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COP-14 में पीएम मोदी, 'सिंगल यूज प्लास्टिक पर दुनिया लगाए बैन'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP) के 14वें अधिवेशन को संबोधित किया. बता दें, भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को इस सप्ताह कॉप 14 सम्मेलन का अध्यक्ष चुना गया है. वह अगले दो वर्ष तक इस संस्था की अध्यक्षता करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 9, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 11:17 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में संयुक्त राष्ट्र के कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP) के 14वें अधिवेशन का आयोजन किया गया है. पीएम मोदी ने इसे संबोधित करते हुए कहा कि भारत सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने जा रहा है, दुनिया के दूसरे देश भी हमारा साथ दें.

  • उन्होंने कहा कि भारत पानी बचाने, पानी का सही इस्तेमाल करने की ओर कदम बढ़ा चुका है. भारत ने ग्रीन कवर को बढ़ाया है.
  • पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया में पानी की समस्या काफी बढ़ी है. दुनिया को आज पानी बचाने पर एक सेमिनार की जरूरत है.
  • उन्होंने कहा कि आज दुनिया में लोगों को क्लाइमेट चेंज पर नकारात्मक सोच का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से समुद्रों का जल स्तर बढ़ रहा है, बारिश, बाढ़ और तूफान हर जगह इसका असर देखने को मिल रहा है.
  • COP 14 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के संस्कारों धरती को पवित्र माना जाता है. हम हर सुबह जमीन पर पैर रखने से पहले उससे माफी मांगते हैं.
  • पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने तीनों सम्मेलनों के लिए वैश्विक सभा की मेजबानी की है. उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता और भूमि क्षरण के मुद्दे के समाधान में दक्षिण-दक्षिण सहयोग की पहल के प्रस्ताव से खुश है.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु और पर्यावरण जैव विविधता और भूमि दोनों को प्रभावित करते हैं. जलवायु परिवर्तन भी विभिन्न प्रकार के भूमि क्षरण का कारण बन रहा है, जो समुद्र के स्तर में वृद्धि, अनियमित वर्षा और तूफान, गर्म तापमान और रेत के तूफानों का कारण बन रहा है.
  • इस दौरान मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन में सभी पार्टियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मैं सम्मेलन के 14 वें सत्र में आप सभी का भारत में स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि भारत दो साल तक सीओपी प्रेसीडेंसी को संभालने के लिए एक प्रभावी योगदान देने के लिए भी तत्पर है.

बता दें, इस दौरान जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और बढ़ते रेगिस्तान पर चिंतन किया जा रहा है.

गौरतलब है कि इस सम्मेलन में करीब 80 देशों के मंत्री, वैज्ञानिक और स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल हो रहे हैं. देश और दुनिया में इन समस्याओं से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों को विश्वमंच पर साझा किया जाएगा.

मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन के तहत पक्षों की सभा के 14वें सत्र (कॉप 14) का आयोजन दिल्ली में हो रहा है. इसकी थीम है- 'जमीन में निवेश, संभावनाओं के अवसर.'

बता दें, कॉप 14 सम्मेलन में 196 देशों के मंत्री, वैज्ञानिक, सरकारी प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठन और विभिन्न सामुदायिक समूह शामिल हुए हैं. इस सम्मेलन का मकसद भूमि की उर्वरता को बढा़ने के लिए नई कार्य योजना पर सहमति बनाना है.

पढ़ें: हरियाणा में बोले मोदी, '100 दिन देश में बड़े परिवर्तन के रहे'

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी आज इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे. वहीं संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद भी इस उच्च स्तरीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार को भारत पहुंची हैं.

मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के कार्यपालक सचिव इब्राहिम थियू ने भारत से वीडियो लिंक के जरिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या का सबसे सस्ता तरीका मृदा क्षरण को रोकना है.

थियू ने बताया कि भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को इस सप्ताह कॉप 14 सम्मेलन का अध्यक्ष चुना गया और वह अगले दो वर्ष तक इस संस्था की अध्यक्षता करेंगे.

थियू ने हालांकि ये नहीं बताया कि इस सम्मेलन के लिए भारत ने क्या प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने कहा कि भारत भूमि, जलवायु और जैव विविधता के बीच तालमेल बैठाने के लिए सक्रिय रूप से भागीदारी करेगा.

