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दारोगा ने आगरा की सड़कों पर बेचे केले, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान - सीएए और एनआरसी पर विरोध

सीएए और एनआरसी को लेकर देश भर में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं. इन सबके बीच ताजनगरी आगरा जिले में शांति व्यवस्था कायम रही, जिसकी सबसे बड़ी वजह बेहतर पुलिसिंग को माना जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

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एसआई सुनील तोमर
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Published : Dec 25, 2019, 11:58 PM IST

आगरा : राष्ट्रीय नागरिक पंजीका (एनआरसी) और नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देश भर के तमाम शहरों में आगजनी और पथराव की घटनाएं देखने को मिलीं. इस उपद्रव में करोड़ों की संपत्ति खाक हो गई और 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इन सबके बीच मोहब्बत की नगरी आगरा में शांति बनी रही. इसको लेकर माना जा रहा है कि एक बार फिर ताजनगरी ने अमन और भाईचारे की मिसाल पेश की हैं. वहीं शहर में शांति बनाए रखने के लिए एक वर्दीवाला फेरीवाला तक बन गया.

आगरा जिले में मंगलवार को हुलिया बदलकर पुलिस जनता को सुरक्षा देने में तत्पर दिखी. पुलिस को मिले इनपुट के आधार पर बवालियों को चिन्हित करने और उनकी हर गतिविधि जानने के लिए एक चौकी प्रभारी ने अपना पूरा हुलिया ही बदल लिया. इतना ही नहीं सेविंग कराने के साथ ही मूंछे भी मुड़वा दी. वर्दी से फेरीवाले बने एसआई सुनील तोमर दिनभर संवेदनशील इलाके मंटोला में गली-गली घूमे. इस दौरान संदिग्धों की हर गतिविधि पर नजर रखते हुए उन्होंने एक रिपोर्ट तैयार की. इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारी बेहतर रणनीति तैयार कर रही है, जिससे ताजनगरी की कानून व्यवस्था पर कोई आंच न आने पाए. एसआई सुनील कुमार की आउट ऑफ-वे जाकर की गई पुलिसिंग की सराहना पूरा पुलिस महकमा कर रहा है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट.

माहौल बिगाड़ने की मिली थी जानकारी
आगरा का सबसे संवेदनशील इलाका मंटोला है, जहां पर कई बार बवाल भी हो चुके हैं. पुलिस को बीते शुक्रवार भी जुमे की नमाज के बाद माहौल बिगाड़ने की पूरी जानकारी मिली थी. इस पर पुलिस सक्रिय हुई और हर संदिग्ध पर नजर रखी. इसी क्रम में हुलिया बदलकर पुलिसिंग देखने को मिली. यही वजह रही कि देश भर में चल रहे एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शन के बावजूद जिले में अमन और शांति कायम रही है.

ये भी पढ़ें- संदीप दीक्षित ने कहा- सीएए लाकर फंस गई सरकार

वरिष्ठ अधिकारियों को बताया इनपुट
एसआई सुनील तोमर को मंगलवार सुबह खबर मिली कि मंटोला में फिरोजाबाद, मेरठ और अन्य दूसरे शहरों के कुछ लोग आकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करेंगे. यह जानकारी एसआई सुनील तोमर ने वरिष्ठ अधिकारियों से साझा की. जिसके बाद अधिकारियों ने संदिग्धों पर नजर रखने के लिए सादे कपड़ों में नजर रखने के निर्देश दिए.

मूंछ मुड़वा कर दारोगा बना फेरीवाला
एसआई सुनील तोमर ने पहले शेविंग की और फिर मूंछ भी मुड़वा दी. फिर एक केला बेचने वाले का पूरा हुलिया बनाने के लिए किराए पर 200 रुपये में केले वाले का ठेला लिया. ठेले वाले से तय हुआ कि जो केले बिकेंगे, उसका पैसा उसे मिलेगा. बाकी 200 रुपये किराया के तौर पर अलग से दिए जाएंगे. इसके साथ ही करीब ढाई सौ रुपये में हुलिया बदलने के लिए पुराने कपड़े और चश्मा खरीदा.

