नई दिल्ली : कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया को आर्थिक मोर्चे पर सकारात्मक परिणाम मिलते दिख रहे हैं. महामारी से बचाव के लिए दवा निर्माण में जुटी बहुराष्ट्रीय कंपनी फाइजर ने जब यह एलान किया कि तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल ने बड़ी सफलता मिली है, तो दुनिया के कई शेयर बाजारों में उछाल देखा गया. इस संबंध में वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा है कि लोगों के बीच इस खबर को लेकर सकारात्मक भावनाओं का संचार हुआ है. उन्होंने कहा कि लोगों को आशा की एक किरण नजर आई है और इसी कारण दुनियाभर के प्रमुख शेयर बाजारों में भी उछाल देखा गया है.
उन्होंने कहा कि कई यूरोपीय देशों में कोरोना महामारी का दूसरा दौर (wave) देखा जा रहा है, ऐसे में कोरोना से लड़ने में पिछले छह महीनों में दुनिया भर को जो भी कामयाबी मिली है, वह मिट्टी में मिलती दिख रही है. हालात कोरोना के शुरुआती दिनों जैसे बनते जा रहे हैं. सुनील सिन्हा ने कहा कि इन कठिनाइयों के बीच जब कोरोना का टीका बनाने में सफलता मिलने की खबर सामने आई है, तो लोगों के बीच सकारात्मकता का संचार हुआ है.
बकौल सुनील सिन्हा, कोरोना टीके पर फाइजर की ओर से किया गया एलान किसी सुरंग के दूसरे सिरे पर प्रकाश दिखने की तरह है. उन्होंने कहा कि इस खबर से सभी लोग प्रसन्न हैं और शेयर मार्केट में भी इसी सकारात्मकता के संकेत दिख रहे हैं.
सकारात्मक प्रभाव
अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा अगर अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आती है तो कॉर्पोरेट परिणाम बेहतर होंगे और इसके लिए एक नवाचार की आवश्यकता नहीं होगी. यह अभी वापस सामान्य हो रहा है.
बता दें कि वैश्विक बाजारों के अलावा भारत में में भी शेयर बाजार में उछाल देखा गया. फाइजर के एलान के बीच सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी में रिकॉर्ड उछाल देखा गया था. 30 शेयरों के सूचकांक में बीएसई सेंसेक्स 704 अंक (1.68%) की छलांग लगाकर 42,597 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ ता.
इस पर सुनील सिन्हा ने कहा कि बाजार अनुमान लगा रहा है और इसी अनुमान पर प्रतिक्रिया दे रहा है. उन्होंने कहा कि बाजार तात्कालिक स्थिति पर काम नहीं करता. यह इस बात पर निर्भर करता है कि 4-6 महीनों के बाद कंपनियों के परिणाम क्या होंगे. उन्होंने कहा कि अगर इस महामारी का हल मिलना स्वाभाविक है. छह महीने बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी और सब कुछ वापस पटरी पर आ जाएगा.
बता दें कि दवा कंपनी फाइजर की कोविड-19 की दवा के मामले में अच्छी प्रगति होने की रिपोर्ट आने पर कारोबारी धारणा में सुधार आया है. इसके साथ ही बाजार में विदेशी मुद्रा प्रवाह भी बना हुआ है.