नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले को लेकर विपक्षी दलों पर शुक्रवार को आक्रामक रूख अपनाते हुए विपक्ष को ‘‘आतंकवाद के समर्थकों की शरणस्थली’’ बताया और उस पर सशस्त्र सेनाओं का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया.
‘जनता माफ नहीं करेगी’ हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए मोदी ने ट्वीट में कांग्रेस के विदेश मामलों को देखने वाले सैम पित्रोदा की यह कहने के लिए आलोचना की कि मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भारत हवाई हमले से जवाब दे सकता था, लेकिन ‘‘मेरे हिसाब से दुनिया से ऐसे नहीं निपटा जाता.’’
मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के शाही वंश के वफादार दरबारी ने माना था, जो दुनिया पहले से ही जानती है कि कांग्रेस आतंकवाद की ताकतों को जवाब नहीं देना चाहती थी. यह नया भारत है---हम आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष ने बार-बार हमारी सेनाओं का अपमान किया है. मैं अपने साथी भारतीयों से अपील करता हूं कि विपक्षी नेताओं पर उनके बयानों को लेकर सवाल उठाएं. उन्हें बताएं कि 130 करोड़ भारतीय विपक्ष को उनकी हरकतों के लिए माफ नहीं करेंगे या भूलेंगे नहीं. भारत हमारी सेनाओं के साथ दृढ़ता से खड़ा है.’’
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी टि्वटर पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘उनका दिल आतंकवादियों के लिए धड़कता है, जबकि हमारा दिल तिरंगे के लिए धड़कता है.’’
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष और भाजपा के बीच अंतर साफ है. वे हमारी सेना पर संदेह करते हैं, हमें अपनी सेना पर गर्व है. उनका दिल आतंकवादियों के लिए धड़कता है, हमारा दिल तिरंगे के लिए धड़कता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में अपनी वोट की ताकत के जरिए कांग्रेस की संस्कृति पर सर्जिकल स्ट्राइक करें.’’
खबरों के अनुसार, पित्रोदा ने यह भी कहा है कि वह बालाकोट हवाई हमले और उसमें मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में ‘‘और जानना’’ चाहते हैं.
भाजपा के वरिष्ठ मंत्री और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पित्रोदा की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे बयान पाकिस्तानी समाचार चैनलों पर हिट होंगे.
वित्त मंत्री ने भाजपा के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वह मानते हैं कि हमने जो किया (बालाकोट हवाई हमला) वह गलत था. किसी भी दूसरे देश ने नहीं कहा कि यह गलत था. यहां तक कि इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी ऐसी बात नहीं कही. यह केवल पाकिस्तान की राय है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग किसी राजनीतिक पार्टी के लिए रोल मॉडल होते है.’’
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव की आलोचना की. यादव ने आरोप लगाया कि वोट हासिल करने के लिए पुलवामा हमला एक ‘‘षडयंत्र’’ था.
उन्होंने सैफई में गुरुवार को एक कार्यक्रम में आरोप लगाया, "यह साजिश थी. जब सरकार बदलेगी और उसकी जांच होगी, तो आप देखना कि बड़े-बड़े लोग इसमें फंसेंगे. हमारे नौजवानों का अंत करवा दिया, वोट पाने के लिए." प्रधानमंत्री ने इस बयान को निंदनीय बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष आतंकवाद के समर्थकों और हमारी सशस्त्र सेनाओं पर सवाल उठाने वालों की शरणस्थली रहा है. राम गोपाल जैसे किसी वरिष्ठ नेता का यह निंदनीय बयान उन सभी का अपमान करता है जिन्होंने कश्मीर की रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दी. यह हमारे शहीदों के परिवारों का अपमान करता है.’’
प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में यादव और पित्रोदा के बयानों को भी टैग किया।
इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों की कुर्बानी पर कभी सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह खुद को भारतीय सेना की तरह दिखाना बंद करे.
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी लोकतंत्र में यह नेताओं का ‘‘मौलिक अधिकार’’ है कि वे सवाल पूछें.