ये भी पढ़ें- कन्हैया कुमार ने PM मोदी को बताया इतिहास में फेल, CAA-NRC पर कही ये बातें

पांच घंटे गली-गली घूमा दारोगा
वर्दीधारी से फेरीवाले बने एसआई सुनील कुमार मंगलवार दोपहर 12:30 बजे से 5:30 बजे तक गली-गली घूमे. इस दौरान कई बार तो स्थानीय पुलिस और चौराहों पर मौजूद पुलिसकर्मियों से सामना हुआ, लेकिन कोई भी एसआई सुनील कुमार को पहचान नहीं सका. एसआई सुनील तोमर का कहना है कि मंटोला थाना के इंस्पेक्टर भी उन्हें नहीं पहचान सके, जबकि वह उनके सामने से भी निकले थे. शाम को उन्होंने केले का ठेला खड़ा कर दिया और सादा कपड़ों में मिठाई की दुकान, चाय की दुकान और तमाम अन्य जगह जहां पर ज्यादा भीड़भाड़ रहती है, वहां पर बैठकर जानकारियां जुटाई. रात 9 बजे के बाद फिर अधिकारियों को अपनी दिन भर की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी.

एसआई ने आउट ऑफ-वे किया काम
सीओ छत्ता उदयराज सिंह का कहना है कि सुभाष बाजार चौकी के इंचार्ज एसआई सुनील तोमर के पास क्षेत्र में संदिग्धों के आने की जानकारी मिली थी. जिस पर उन्हें साधा कपड़ों में नजर रखने के लिए कहा गया. एसआई सुनील कुमार ने आउट ऑफ-वे जाकर काम किया, जो कि बेहद ही सराहनीय है. इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से प्रमोशन और प्रशस्ति पत्र के लिए भी लिखेंगे.

एसआई ने हुलिया बदलकर पुरानी पुलिस की विधा से जो काम किया है, उसकी सराहना पूरा पुलिस महकमा कर रहा है. दिनभर एसआई सुनील तोमर की चर्चा शहर में होती रही. वहीं एसआई से मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारी रणनीति बना रहे हैं कि किस तरह से आगरा जिले की फिजा में किसी भी तरह का जहर घुलने से बचाया जा सकता है.

आगरा : राष्ट्रीय नागरिक पंजीका (एनआरसी) और नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देश भर के तमाम शहरों में आगजनी और पथराव की घटनाएं देखने को मिलीं. इस उपद्रव में करोड़ों की संपत्ति खाक हो गई और 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इन सबके बीच मोहब्बत की नगरी आगरा में शांति बनी रही. इसको लेकर माना जा रहा है कि एक बार फिर ताजनगरी ने अमन और भाईचारे की मिसाल पेश की हैं. वहीं शहर में शांति बनाए रखने के लिए एक वर्दीवाला फेरीवाला तक बन गया.

आगरा जिले में मंगलवार को हुलिया बदलकर पुलिस जनता को सुरक्षा देने में तत्पर दिखी. पुलिस को मिले इनपुट के आधार पर बवालियों को चिन्हित करने और उनकी हर गतिविधि जानने के लिए एक चौकी प्रभारी ने अपना पूरा हुलिया ही बदल लिया. इतना ही नहीं सेविंग कराने के साथ ही मूंछे भी मुड़वा दी. वर्दी से फेरीवाले बने एसआई सुनील तोमर दिनभर संवेदनशील इलाके मंटोला में गली-गली घूमे. इस दौरान संदिग्धों की हर गतिविधि पर नजर रखते हुए उन्होंने एक रिपोर्ट तैयार की. इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारी बेहतर रणनीति तैयार कर रही है, जिससे ताजनगरी की कानून व्यवस्था पर कोई आंच न आने पाए. एसआई सुनील कुमार की आउट ऑफ-वे जाकर की गई पुलिसिंग की सराहना पूरा पुलिस महकमा कर रहा है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट.

माहौल बिगाड़ने की मिली थी जानकारी
आगरा का सबसे संवेदनशील इलाका मंटोला है, जहां पर कई बार बवाल भी हो चुके हैं. पुलिस को बीते शुक्रवार भी जुमे की नमाज के बाद माहौल बिगाड़ने की पूरी जानकारी मिली थी. इस पर पुलिस सक्रिय हुई और हर संदिग्ध पर नजर रखी. इसी क्रम में हुलिया बदलकर पुलिसिंग देखने को मिली. यही वजह रही कि देश भर में चल रहे एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शन के बावजूद जिले में अमन और शांति कायम रही है.

ये भी पढ़ें- संदीप दीक्षित ने कहा- सीएए लाकर फंस गई सरकार

वरिष्ठ अधिकारियों को बताया इनपुट
एसआई सुनील तोमर को मंगलवार सुबह खबर मिली कि मंटोला में फिरोजाबाद, मेरठ और अन्य दूसरे शहरों के कुछ लोग आकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करेंगे. यह जानकारी एसआई सुनील तोमर ने वरिष्ठ अधिकारियों से साझा की. जिसके बाद अधिकारियों ने संदिग्धों पर नजर रखने के लिए सादे कपड़ों में नजर रखने के निर्देश दिए.

