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जेएनयू हिंसा : आईशी घोष समेत अन्य छात्रों से पुलिस की पूछताछ - आईशी घोष

जेएनयू हिंसा मामले में पुलिस ने जिन नौ संदिग्धों की तस्वीरें जारी की थीं, पुलिस की टीम उनसे जेएनयू कैंपस में पूछताछ की. पढ़ें विस्तार से

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आईशी घोष
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Published : Jan 13, 2020, 12:46 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 5:29 PM IST

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हिंसा भड़कने के बाद दिल्ली पुलिस ने नौ संदिग्धों की तस्वीरें जारी की थीं. इन सभी से पुलिस पूछताछ की है. पुलिस ने आइशी का बयान दर्ज कर लिया है. बता दें कि 9 संदिग्धों में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आईशी घोष भी शामिल हैं.

डीसीपी क्राइम, जॉय तिर्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया था कि नौ संदिग्धों में से चार जेएनयू के हैं. पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने हिंसक घटना के कई वीडियो से प्राप्त फुटेज का विश्लेषण करने के बाद संदिग्धों की पहचान की है.

जेएनयू में रविवार को नकाबपोशों द्वारा किए गए हमले में 30 से अधिक छात्रों और प्रोफेसरों को चोटें आईं हैं.

घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की कमान संभाल रहे तिर्की ने कहा था कि वामपंथी छात्र विंग एआईएसए, एआईएसएफ, एसएफआई और डीएसएफ के सदस्यों ने शीतकालीन सत्र के लिए छात्र पंजीकरण में बाधा डालने की कोशिश की थी.

उनके मुताबिक एक जनवरी से पंजीकरण प्रक्रिया में बाधाएं पैदा होने लगीं और पांच जनवरी तक यह जारी रहा, जिसके बाद हिंसा हुई. इस बीच, दिल्ली पुलिस द्वारा नामित घोष और अन्य छात्रों ने इन आरोपों से इनकार किया है.

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हिंसा भड़कने के बाद दिल्ली पुलिस ने नौ संदिग्धों की तस्वीरें जारी की थीं. इन सभी से पुलिस पूछताछ की है. पुलिस ने आइशी का बयान दर्ज कर लिया है. बता दें कि 9 संदिग्धों में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आईशी घोष भी शामिल हैं.

डीसीपी क्राइम, जॉय तिर्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया था कि नौ संदिग्धों में से चार जेएनयू के हैं. पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने हिंसक घटना के कई वीडियो से प्राप्त फुटेज का विश्लेषण करने के बाद संदिग्धों की पहचान की है.

जेएनयू में रविवार को नकाबपोशों द्वारा किए गए हमले में 30 से अधिक छात्रों और प्रोफेसरों को चोटें आईं हैं.

घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की कमान संभाल रहे तिर्की ने कहा था कि वामपंथी छात्र विंग एआईएसए, एआईएसएफ, एसएफआई और डीएसएफ के सदस्यों ने शीतकालीन सत्र के लिए छात्र पंजीकरण में बाधा डालने की कोशिश की थी.

उनके मुताबिक एक जनवरी से पंजीकरण प्रक्रिया में बाधाएं पैदा होने लगीं और पांच जनवरी तक यह जारी रहा, जिसके बाद हिंसा हुई. इस बीच, दिल्ली पुलिस द्वारा नामित घोष और अन्य छात्रों ने इन आरोपों से इनकार किया है.

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Last Updated : Jan 13, 2020, 5:29 PM IST
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