हैदराबाद : कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ी रफ्तार से फैल रहा है. दुनियाभर के देशों में संक्रमण के बढ़ते मामले वाकई में डरा देने वाले हैं. वैज्ञानिक इस वायरस के बारे में नई जानकारियां हासिल करने में जुटे हैं. इन सबके बीच जो तथ्य उभर कर आया है, वह है 'पिंक आई'. यानी आंखों का गुलाबी/लाल होना. चीन के शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना वायरस के संक्रमण की पहचान में आंखें सबसे अहम हैं. अध्ययन से सबसे दिलचस्प पहलू निकलकर आया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित तकरीबन हर मरीज में आंखों के लाल होने का लक्षण दिखा है.
वायरस नाक और आंखों में उपस्थित तरल पदार्थ में मौजूद रहता है, जिसका मतलब है कि 'पिंक आई' इस जानलेवा वायरस का ही एक दुर्लभ लक्षण है.
यह पता लगाया जा रहा है कि अगर कोई संक्रमित व्यक्ति अपनी आंख को रगड़ता है और फिर किसी अन्य व्यक्ति को छूता है तो यह दूसरा व्यक्ति भी इस वायरस से ग्रसित हो सकता है.
चीन की थ्री गोरजेस यूनिवर्सिटी में नेत्र रोग विभाग के डॉ. लियांग के अनुसार, कई कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों को निमोनिया होने पर उनकी आंखें लाल (पिंक आई) होने के लक्षण दिखाई दिए.
गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के 12,74,346 मामलों के साथ 69,480 मौतें हो चुकी हैं. वहीं दूसरी ओर 2,64,838 स्वस्थ होकर इस बीमारी को मात दे चुके हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर दुनियाभर के देशों में लॉकडाउन की स्थिति है. इस बीच तकरीबन 60,000 मौतें हुईं. अमेरिका में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों ने देश के प्रयासों को पीछे की तरफ धकेल दिया.
इटली और स्पेन में सुधार की उम्मीद के बीच कोरोना से लड़ने के कठोर उपायों ने दुनिया की आबादी के पांचवे हिस्से को अपने घरों तक सीमित कर दिया है.
ज्यादातर लोगों में कोरोना वायरस हल्के या बहुत ही कम लक्षण लक्षण दिखा सकता है, जबकि कुछ लोगों, वयस्कों और पहले से ही स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह गंभीर बीमारी से लेकर मौत तक का कारण बन सकता है.
कोरोना : गर्भवती महिलाओं को है विशेष सावधानियां रखने की जरूरत
कोरोना वायरस की जांच से लेकर इलाज के लिए तकरीबन 3,000 स्वास्थ्यकर्मी कार्यरत हैं. सरकार का कहना है कि इनमें से 14 की मौत हो चुकी है.
इन्हीं में से एक थे, डॉ. ली वेनलियांग, जिन्हें कोरोना के प्रकोप की खबरें सार्वजनिक करने के बाद पुलिस द्वारा सजा दिए जाने की धमकी भी मिली थी, लेकिन बाद में उन्हें राष्ट्रीय शहीद के रूप में सूचीबद्ध किया गया.