नई दिल्ली/पारो: पीएम मोदी का दो दिवसीय दौरा खत्म हो गया. पीएम मोदी ने पारो एयरपोर्ट से दिल्ली वापसी के लिए उड़ान भर ली है. आज के दिन की शुरुआत पीएम मोदी ने छात्रों से मिल कर की. वे रॉयल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करने पहुंचे. वहीं दोपहर का वक्त पीएम मोदी ने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मिलने के लिए निकाला. इससे पहले वे थिंपू के एक स्मारक भी गए.
इस यात्रा के दौरान भारत ने भूटान को कई तौहफे दिए. जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. भूटान के प्रधानमंत्री पीएम मोदी को छोड़ने एयरपोर्ट पहुंचे थे. इसके बाद पीएम मोदी ने उनकी भव्य तरीके से हुई मेहमाननवाजी के लिए धन्यवाद कहा है.
भूटान नरेश के साथ ही पीएम मोदी ने दोपहर का खाना खाया. इस दौरान नरेश के परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे और पीएम मोदी का बहुत सौम्यता के साथ स्वागत किया.
रविवार को दौरे के दूसरे दिन वे भूटान के थिंपू की रॉयल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भूटान की प्राकृतिक सुंदरता की तरह ही यहां के लोगों का अपनापन हर किसी को आकर्षित करता है.
पीएम मोदी ने भूटान की नेशनल असेंबली के विपक्षी नेता डॉ पेमा ग्यात्सो से मुलाकात की. मजबूत द्विपक्षीय संबंध भूटान में संपूर्ण राजनीतिक स्पेक्ट्रम का समर्थन करता है.
पीएम मोदी ने दक्षिण एशिया उपग्रह के थिम्पू ग्राउंड स्टेशन का उद्घाटन किया और अंतरिक्ष सहयोग के विस्तार की बात कही है.
छात्रों को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी थिम्पू के नेशनल मेमोरियल चॉर्टेन में एक श्रद्धेय स्मारक जो स्वर्गीय थर्ड ड्रुक ग्यालपो के सम्मान में स्थापित किया गया है वहां पहुंचे. वहां उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की.
छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम ने कही ये बातें:
छात्रों के संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, जो भूटान आता है वो यहां की प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ यहां के लोगों में गर्मजोशी और सादगी से प्रभावित होता है. ये लोगों को अपनी ओर खींचती हैं.
आगे वे बताते हैं कि ये बहुत समान्य बात है कि भूटान और भारत के लोग एक दूसरे के प्रति काफी अधिक जुड़ाव महसूस करते हैं. हम एक दूसरे के करीब हैं और ये सिर्फ भौगोलिक नजदीकियों के कारण नहीं है. दोनों देशों के इतिहास, संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के चलते ही दोनों के बीच अनोखा और गहरा संबंध है.
इसी दौरान उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना का घर है. आयुष्मान भारत, जो 500 मिलियन भारतीयों को स्वास्थ्य सेवाएं देता है. भारत में दुनिया की सबसे सस्ती डेटा कनेक्टिविटी है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को सशक्त बना रही है.
साथ ही भूटानी छात्रों को पीएम मोदी ने अपनी किताब के बारे में भी बताते हुए कहा कि मैंने भगवान बुद्ध से प्रेरित होकर अपनी किताब 'इग्जाम वॉरियर' लिखी थी. उनकी सकारात्मकता, वर्तमान में रहना की बात और साथ ही मां प्रकृति की गोद में रहने की उनसे मिली सीख ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया. भूटान के लोग शांति की भावना, एकजुटता और करुणा को अच्छी तरह से समझते हैं. ये मेरे स्वागत के लिए सड़क किनारे खड़े बच्चों को शनिवार को देख के ही पता चल गया था. मैं हमेशा उनकी मुस्कान याद रखूंगा.
आगे पीएम मोदी छात्रों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि ये भारत के लिए खुशी की बात है कि युवा भुटानी वैज्ञानिक भारत आएंगे. वहां वे भूटान के लिए मिसाइल बनाने और उसे कैसे लॉन्च किया जाता है इसके गुण सीखेंगे. इसके साथ एक दिन वे भी मिसाइल लॉन्च करेंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भूटान पहुंचे. वह द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भूटान के नेताओं से बातचीत करेंगे. यह प्रधानमंत्री की भूटान की दूसरी यात्रा है और दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद से पहली यात्रा है. भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत किया. यहां आगमन पर उन्हें सलामी गारद दिया गया.