अयोध्या/कौशाम्बी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए बुधवार को कटाक्ष किया कि इतने सारे चेहरे हैं, आजकल प्रधानमंत्री बनने के लिए कि हर गली मोहल्ले में कोई न कोई उभर कर आता है और वह प्रधानमंत्री बनना चाहता है.
उन्होंने सवाल किया, इनमें से कौन चेहरा है, जो आतंकवाद को खत्म कर सकता है ? यह सपा वाले कर सकते हैं? बसपा वाले कर सकते हैं? कांग्रेस वालों ने पहले किया ही नहीं, अब क्या करेंगे.
पीएम ने कौशाम्बी में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा की. जनसभा के दौरान मोदी ने कहा कि 'जितने चेहरे दिखते हैं, उसमें से कोई चेहरा है प्रधानमंत्री बनने लायक?
पीएम ने विपक्षियों पर वार करते हुए कहा, जो आठ सीटे लड़ते हैं, वह भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, जो 20 सीटे लड़ रहे है, वह भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, जो 40 सीट लड़ रहे हैं वह भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि इनको मालूम है कि विपक्ष का नेता बनने के लिये भी 50 से ज्यादा सीटों की जरूरत पड़ती है.
उन्होंने कहा कि' अब ये प्रधानमंत्री बनने के लिये कमर कस कर खड़े हो गये है. मुझे बताइये कि जितने प्रधानमंत्री बनने के लिये चेहरे दिख रहे हैं, आप उन पर भरोसा कर सकते हैं क्या? आज भी दुनिया में आतंकवाद का खतरा है कि नही है ?
पीएम ने कहा, पहले बार बार बम धमाके होते थे, अयोध्या व काशी में हुआ था, मुंबई में बम धमाका हुआ था, रामपुर में हुआ था, यह बम धमाके लगातार होते रहते थे.
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उन्होंने कहा, पांच साल हो गये यह धमाके बंद क्यों हो गये ? क्या कारण है ? यह धमाके मोदी के कारण बंद नहीं हुए हैं, धमाके बंद होने का कारण आपका एक वोट है, यह आपके वोट की ताकत है, जिसने इस चौकीदार को मजबूत बनाया, आज चौकीदार देश की चौकीदारी कर रहा है.
इससे पहले रामनगरी अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर गोसाईगंज इलाके में रैली को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, श्रीलंका में क्या हुआ, कुछ यही स्थिति 2014 से पहले भारत में थी. अयोध्या और फैजाबाद में कैसे कैसे बम धमाके हुए, क्या हम इसे भूल सकते हैं ? वे दिन हम कैसे भूल सकते हैं जब देश में आये दिन कहीं न कहीं आतंकी हमला होते थे.
उन्होंने कहा, बीते पांच वर्ष में इस तरह के बम धमाकों की खबर आनी बंद हो गयी हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नही है कि आतंकी खत्म हो गये है. हमारे पड़ोस में आतंक की फैक्ट्री अभी भी चल रही है.
मोदी ने कहा कि ये आतंकी देश में एक कमजोर सरकार के इंतजार में बैठे हैं. ये मौके की ताक में हैं. जैसे सड़कों पर लिखा रहता है- सावधानी हटी, दुर्घटना घटी. ये आतंकवाद का खेल भी ऐसा है , सावधानी हटी नहीं, मौत का बुलावा आया नहीं.'
उन्होंने कहा,' यह बात इसलिये अहम है क्योंकि सपा, बसपा या कांग्रेस हो या कोई भी महामिलावटी हो, इनका आतंक पर नरमी का पुराना रिकॉर्ड रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी सुरक्षा एजेंसियां आतंक के मददगारों को पकड़ती थी, ये वोट के लिए उन्हें छोड़ देते थे, आज यह महामिलावटी केंद्र में एक बार फिर मजबूर सरकार बनाने की फिराक में है. लेकिन आपको पूरी तरह से चौकन्ना रहना है. हम एक नये हिन्दुस्तान के रास्ते पर चल पड़े हैं 'जो छेड़ता नहीं है. लेकिन कोई छेड़ेगा तो छोड़ता भी नहीं है.'