ETV Bharat / bharat

बेरोजगारी दर 45 साल में सर्वाधिक, सरकारी आंकड़ों में हुई पुष्टि

सरकार की ओर से यह आंकड़ा ऐसे समय जारी किया गया है, जब नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुए मंत्रियों ने पदभार संभाला. जानें सरकार द्वारा जारी बेरोजगारी से जुड़े आंकड़े...

बेरोजगारी दर 45 साल में सर्वाधिक
author img

By

Published : May 31, 2019, 11:43 PM IST

नई दिल्ली: देश में 2017-18 में बेरोजगारी दर कुल उपलब्ध कार्यबल का 6.1 प्रतिशत रही जो 45 साल में सर्वाधिक रही है. आम चुनाव से ठीक पहले बेरोजगारी से जुड़े आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट लीक हो गयी थी. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में इसकी पुष्टि हुई है.

जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच की लीक हुई आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट में पूर्व के सर्वेक्षण में बेरोजगारी से जुड़े पूर्व के आंकड़ों से तुलना की गयी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी दर पिछले 45 वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गयी है.

विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को दर्ज करने के बाद सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करते हुए सांख्यिकी सचिव प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा, 'यह डिजाइन और आकलन तरीका नया है. इसलिए पू्र्व के सर्वेक्षणों से इसकी तुलना अनुचित होगी. आपका मानना है कि बेरोजगारी दर 45 वर्ष के सबसे उच्च स्तर पर है. मैं इसके 45 वर्ष में कम या उच्च होने का दावा नहीं करता.'

उन्होंने विवरण देते हुए कहा, 'बात यह है कि यह मैट्रिक्स भिन्न है. वर्ष 2017-18 के बाद से आपको नियमित रूप से यह अनुमान प्राप्त होगा और इस (श्रमबल सर्वेक्षण) को आप आधार वर्ष के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. जब हम आकलन के तौर-तरीकों में बदलाव करते हैं तो पुराने अनुमान के साथ उसकी तुलना में दिक्कत होती है क्योंकि उस वर्ष में पूर्व के पैमाने के आधार पर आंकड़ों से तुलना का कोई जरिया नहीं बचता है.'

सरकार द्वारा जारी इन आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्र में रोजगार योग्य युवाओं में 7.8 प्रतिशत बेरोजगार रहे जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 5.3 प्रतिशत रहा.

पढ़ेंः रोजगार पैदा करने वाले लाएंगे स्कीमः श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार

अखिल भारतीय स्तर पर पर पुरूषों की बेरोजगारी दर 6.2 प्रतिशत जबकि महिलाओं के मामले में 5.7 प्रतिशत रही.

इन आंकड़ों में दिखाया गया है कि शहरों में पुरूषों की बेरोजगारी दर ग्रामीण इलाके की 5.8 प्रतिशत की तुलना में 7.1 फीसदी है.

इसी प्रकार शहरों में महिलाओं की बेरोजगारी दर 10.8 प्रतिशत पर है जो कि ग्रामीण इलाकों में 3.8 फीसदी रही है.

नई दिल्ली: देश में 2017-18 में बेरोजगारी दर कुल उपलब्ध कार्यबल का 6.1 प्रतिशत रही जो 45 साल में सर्वाधिक रही है. आम चुनाव से ठीक पहले बेरोजगारी से जुड़े आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट लीक हो गयी थी. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में इसकी पुष्टि हुई है.

जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच की लीक हुई आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट में पूर्व के सर्वेक्षण में बेरोजगारी से जुड़े पूर्व के आंकड़ों से तुलना की गयी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी दर पिछले 45 वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गयी है.

विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को दर्ज करने के बाद सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करते हुए सांख्यिकी सचिव प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा, 'यह डिजाइन और आकलन तरीका नया है. इसलिए पू्र्व के सर्वेक्षणों से इसकी तुलना अनुचित होगी. आपका मानना है कि बेरोजगारी दर 45 वर्ष के सबसे उच्च स्तर पर है. मैं इसके 45 वर्ष में कम या उच्च होने का दावा नहीं करता.'