COP-14 में पीएम मोदी, 'सिंगल यूज प्लास्टिक पर दुनिया लगाए बैन'

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में संयुक्त राष्ट्र के कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP) के 14वें अधिवेशन का आयोजन किया गया है. पीएम मोदी ने इसे संबोधित करते हुए कहा कि भारत सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने जा रहा है, दुनिया के दूसरे देश भी हमारा साथ दें.

  • उन्होंने कहा कि भारत पानी बचाने, पानी का सही इस्तेमाल करने की ओर कदम बढ़ा चुका है. भारत ने ग्रीन कवर को बढ़ाया है.
  • पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया में पानी की समस्या काफी बढ़ी है. दुनिया को आज पानी बचाने पर एक सेमिनार की जरूरत है.
  • उन्होंने कहा कि आज दुनिया में लोगों को क्लाइमेट चेंज पर नकारात्मक सोच का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से समुद्रों का जल स्तर बढ़ रहा है, बारिश, बाढ़ और तूफान हर जगह इसका असर देखने को मिल रहा है.
  • COP 14 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के संस्कारों धरती को पवित्र माना जाता है. हम हर सुबह जमीन पर पैर रखने से पहले उससे माफी मांगते हैं.
  • पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने तीनों सम्मेलनों के लिए वैश्विक सभा की मेजबानी की है. उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता और भूमि क्षरण के मुद्दे के समाधान में दक्षिण-दक्षिण सहयोग की पहल के प्रस्ताव से खुश है.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु और पर्यावरण जैव विविधता और भूमि दोनों को प्रभावित करते हैं. जलवायु परिवर्तन भी विभिन्न प्रकार के भूमि क्षरण का कारण बन रहा है, जो समुद्र के स्तर में वृद्धि, अनियमित वर्षा और तूफान, गर्म तापमान और रेत के तूफानों का कारण बन रहा है.
  • इस दौरान मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन में सभी पार्टियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मैं सम्मेलन के 14 वें सत्र में आप सभी का भारत में स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि भारत दो साल तक सीओपी प्रेसीडेंसी को संभालने के लिए एक प्रभावी योगदान देने के लिए भी तत्पर है.

बता दें, इस दौरान जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और बढ़ते रेगिस्तान पर चिंतन किया जा रहा है.

गौरतलब है कि इस सम्मेलन में करीब 80 देशों के मंत्री, वैज्ञानिक और स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल हो रहे हैं. देश और दुनिया में इन समस्याओं से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों को विश्वमंच पर साझा किया जाएगा.

मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन के तहत पक्षों की सभा के 14वें सत्र (कॉप 14) का आयोजन दिल्ली में हो रहा है. इसकी थीम है- 'जमीन में निवेश, संभावनाओं के अवसर.'

बता दें, कॉप 14 सम्मेलन में 196 देशों के मंत्री, वैज्ञानिक, सरकारी प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठन और विभिन्न सामुदायिक समूह शामिल हुए हैं. इस सम्मेलन का मकसद भूमि की उर्वरता को बढा़ने के लिए नई कार्य योजना पर सहमति बनाना है.

पढ़ें: हरियाणा में बोले मोदी, '100 दिन देश में बड़े परिवर्तन के रहे'

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी आज इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे. वहीं संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद भी इस उच्च स्तरीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार को भारत पहुंची हैं.

मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के कार्यपालक सचिव इब्राहिम थियू ने भारत से वीडियो लिंक के जरिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या का सबसे सस्ता तरीका मृदा क्षरण को रोकना है.

थियू ने बताया कि भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को इस सप्ताह कॉप 14 सम्मेलन का अध्यक्ष चुना गया और वह अगले दो वर्ष तक इस संस्था की अध्यक्षता करेंगे.

थियू ने हालांकि ये नहीं बताया कि इस सम्मेलन के लिए भारत ने क्या प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने कहा कि भारत भूमि, जलवायु और जैव विविधता के बीच तालमेल बैठाने के लिए सक्रिय रूप से भागीदारी करेगा.

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Last Updated : Sep 29, 2019, 11:17 PM IST

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