कोच्चि: केरल के एर्नाकुलम जिले के पिरावोम में जैकोबाइट धड़े के पादरियों और उनके अनुयायियों ने बुधवार को ऑर्थोडॉक्स धड़े के लोगों को एक गिरजाघर में आने से रोका. ये लोग उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार गिरजाघर का संचालन अपने हाथ में लेने के लिए पहुंचे थे. चर्च की इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव गहरा गया है.
जैकोबाइट धड़े के सैकड़ों अनुयायी गिरजाघर के अंदर मौजूद हैं और उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का पालन नहीं होने दे रहे हैं जिसके लिए ऑर्थोडॉक्स धड़े के पादरी सुबह सात बजे गिरजाघर पिरावोम वालिया पल्ली में पहुंचे थे.
पादरियों और जैकोबाइट धड़े के अनुयायियों ने गिरजाघर के द्वार अंदर से बंद कर दिए जिसके बाद ऑर्थोडॉक्स धड़े के पादरी बाहर बैठ गए.
पुलिस ने माइक के जरिए जैकोबाइट धड़े के पादरियों और अनुयायियों को उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन के लिए प्रशासन के साथ सहयोग करने को कहा . इस दौरान ऑर्थोडॉक्स धड़े के खिलाफ नारेबाजी हुई.
एक ऑर्थोडॉक्स पादरी ने संवाददाता से कहा,'हम उम्मीद करते हैं कि सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन करने के लिए कदम उठाएगी. हम चाहते हैं कि अदालत के आदेश शांतिपूर्ण ढंग से लागू किए जाएं.'
वहीं, जैकोबाइट पादरी ने कहा,'जैकोबाइट गिरजाघर के अनुयायी विरोधी धड़े को गिरजाघर पर नियंत्रण करने नहीं देंगे. हम गिरजाघर से नहीं हटेंगे.'
ऑर्थोडॉक्स धड़ा गिरजाघर उस वक्त पहुंचा था जब केरल उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिए कि वह अनुयायियों को गिरजाघर जाने और वहां धार्मिक क्रियाकलाप करने में उन्हें सुरक्षा दे.
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उच्च न्यायालय ने गिरजाघर के ऑर्थोडॉक्स धड़े की याचिका पर यह निर्देश दिए हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि चर्च में धार्मिक सभाएं और प्रार्थना करने में उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए.
लगभग दो साल पहले उच्चतम न्यायालय ने ऑर्थोडॉक्स धड़े को गिरजाघर में प्रार्थना करने की अनुमति दी थी. लेकिन, उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करने में राज्य सरकार के असफल रहने पर ऑर्थोडॉक्स धड़ा उच्च न्यायालय पहुंचा था.
गौरतलब है कि गिरजाघरों के नियंत्रण को ले कर दोनों धुर विरोधी धड़ों के बीच विवाद में उच्चतम न्यायालय ने दो साल पहले ऑर्थोडॉक्स धड़े के पक्ष में निर्णय दिया था जिसके बाद मलनकारा सीरियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी और अनुयायी रविवार को यहां के निकट कंदानद सेंट मेरी चर्च गए थे और उन्होंने वहां प्रार्थना की थी.
उच्चतम न्यायालय ने 2017 के अपने फैसले में कहा था कि 1934 के मलनकारा गिरजाघर दिशा-निर्देश के तहत मलनकारा चर्च के तहत 1100 इलाके और उनके चर्च पर ऑर्थोडॉक्स धड़े का नियंत्रण होना चाहिए.
(भाषा इनपुट)