मूंछ मुड़वा कर दारोगा बना फेरीवाला
एसआई सुनील तोमर ने पहले शेविंग की और फिर मूंछ भी मुड़वा दी. फिर एक केला बेचने वाले का पूरा हुलिया बनाने के लिए किराए पर 200 रुपये में केले वाले का ठेला लिया. ठेले वाले से तय हुआ कि जो केले बिकेंगे, उसका पैसा उसे मिलेगा. बाकी 200 रुपये किराया के तौर पर अलग से दिए जाएंगे. इसके साथ ही करीब ढाई सौ रुपये में हुलिया बदलने के लिए पुराने कपड़े और चश्मा खरीदा.

ये भी पढ़ें- कन्हैया कुमार ने PM मोदी को बताया इतिहास में फेल, CAA-NRC पर कही ये बातें

पांच घंटे गली-गली घूमा दारोगा
वर्दीधारी से फेरीवाले बने एसआई सुनील कुमार मंगलवार दोपहर 12:30 बजे से 5:30 बजे तक गली-गली घूमे. इस दौरान कई बार तो स्थानीय पुलिस और चौराहों पर मौजूद पुलिसकर्मियों से सामना हुआ, लेकिन कोई भी एसआई सुनील कुमार को पहचान नहीं सका. एसआई सुनील तोमर का कहना है कि मंटोला थाना के इंस्पेक्टर भी उन्हें नहीं पहचान सके, जबकि वह उनके सामने से भी निकले थे. शाम को उन्होंने केले का ठेला खड़ा कर दिया और सादा कपड़ों में मिठाई की दुकान, चाय की दुकान और तमाम अन्य जगह जहां पर ज्यादा भीड़भाड़ रहती है, वहां पर बैठकर जानकारियां जुटाई. रात 9 बजे के बाद फिर अधिकारियों को अपनी दिन भर की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी.

एसआई ने आउट ऑफ-वे किया काम
सीओ छत्ता उदयराज सिंह का कहना है कि सुभाष बाजार चौकी के इंचार्ज एसआई सुनील तोमर के पास क्षेत्र में संदिग्धों के आने की जानकारी मिली थी. जिस पर उन्हें साधा कपड़ों में नजर रखने के लिए कहा गया. एसआई सुनील कुमार ने आउट ऑफ-वे जाकर काम किया, जो कि बेहद ही सराहनीय है. इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से प्रमोशन और प्रशस्ति पत्र के लिए भी लिखेंगे.

एसआई ने हुलिया बदलकर पुरानी पुलिस की विधा से जो काम किया है, उसकी सराहना पूरा पुलिस महकमा कर रहा है. दिनभर एसआई सुनील तोमर की चर्चा शहर में होती रही. वहीं एसआई से मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारी रणनीति बना रहे हैं कि किस तरह से आगरा जिले की फिजा में किसी भी तरह का जहर घुलने से बचाया जा सकता है.

Intro:स्पेशल : श्री सर शैलेंद्र जी और श्री सर विश्वनाथ जी के ध्यानार्थ. स्पेशल पैकेज के लिए.
आगरा.
एनआरसी और सीएए को विरोध में जहां सूबे के तमाम शहरों में बवाल हुआ. आगजनी और पथराव हुआ. करोड़ों की संपत्ति खाक हो गई और 20 से ज्यादा जान चली गई. मगर मोहब्बत की नगरी आगरा शांत रहा. एक बार फिर सुलहकुल नगरी ने अमन और भाईचारे की मिसाल पेश की. आगरा में मंगलवार हुलिया बदल कर सुरागरसी करने की पुलिसिंग देखने को मिली. पुलिस को मिले इनपुट के आधार पर बवालियों को चिन्हित करने और उनकी हर गतिविधि जानने के लिए एक चौकी प्रभारी ने अपना पूरा हुलिया बदललिया. सेविंग कराने के साथ ही मुझे भी मुड़वा दी. वर्दीवाला फिर फेरीवाला बन गया. वर्दी से फेरीवाले बने एसआई सुनील तोमर ने दिनभर संवेदनशील इलाके मंटोला में गली-गली घूमा. संदिग्धों की हर गतिविधि पर नजर रखी और एक रिपोर्ट तैयार की. इस रिपोर्ट के आधार पर अब पुलिस अधिकारी बेहतर रणनीति तैयार कर रही है. जिससे ताजनगरी की कानून व्यवस्था को कोई आंच नहीं आए. एसआई सुनील कुमार की आउट ऑफ वे जाकर की गई पुलिसिंग की अब सराहना पूरा पुलिस महकमा कर रहा है.


