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सर्वदलीय बैठक : उद्धव बोले- दुश्मन की आंखें निकालकर हाथ में दे देना चाहिए

भारत-चीन मामले पर प्रधानमंत्री मोदी की सर्वदलीय बैठक की. यह बैठक भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने 20 जवानों की शहादत के बाद विपक्षी के दलों के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया था. इस बैठक 20 प्रमुख पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

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Published : Jun 19, 2020, 5:02 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 9:11 PM IST

नई दिल्ली : भारत-चीन तनाव के बीच जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक की. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के सामने प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपने विचार सामने रखे. यह वर्चुअल मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपन्न हुई.

सर्वदलीय बैठक में महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा,'भारत शांति चाहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं. चीन का स्वभाव विश्वासघात का है. भारत 'मजबूत' है 'मज़बूर' नहीं. हमारी सरकार की क्षमता है.'आंखें निकालकर हाथ में दे देना.'

सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी क्षेत्र में कोई भी नहीं घुसा है. न ही हमारी किसी पोस्ट पर किसी ने कब्जा किया. लद्दाख में हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं, लेकिन दुश्मनों को सबक सिखाकर गए हैं. जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वह कर रही हैं. आज हमारे पास ये क्षमता है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता. आज भारत की सेनाएं, अलग-अलग क्षेत्र में एक साथ गतिविधियां करने में भी सक्षम है.

पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए, बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को प्राथमिकता दी है. हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं, जैसे लड़ाकू विमान, आधुनिक हेलीकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बल दिया है.

पीएम मोदी ने कहा कि नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर एलएसी में अब हमारी पेट्रोलिंग की क्षमता भी बढ़ गई है. पेट्रोलिंग बढ़ने की वजह से अब सतर्कता बढ़ी है और एलएसी पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी समय पर पता चलता है. जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान, अच्छी तरह से निगरानी कर रहे हैं और अच्छा नतीज मिल रहा है.

अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं तो तनाव बढ़ता है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, सर्वदलीय बैठक बहुत पहले हो जानी चाहिए थी. राष्ट्र को आश्वासन की आवश्यकता है कि यथास्थिति बहाल हो. माउंटेन स्ट्राइक कोर की वर्तमान स्थिति क्या है? विपक्षी दलों को नियमित रूप से जानकारी दी जानी चाहिए.

सर्वदलीय बैठक में जेडीयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'चीन के खिलाफ देशभर में गुस्सा है. हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए. हम एक साथ हैं. समय की मांग है कि सब एकजुट रहें. हम एक साथ हैं. केंद्र सरकार के हर फैसले में उनके साथ हैं.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है.

पढ़ें : भारत-चीन सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

बैठक में टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'सर्वदलीय बैठक राष्ट्र के लिए एक अच्छा संदेश है. यह दिखाता है कि हम अपने जवानों के पीछे एकजुट हैं. चीन डेमोक्रेसी नहीं है. वह एक तानाशाही हैं. वह वही कर सकते हैं जो वह महसूस करते हैं. दूसरी ओर, हमें एक साथ काम करना होगा. भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा. एकता के साथ बोलिए. एकता के साथ सोचें. एकता के साथ काम करें. हम सरकार के साथ हैं.

बैठक में गृहमंत्री, रक्षा मंत्री विदेश मंत्री के साथ 20 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि टीआरएस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूद थीं.

इस डिजिटल बैठक की शुरुआत में उन 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई, जो पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हो गए थे.

प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शहीद जवानों के सम्मान में खड़े होकर कुछ देर मौन रखा. शुरुआत में सिंह और जयशंकर ने टकराव के बारे में बात की.

सरकार ने प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था.

कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि सीमा पर स्थिति के बारे में उसे पारदर्शी होना चाहिए। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना भी की है.

मोदी ने जोर दिया है कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमारे सैनिकों ने कर्तव्य के प्रति अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान किया.

नई दिल्ली : भारत-चीन तनाव के बीच जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक की. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के सामने प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपने विचार सामने रखे. यह वर्चुअल मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपन्न हुई.

सर्वदलीय बैठक में महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा,'भारत शांति चाहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं. चीन का स्वभाव विश्वासघात का है. भारत 'मजबूत' है 'मज़बूर' नहीं. हमारी सरकार की क्षमता है.'आंखें निकालकर हाथ में दे देना.'

सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी क्षेत्र में कोई भी नहीं घुसा है. न ही हमारी किसी पोस्ट पर किसी ने कब्जा किया. लद्दाख में हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं, लेकिन दुश्मनों को सबक सिखाकर गए हैं. जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वह कर रही हैं. आज हमारे पास ये क्षमता है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता. आज भारत की सेनाएं, अलग-अलग क्षेत्र में एक साथ गतिविधियां करने में भी सक्षम है.

पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए, बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को प्राथमिकता दी है. हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं, जैसे लड़ाकू विमान, आधुनिक हेलीकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बल दिया है.

पीएम मोदी ने कहा कि नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर एलएसी में अब हमारी पेट्रोलिंग की क्षमता भी बढ़ गई है. पेट्रोलिंग बढ़ने की वजह से अब सतर्कता बढ़ी है और एलएसी पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी समय पर पता चलता है. जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान, अच्छी तरह से निगरानी कर रहे हैं और अच्छा नतीज मिल रहा है.

अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं तो तनाव बढ़ता है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, सर्वदलीय बैठक बहुत पहले हो जानी चाहिए थी. राष्ट्र को आश्वासन की आवश्यकता है कि यथास्थिति बहाल हो. माउंटेन स्ट्राइक कोर की वर्तमान स्थिति क्या है? विपक्षी दलों को नियमित रूप से जानकारी दी जानी चाहिए.

सर्वदलीय बैठक में जेडीयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'चीन के खिलाफ देशभर में गुस्सा है. हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए. हम एक साथ हैं. समय की मांग है कि सब एकजुट रहें. हम एक साथ हैं. केंद्र सरकार के हर फैसले में उनके साथ हैं.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है.

पढ़ें : भारत-चीन सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

बैठक में टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'सर्वदलीय बैठक राष्ट्र के लिए एक अच्छा संदेश है. यह दिखाता है कि हम अपने जवानों के पीछे एकजुट हैं. चीन डेमोक्रेसी नहीं है. वह एक तानाशाही हैं. वह वही कर सकते हैं जो वह महसूस करते हैं. दूसरी ओर, हमें एक साथ काम करना होगा. भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा. एकता के साथ बोलिए. एकता के साथ सोचें. एकता के साथ काम करें. हम सरकार के साथ हैं.

बैठक में गृहमंत्री, रक्षा मंत्री विदेश मंत्री के साथ 20 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि टीआरएस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूद थीं.

इस डिजिटल बैठक की शुरुआत में उन 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई, जो पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हो गए थे.

प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शहीद जवानों के सम्मान में खड़े होकर कुछ देर मौन रखा. शुरुआत में सिंह और जयशंकर ने टकराव के बारे में बात की.

सरकार ने प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था.

कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि सीमा पर स्थिति के बारे में उसे पारदर्शी होना चाहिए। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना भी की है.

मोदी ने जोर दिया है कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमारे सैनिकों ने कर्तव्य के प्रति अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान किया.

Last Updated : Jun 19, 2020, 9:11 PM IST
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