आगरा : राष्ट्रीय नागरिक पंजीका (एनआरसी) और नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देश भर के तमाम शहरों में आगजनी और पथराव की घटनाएं देखने को मिलीं. इस उपद्रव में करोड़ों की संपत्ति खाक हो गई और 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इन सबके बीच मोहब्बत की नगरी आगरा में शांति बनी रही. इसको लेकर माना जा रहा है कि एक बार फिर ताजनगरी ने अमन और भाईचारे की मिसाल पेश की हैं. वहीं शहर में शांति बनाए रखने के लिए एक वर्दीवाला फेरीवाला तक बन गया.
आगरा जिले में मंगलवार को हुलिया बदलकर पुलिस जनता को सुरक्षा देने में तत्पर दिखी. पुलिस को मिले इनपुट के आधार पर बवालियों को चिन्हित करने और उनकी हर गतिविधि जानने के लिए एक चौकी प्रभारी ने अपना पूरा हुलिया ही बदल लिया. इतना ही नहीं सेविंग कराने के साथ ही मूंछे भी मुड़वा दी. वर्दी से फेरीवाले बने एसआई सुनील तोमर दिनभर संवेदनशील इलाके मंटोला में गली-गली घूमे. इस दौरान संदिग्धों की हर गतिविधि पर नजर रखते हुए उन्होंने एक रिपोर्ट तैयार की. इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारी बेहतर रणनीति तैयार कर रही है, जिससे ताजनगरी की कानून व्यवस्था पर कोई आंच न आने पाए. एसआई सुनील कुमार की आउट ऑफ-वे जाकर की गई पुलिसिंग की सराहना पूरा पुलिस महकमा कर रहा है.
माहौल बिगाड़ने की मिली थी जानकारी
आगरा का सबसे संवेदनशील इलाका मंटोला है, जहां पर कई बार बवाल भी हो चुके हैं. पुलिस को बीते शुक्रवार भी जुमे की नमाज के बाद माहौल बिगाड़ने की पूरी जानकारी मिली थी. इस पर पुलिस सक्रिय हुई और हर संदिग्ध पर नजर रखी. इसी क्रम में हुलिया बदलकर पुलिसिंग देखने को मिली. यही वजह रही कि देश भर में चल रहे एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शन के बावजूद जिले में अमन और शांति कायम रही है.
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वरिष्ठ अधिकारियों को बताया इनपुट
एसआई सुनील तोमर को मंगलवार सुबह खबर मिली कि मंटोला में फिरोजाबाद, मेरठ और अन्य दूसरे शहरों के कुछ लोग आकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करेंगे. यह जानकारी एसआई सुनील तोमर ने वरिष्ठ अधिकारियों से साझा की. जिसके बाद अधिकारियों ने संदिग्धों पर नजर रखने के लिए सादे कपड़ों में नजर रखने के निर्देश दिए.
मूंछ मुड़वा कर दारोगा बना फेरीवाला
एसआई सुनील तोमर ने पहले शेविंग की और फिर मूंछ भी मुड़वा दी. फिर एक केला बेचने वाले का पूरा हुलिया बनाने के लिए किराए पर 200 रुपये में केले वाले का ठेला लिया. ठेले वाले से तय हुआ कि जो केले बिकेंगे, उसका पैसा उसे मिलेगा. बाकी 200 रुपये किराया के तौर पर अलग से दिए जाएंगे. इसके साथ ही करीब ढाई सौ रुपये में हुलिया बदलने के लिए पुराने कपड़े और चश्मा खरीदा.
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पांच घंटे गली-गली घूमा दारोगा
वर्दीधारी से फेरीवाले बने एसआई सुनील कुमार मंगलवार दोपहर 12:30 बजे से 5:30 बजे तक गली-गली घूमे. इस दौरान कई बार तो स्थानीय पुलिस और चौराहों पर मौजूद पुलिसकर्मियों से सामना हुआ, लेकिन कोई भी एसआई सुनील कुमार को पहचान नहीं सका. एसआई सुनील तोमर का कहना है कि मंटोला थाना के इंस्पेक्टर भी उन्हें नहीं पहचान सके, जबकि वह उनके सामने से भी निकले थे. शाम को उन्होंने केले का ठेला खड़ा कर दिया और सादा कपड़ों में मिठाई की दुकान, चाय की दुकान और तमाम अन्य जगह जहां पर ज्यादा भीड़भाड़ रहती है, वहां पर बैठकर जानकारियां जुटाई. रात 9 बजे के बाद फिर अधिकारियों को अपनी दिन भर की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी.
एसआई ने आउट ऑफ-वे किया काम
सीओ छत्ता उदयराज सिंह का कहना है कि सुभाष बाजार चौकी के इंचार्ज एसआई सुनील तोमर के पास क्षेत्र में संदिग्धों के आने की जानकारी मिली थी. जिस पर उन्हें साधा कपड़ों में नजर रखने के लिए कहा गया. एसआई सुनील कुमार ने आउट ऑफ-वे जाकर काम किया, जो कि बेहद ही सराहनीय है. इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से प्रमोशन और प्रशस्ति पत्र के लिए भी लिखेंगे.
एसआई ने हुलिया बदलकर पुरानी पुलिस की विधा से जो काम किया है, उसकी सराहना पूरा पुलिस महकमा कर रहा है. दिनभर एसआई सुनील तोमर की चर्चा शहर में होती रही. वहीं एसआई से मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारी रणनीति बना रहे हैं कि किस तरह से आगरा जिले की फिजा में किसी भी तरह का जहर घुलने से बचाया जा सकता है.