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मोदी के बयान पर पीएमओ बोला- चीन के कब्जे की कोशिश को सैनिकों ने किया नाकाम

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Published : Jun 20, 2020, 3:13 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 5:27 PM IST

सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की के बयान पर स्पष्टीकरण दिया है. पीएमओ ने बयान जारी कहा है कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया.

पीएम मोदी
पीएम मोदी

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुए संघर्ष के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक में की गई टिप्पणियों की आलोचना को प्रधानमंत्री कार्यालय ने शरारतपूर्ण व्याख्या करार दिया.

मोदी ने इस बैठक में कहा था कि भारतीय क्षेत्र में कोई नहीं घुसा है और न ही किसी सैन्य चौकी पर कब्जा हुआ है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को हुई बैठक में मोदी की टिप्पणियां गलवान घाटी में 15 जून के घटनाक्रम पर केंद्रित थीं जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए.

PMO issues clarification over Modi comments-
पीएमओ का स्पष्ट्रीकरण

इसमें कहा गया, 'प्रधानमंत्री की इन टिप्पणियां का, कि एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर हमारी तरफ कोई चीनी मौजूदगी नहीं है, संबंध हमारे सशस्त्र बलों की वीरता के परिणाम संबंधी उत्पन्न स्थिति से था.'

राहुल गांधी बोले, प्रधानमंत्री ने भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया

कांग्रेस तथा रणनीतिक मामलों के कई विशेषज्ञों ने मोदी की टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि यदि चीनी सेना ने गलवान घाटी में कोई अतिक्रमण नहीं किया है तो भारतीय सैनिकों की जान कहां गई. उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या मोदी ने गतिरोध को लेकर चीन को क्लीन चिट दे दी है.

पीएमओ ने कहा, '16 बिहार रेजीमेंट के हमारे सैनिकों के बलिदान ने चीनी पक्ष के ढांचा खड़ा करने के प्रयास को विफल कर दिया और उस दिन एलएसी के इस बिन्दु पर अतिक्रमण के प्रयास को भी निष्फल कर दिया.'

बयान में कहा गया, 'प्रधानमंत्री के शब्दों जिन्होंने हमारी भूमि पर अतिक्रमण की कोशिश की, उन्हें देश के वीर सपूतों ने मुंहतोड़ जवाब दिया में सारगर्भित ढंग से हमारे सशस्त्र बलों की विशेषताएं तथा मूल्य समाहित हैं.'

पीएमओ ने कहा कि मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत के सशस्त्र बल देश की सीमाओं की रक्षा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.

इसमें कहा गया, 'शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों की कुछ हलकों में शरारतपूर्ण व्याख्या करने की कोशिश की जा रही है.'

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुए संघर्ष के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक में की गई टिप्पणियों की आलोचना को प्रधानमंत्री कार्यालय ने शरारतपूर्ण व्याख्या करार दिया.

मोदी ने इस बैठक में कहा था कि भारतीय क्षेत्र में कोई नहीं घुसा है और न ही किसी सैन्य चौकी पर कब्जा हुआ है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को हुई बैठक में मोदी की टिप्पणियां गलवान घाटी में 15 जून के घटनाक्रम पर केंद्रित थीं जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए.

PMO issues clarification over Modi comments-
पीएमओ का स्पष्ट्रीकरण

इसमें कहा गया, 'प्रधानमंत्री की इन टिप्पणियां का, कि एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर हमारी तरफ कोई चीनी मौजूदगी नहीं है, संबंध हमारे सशस्त्र बलों की वीरता के परिणाम संबंधी उत्पन्न स्थिति से था.'

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कांग्रेस तथा रणनीतिक मामलों के कई विशेषज्ञों ने मोदी की टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि यदि चीनी सेना ने गलवान घाटी में कोई अतिक्रमण नहीं किया है तो भारतीय सैनिकों की जान कहां गई. उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या मोदी ने गतिरोध को लेकर चीन को क्लीन चिट दे दी है.

पीएमओ ने कहा, '16 बिहार रेजीमेंट के हमारे सैनिकों के बलिदान ने चीनी पक्ष के ढांचा खड़ा करने के प्रयास को विफल कर दिया और उस दिन एलएसी के इस बिन्दु पर अतिक्रमण के प्रयास को भी निष्फल कर दिया.'

बयान में कहा गया, 'प्रधानमंत्री के शब्दों जिन्होंने हमारी भूमि पर अतिक्रमण की कोशिश की, उन्हें देश के वीर सपूतों ने मुंहतोड़ जवाब दिया में सारगर्भित ढंग से हमारे सशस्त्र बलों की विशेषताएं तथा मूल्य समाहित हैं.'

पीएमओ ने कहा कि मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत के सशस्त्र बल देश की सीमाओं की रक्षा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.

इसमें कहा गया, 'शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों की कुछ हलकों में शरारतपूर्ण व्याख्या करने की कोशिश की जा रही है.'

Last Updated : Jun 20, 2020, 5:27 PM IST
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