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साल 2020 को लेकर बोले पीएम मोदी- भारत के लिए यह आंतरिक खोज का वर्ष - pm narendra modi

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि महामारी के बीच भारत न केवल दृढ़ रहा है, बल्कि दुनिया के लिए एक फार्मेसी के रूप में उभरा है. ये साल कई व्यवधान के बावजूद आंतरिक खोज के लिए जाना जाएगा. पीएम ने कहा, पूरी दुनिया के सामने कोविड-19 महामारी ने भारत के राष्ट्रीय चरित्र को रखा है.

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पीएम नरेंद्र मोदी
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Published : Dec 1, 2020, 5:29 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक कोविड-19 महामारी ने भारत के राष्ट्रीय चरित्र को पूरी दुनिया के सामने रखा है. इसके साथ ही 2020 को बाहरी व्यवधान के बजाए आंतरिक खोज के लिए जाना जाएगा.

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लोगों ने आश्चर्य जताया कि किस तरह भारतीयों ने चाहे गरीब हो या अमीर, युवा या वृद्ध, ग्रामीण या शहरी, सभी ने अप्रत्याशित संकट के समय जिम्मेदारी, अनुशासित रवैया दिखाया और कानून का पालन किया.

'आंतरिक खोज के तौर पर जाना जाएगा'
पीएम मोदी ने मनोरमा इयरबुक 2021 के लिए एक खास आलेख में लिखा है, महामारी के कारण कोई 2020 को बाहरी व्यवधान का वर्ष कह सकता है, लेकिन मेरा अटूट विश्वास है कि 2020 को बाहरी व्यवधान के वर्ष के तौर पर नहीं, बल्कि हमारे समाज और हमारे राष्ट्र के लिए आंतरिक खोज के तौर पर जाना जाएगा.

पढ़ें: हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने का बाबा रामदेव ने किया समर्थन, कही ये बड़ी बात

पिछले 24 घंटे में कोरोना के 94 लाख से ज्यादा मामले

कई भारतीय दवा कंपनियां कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए काम कर रही हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सोमवार तक कोविड-19 के 94 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं और इनमें से 88,50,000 लोग ठीक हो चुके हैं. संक्रमण के कारण अब तक 1,37,139 लोगों की मौत हुई है.

'भारत ने दुनिया भर में भेजी जीवनरक्षक दवाइयां'
आलेख में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मुश्किल परिस्थितियों के बीच भारत न केवल दृढ़ बना रहा, बल्कि दुनिया की भी मदद की. उन्होंने कहा, भारत ने दुनिया भर में दूरदराज वाले क्षेत्रों में जीवनरक्षक दवाइयां भेजीं और अपने लोगों के लिए भी इसकी कमी नहीं होने दी.

पीपीई उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर
प्रधानमंत्री ने लिखा, महामारी के बाद कोविड-19 के हमारे योद्धा और मजबूत होकर उभरेंगे और भारत का नेतृत्व करेंगे. युद्धस्तर पर उल्लेखनीय प्रयासों के कारण पीपीई उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर हो गया.

अनगिनत गुमनाम नायकों की भागीदारी
प्रधानमंत्री ने कहा कि एंबुलेंस ड्राइवरों से लेकर दवा दुकानदारों, सुरक्षाकर्मियों से लेकर पड़ोस के दुकानदारों जैसे अनगिनत गुमनाम नायकों ने सामाजिक दूरी, मास्क पहनने और डिजिटल भुगतान को अपनाकर कठिन हालात में भी हमारी जिंदगी को आसान बनाया.

पढ़ें: ममता बनर्जी ने कृषि कानूनों को असंवैधानिक बताया, कहा- किसी को भी चैलेंज कर सकता है बंगाल

स्थानीय प्रतिभा का सम्मान
पीएम ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सुधार कदमों से देश की विकास यात्रा को मजबूती मिली है. 'आत्मनिर्भर भारत' के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि भारत और प्रतिस्पर्धी हो गया है, ऐसा भारत जो ज्यादा उत्पादक है और ऐसा भारत जो स्थानीय प्रतिभा का सम्मान करता है.

कुशल मानव संसाधनों का फायदा
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत से वैश्विक आपूर्ति कड़ी में भारत की भूमिका बढ़ेगी. ज्यादा वैश्विक कारोबार भारत की नीतियों, कम दर, कुशल मानव संसाधनों का फायदा उठाने के लिए आएंगे.

'आत्मनिर्भरता पर दिया जाएगा और ध्यान'
पीएम मोदी ने लिखा, कोविड-19 महामारी ने दिखाया है कि प्रौद्योगिकी एक सेतु का काम कर सकती है. वैश्विक शिखर सम्मेलन, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और हर किसी का काम ऑनलाइन हुआ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दृष्टिकोण है कि आगामी वर्ष में प्रोद्यौगिकी में आत्मनिर्भरता पर और ध्यान दिया जाएगा.

