बाद डेथ वारंट जारी करवाने के लिए कदम नहीं उठाने पर संबंधित प्राधिकारों को जिम्मेदार ठहराया.

निर्भया केस में दुष्कर्मियों को हाईकोर्ट से सात दिन की मोहलत, एक साथ होगी फांसीनिचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों - मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. फिलहाल, चारों दोषी तिहाड़ जेल में हैं.

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Last Updated : Feb 29, 2020, 8:05 AM IST
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