Body:आगरा का सबसे संवेदनशील इलाका मंटोला है. यहां पर कई बार बवाल भी हो चुके हैं. पुलिस को बीते शुक्रवार भी जुमे की नमाज के बाद माहौल बिगाड़ने की पूरी जानकारी मिली थी. इस पर पुलिस सक्रिय हुई और हर संदिग्ध पर नजर रखी. यही वजह रही कि राम मंदिर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से 6 दिसंबर और अभी देश भर में चल रहे एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शन में आगरा में अमन और शांति है.

इनपुट बताया वरिष्ठ अधिकारियों को
मंटोला थाना की सुभाषबाजार पुलिस चौकी के इंचार्ज एसआई सुनील तोमर को मंगलवार सुबह खबर मिली कि मंटोला में फिरोजाबाद, मेरठ और अन्य दूसरे शहरों के कुछ लोग आकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करेंगे. यह जानकारी एसआई सुनील तोमर ने वरिष्ठ अधिकारियों से साझा की. अधिकारियों ने संदिग्धों पर नजर रखने के लिए सादा कपड़ों में नजर रखने के निर्देश दिए.

मूंछ मुड़वा कर बना फेरीवाला
एसआई सुनील तोमर ने पहलि सेविंग की और मूंछ भी मुड़वा दी. फिर एक केला बेचने वाले का पूरा हुलिया बनाने के लिए किराए पर ₹200 में केले वाले की ठेल ली. ठेले वाले से तय हुआ कि, जो केले बिकेंगे उसका पैसा उसे मिलेगा. बाकी ₹200 उसे भी किराया बतौर मिलेंगे. इसके साथ ही करीब ढाई सौ रुपए में हुलिया बदलने के लिए पुराने कपड़े और चश्मा खरीदा.

पांच घंटे गली गली घूमा
वर्दीधारी से फेरीवाला बने एसआई सुनील कुमार मंगलवार दोपहर 12:30 बजे से साढ़े पांच बजे तक गली-गली घुमा. कई बार मेरा स्थानीय पुलिस और चौराहों पर मौजूद पुलिसकर्मियों से सामना हुआ लेकिन कोई भी एसआई सुनील कुमार को पहचान नहीं सका. एसआई सुनील तोमर का कहना है कि, मंटोला थाना के इंस्पेक्टर भी मुझे नहीं पहचान सके. मैं उनके सामने से भी निकला था. शाम को मैंने केले का ठेला खड़ा कर दिया और सादा कपड़ों में मिठाई की दुकान, चाय की दुकान और तमाम अन्य जगह जहां पर ज्यादा भीड़भाड़ रहती है. वहां पर बैठकर जानकारियां जुटाई. रात 9 बजे के बाद फिर मैंने अधिकारियों को अपनी दिन भर की डिटेल की जानकारी. मैंने जिसके लिए हुलिया बदला था, उस काम में मैं काफी हद तक सफल रहा हूं. तमाम ऐसी जानकारियां मिली हैं, जिन्हें वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया है.
यहां पर घूमा फेरीवाला एसआई
मंटोला, मदीना तिराहा, टीला अजमेरी, बर्फ वाली गली, कंगाल पाड़ा, सुभाष बाजार के साथ ही आसपास की अन्य तमाम गलियों और चौराहों पर एसआई सुनील तोमर फेरीवाला बनकर घुमा.

एसआई ने आउट ऑफ वे किया काम
सीओ छत्ता उदय राज सिंह का कहना है कि सुभाष बाजार चौकी के इंचार्ज एसआई सुनील तोमर के पास क्षेत्र में संदिग्धों के आने की जानकारी मिली थी. जिस पर उन्हें साधा कपड़ों में नजर रखने के लिए कहा गया. एसआई सुनील कुमार ने आउट ऑफ वे जाकर काम किया. जो सराहनीय है. इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से प्रमोशन और प्रशस्ति पत्र के लिए भी लिखेंगे.





Conclusion:एसआई ने हुलिया बदल करके पुरानी पुलिस की विधा से जो काम किया है. उसकी सराहना पूरा पुलिस महकमा कर रहा है. दिनभर एसआई सुनील तोमर की चर्चा शहर में होती रही.
एसआई की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारी रणनीति बना रहे हैं, कि किस तरह से आगरा की फिजा में किसी भी तरह का जहर घुलने से बचाया जा सकता है. और यहां अमन और शांति कायम रखी जा सकती है.
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बाइट सुनील तोमर, एसआई ( सुभाषबाजार पुलिस चौकी के इंचार्ज) ( सिर पर खाकी कैप और नीले रंग की जैकेट पहने है)
बाइट उदयराज सिंह, सीओ छत्ता (आगरा) की। (पहचान सिर पर नीली कैप)

डेस्क ध्यानार्थ....इस खबर के वीडियो रैप से भेज रहा हूँ.
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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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