मुख्य संपादक मैमन मैथ्यू ने कहा, इयरबुक में 25 खंड हैं और कोविड के बाद के दौर के करियर के बारे में भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोविड के कारण पड़े बोझ, 'वर्क फ्रॉम होम', भारत-पाक और चीन-भारत संबंधों समेत कई विषयों पर इसमें आलेख है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक कोविड-19 महामारी ने भारत के राष्ट्रीय चरित्र को पूरी दुनिया के सामने रखा है. इसके साथ ही 2020 को बाहरी व्यवधान के बजाए आंतरिक खोज के लिए जाना जाएगा.

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लोगों ने आश्चर्य जताया कि किस तरह भारतीयों ने चाहे गरीब हो या अमीर, युवा या वृद्ध, ग्रामीण या शहरी, सभी ने अप्रत्याशित संकट के समय जिम्मेदारी, अनुशासित रवैया दिखाया और कानून का पालन किया.

'आंतरिक खोज के तौर पर जाना जाएगा'
पीएम मोदी ने मनोरमा इयरबुक 2021 के लिए एक खास आलेख में लिखा है, महामारी के कारण कोई 2020 को बाहरी व्यवधान का वर्ष कह सकता है, लेकिन मेरा अटूट विश्वास है कि 2020 को बाहरी व्यवधान के वर्ष के तौर पर नहीं, बल्कि हमारे समाज और हमारे राष्ट्र के लिए आंतरिक खोज के तौर पर जाना जाएगा.

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पिछले 24 घंटे में कोरोना के 94 लाख से ज्यादा मामले

कई भारतीय दवा कंपनियां कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए काम कर रही हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सोमवार तक कोविड-19 के 94 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं और इनमें से 88,50,000 लोग ठीक हो चुके हैं. संक्रमण के कारण अब तक 1,37,139 लोगों की मौत हुई है.

'भारत ने दुनिया भर में भेजी जीवनरक्षक दवाइयां'
आलेख में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मुश्किल परिस्थितियों के बीच भारत न केवल दृढ़ बना रहा, बल्कि दुनिया की भी मदद की. उन्होंने कहा, भारत ने दुनिया भर में दूरदराज वाले क्षेत्रों में जीवनरक्षक दवाइयां भेजीं और अपने लोगों के लिए भी इसकी कमी नहीं होने दी.

पीपीई उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर
प्रधानमंत्री ने लिखा, महामारी के बाद कोविड-19 के हमारे योद्धा और मजबूत होकर उभरेंगे और भारत का नेतृत्व करेंगे. युद्धस्तर पर उल्लेखनीय प्रयासों के कारण पीपीई उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर हो गया.

अनगिनत गुमनाम नायकों की भागीदारी
प्रधानमंत्री ने कहा कि एंबुलेंस ड्राइवरों से लेकर दवा दुकानदारों, सुरक्षाकर्मियों से लेकर पड़ोस के दुकानदारों जैसे अनगिनत गुमनाम नायकों ने सामाजिक दूरी, मास्क पहनने और डिजिटल भुगतान को अपनाकर कठिन हालात में भी हमारी जिंदगी को आसान बनाया.

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स्थानीय प्रतिभा का सम्मान
पीएम ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सुधार कदमों से देश की विकास यात्रा को मजबूती मिली है. 'आत्मनिर्भर भारत' के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि भारत और प्रतिस्पर्धी हो गया है, ऐसा भारत जो ज्यादा उत्पादक है और ऐसा भारत जो स्थानीय प्रतिभा का सम्मान करता है.

कुशल मानव संसाधनों का फायदा
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत से वैश्विक आपूर्ति कड़ी में भारत की भूमिका बढ़ेगी. ज्यादा वैश्विक कारोबार भारत की नीतियों, कम दर, कुशल मानव संसाधनों का फायदा उठाने के लिए आएंगे.

'आत्मनिर्भरता पर दिया जाएगा और ध्यान'
पीएम मोदी ने लिखा, कोविड-19 महामारी ने दिखाया है कि प्रौद्योगिकी एक सेतु का काम कर सकती है. वैश्विक शिखर सम्मेलन, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और हर किसी का काम ऑनलाइन हुआ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दृष्टिकोण है कि आगामी वर्ष में प्रोद्यौगिकी में आत्मनिर्भरता पर और ध्यान दिया जाएगा.

मुख्य संपादक मैमन मैथ्यू ने कहा, इयरबुक में 25 खंड हैं और कोविड के बाद के दौर के करियर के बारे में भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोविड के कारण पड़े बोझ, 'वर्क फ्रॉम होम', भारत-पाक और चीन-भारत संबंधों समेत कई विषयों पर इसमें आलेख है.

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