उन्होंने विवरण देते हुए कहा, 'बात यह है कि यह मैट्रिक्स भिन्न है. वर्ष 2017-18 के बाद से आपको नियमित रूप से यह अनुमान प्राप्त होगा और इस (श्रमबल सर्वेक्षण) को आप आधार वर्ष के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. जब हम आकलन के तौर-तरीकों में बदलाव करते हैं तो पुराने अनुमान के साथ उसकी तुलना में दिक्कत होती है क्योंकि उस वर्ष में पूर्व के पैमाने के आधार पर आंकड़ों से तुलना का कोई जरिया नहीं बचता है.'

सरकार द्वारा जारी इन आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्र में रोजगार योग्य युवाओं में 7.8 प्रतिशत बेरोजगार रहे जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 5.3 प्रतिशत रहा.

पढ़ेंः रोजगार पैदा करने वाले लाएंगे स्कीमः श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार

अखिल भारतीय स्तर पर पर पुरूषों की बेरोजगारी दर 6.2 प्रतिशत जबकि महिलाओं के मामले में 5.7 प्रतिशत रही.

इन आंकड़ों में दिखाया गया है कि शहरों में पुरूषों की बेरोजगारी दर ग्रामीण इलाके की 5.8 प्रतिशत की तुलना में 7.1 फीसदी है.

इसी प्रकार शहरों में महिलाओं की बेरोजगारी दर 10.8 प्रतिशत पर है जो कि ग्रामीण इलाकों में 3.8 फीसदी रही है.

ZCZC
PRI ECO GEN NAT
.NEWDELHI DEL95
BIZ- LD UNEMPLOYMENT
New labour force survey confirms unemployment rate at 6.1 pc in 2017-18
          New Delhi, May 31 (PTI) The unemployment rate in 2017-18 was 6.1 per cent, corroborating the pre-election leaked report that had claimed joblessness at a 45-year high.
          The leaked report on periodic labour force survey (PLFS) from July 2017 to June 2018 had on comparison with previous surveys concluded that the joblessness was at the highest level in 45 years.
          However, releasing the survey report after taking into account the expert committee recommendations, Statistics Secretary Pravin Srivastava told reporter, "It is a new design and a new matrix. It would be unfair to compare it with the past. This 45- year high is your interpretation. I don't want to claim that it is 45-year low or high."
          Elaborating further, he said, "The point is that it is different matrix. From 2017-18 onwards, you will be getting regular estimates and this (labour force survey) can be used as a base. When we change the matrix, it is very difficult to measure (compare) because there is no means to do a retrospective analysis in that year based on earlier matrix."
         The data released by the government on a day when ministers of the Narendra Modi cabinet took charge showed 7.8 per cent of all employable urban youth being jobless, while the percentage for the rural was 5.3 per cent.
         The joblessness among male on all-India basis was 6.2 per cent, while it was 5.7 per cent in case of females.
         It also showed that the unemployment rate for males was higher at 7.1 per cent in cities compared to 5.8 per cent in rural areas.
         Similarly, the joblessness for women was also higher in urban areas at 10.8 per cent compared to 3.8 per cent in rural areas.
         The ministry said the PLFS needs to be seen as a new series for measuring employment and unemployment on an annual basis. It is important to note that with the rise in education levels in the economy and rise in household income levels, the aspiration levels of educated youth have also risen.
         Thus they may no longer be willing to join the labour force or work force requiring low skills and low remuneration. The PLFS results give the distribution of educated and unemployed persons across the country which can be used as a basis for skilling of youth to make them more employable by industry, it said.
         About the National Statistical Commission (NSC), Srivastava said, "The NSC makes its recommendation but the ministry has to consider it. They can only make recommendations. The NSC has the role to see statistical system in entirety in addition to statistics ministry and states. There is no change in the functioning of ministry. The restructuring of ministry was approved by the Cabinet."
         He also informed, "The data for PLFS for January to March will be released next month. We have brought two quarterly data on labour survey. We are coming out with consumption expenditure survey for 2017-18. We are expecting it in June. You can then compare unemployment captured by that survey with PLFS." PTI NKD KKS CS
MKJ
05312036
NNNN
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.