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दर्शकों की शिकायतों के लिए हो स्वतंत्र मीडिया ट्रिब्यूनल, दायर की याचिका - media tribunal

मीडिया हाउस से संबंधित दर्शकों की शिकायतों के लिए एक स्वतंत्र मीडिया ट्रिब्यूनल की स्थापना की मांग करते हुए मराठी फिल्म निर्माता नीलेश नवलखा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं.

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Published : Dec 26, 2020, 7:45 PM IST

नई दिल्ली : मराठी फिल्म निर्माता नीलेश नवलखा ने दर्शकों द्वारा दायर मीडिया हाउस से संबंधित शिकायतों के लिए एक स्वतंत्र मीडिया ट्रिब्यूनल की स्थापना करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

उन्होंने कहा कि आत्म नियमन मीडिया की वर्तमान स्थिति को हल नहीं कर सकता है और इसलिए एक स्वतंत्र न्यायाधिकरण की आवश्यकता है.

याचिका में लिखा गया कि पिछले कुछ वर्षों में, मीडिया ट्रायल, अभद्र भाषा, प्रचार समाचार, पेड न्यूज, आम हो गए हैं, जिससे निष्पक्ष और समानुपातिक रिपोर्टिंग का अधिकार बाधित हो रहा है. उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार, सम्मान के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में संतुलन की जरूरत है.

याचिका में कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा बिना जवाबदेही के लापरवाहीपूर्ण रिपोर्टिंग की जा रही है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का दुरुपयोग किया जा रहा है.

पढ़ें :- हांगकांग के मीडिया कारोबारी जिमी लाई को मिली जमानत

नवलखा ने सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने की मांग की है.

अन्य सदस्यों के लिए उन्होंने केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और विभिन्न क्षेत्रों के अधिकरियों को शामिल करने की मांग की है, जो विनियमन की समीक्षा कर सकें और मीडिया के लिए दिशानिर्देशों की भी सिफारिश कर सकें.

नई दिल्ली : मराठी फिल्म निर्माता नीलेश नवलखा ने दर्शकों द्वारा दायर मीडिया हाउस से संबंधित शिकायतों के लिए एक स्वतंत्र मीडिया ट्रिब्यूनल की स्थापना करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

उन्होंने कहा कि आत्म नियमन मीडिया की वर्तमान स्थिति को हल नहीं कर सकता है और इसलिए एक स्वतंत्र न्यायाधिकरण की आवश्यकता है.

याचिका में लिखा गया कि पिछले कुछ वर्षों में, मीडिया ट्रायल, अभद्र भाषा, प्रचार समाचार, पेड न्यूज, आम हो गए हैं, जिससे निष्पक्ष और समानुपातिक रिपोर्टिंग का अधिकार बाधित हो रहा है. उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार, सम्मान के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में संतुलन की जरूरत है.

याचिका में कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा बिना जवाबदेही के लापरवाहीपूर्ण रिपोर्टिंग की जा रही है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का दुरुपयोग किया जा रहा है.

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नवलखा ने सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने की मांग की है.

अन्य सदस्यों के लिए उन्होंने केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और विभिन्न क्षेत्रों के अधिकरियों को शामिल करने की मांग की है, जो विनियमन की समीक्षा कर सकें और मीडिया के लिए दिशानिर्देशों की भी सिफारिश कर सकें.

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