नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका के अनुसार सरकार/स्थानीय अधिकारियों/पुलिस अधिकारियों से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं कि चल रहे/फंसे हुए प्रवासी कामगारों की पहचान करें. उनके अस्थाई भोजन, चिकित्सा देखभाल और आश्रय की व्यवस्था करें, जब तक कि लॉकडाउन जारी हो.
याचिकाकर्ता नचिकेता वाजपेयी ने शीर्ष अदालत के 31 मार्च के आदेश को हवाला देते हैं कहा जिसमें उसने राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों के पुलिस के साथ स्वयंसेवकों को प्रवासियों के कल्याण की निगरानी के लिए कहा था.
वह कहते हैं कि निर्देशों के बावजूद कार्यान्वयन अप्रभावी है, जिसके कारण 'देश के चारों ओर फंसे लाखों लोग व्यथित हैं और मौलिक, बुनियादी मानवाधिकारों का व्यापक कष्ट और घोर उल्लंघन हो रहा है.'
उनका कहना है कि हजारों नाबालिगों, महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है. बूढ़े लोगों ने भोजन और पानी के बिना अपने गांवों तक लंबी दूरी तय करना जारी रखा है और साथ ही साथ सामाजिक दूरियों को बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं.
यूपी, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली की खराब स्थिति को देखते हुए वाजपेयी ने कहा कि प्रवासियों के पलायन को तुरंत रोका जाना चाहिए अन्यथा इससे कोरोना का प्रसार होगा.