नई दिल्ली: टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और सांसद राशिद इंजीनियर के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट को कहा कि वो दिल्ली हाईकोर्ट को पत्र लिखकर यह मांग करेगी कि एनआईए कोर्ट को ही एमपी-एमएलए कोर्ट के रूप में अधिकृत करे. इससे वो राशिद इंजीनियर के मामले की सुनवाई कर सके. प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज विमल यादव ने इस मामले पर 6 दिसंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राशिद इंजीनियर के मामले की सुनवाई पटियाला हाउस कोर्ट में ही की जाए. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट से आदेश आने में 10 दिन लगेंगे, इसलिए इस मामले पर 10 दिनों के बाद सुनवाई की जाए. वहीं राशिद इंजीनियर की ओर से पेश वकील विख्यात ओबेराय ने सुनवाई के दौरान कहा कि अंतरिम जमानत की मांग कर एनआईए को औपचारिक नोटिस जारी किया जाए. इसपर कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत पर भी 6 दिसंबर को ही विचार किया जाएगा.
राशिद इंजीनियर ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर संसद के सत्र में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है. राशिद इंजीनियर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होकर कहा था कि मुझे लोगों ने चुना है और संसद के पिछले सत्र में मुझे हिस्सा नहीं लेने दिया गया. मुझे संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए.
कोर्ट ने कही थी ट्रांसफर की बात: इसके पहले एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने 21 नवंबर को राशिद इंजीनियर से जुड़े मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज को भेजने का आदेश दिया था. इसके बाद इस मामले की सुनवाई प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज कर रहे थे. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने कहा था कि इस मामले के आरोपी राशिद इंजीनियर अब सांसद हो चुके हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई उस कोर्ट में ट्रांसफर होनी चाहिए, जो एमपी-एमएलए से संबंधित मामलों की सुनवाई करती है.
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