नई दिल्ली: कैलाश गहलोत ने दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल को पत्र लिखकर अपनी विधानसभा सदस्यता यानी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. कैलाश गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र को एक्स पर भी पोस्ट किया है. गहलोत ने पत्र में स्पष्ट किया कि वह अब दिल्ली विधानसभा से इस्तीफा दे रहे हैं और उनका इस्तीफा तुरंत प्रभाव से स्वीकार किया जाए.
कैलाश गहलोत ने पत्र में बताया है कि उन्होंने 17 नवम्बर 2024 को दिल्ली सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. उसी दिन आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दिया था. उन्होंने अपनी इस्तीफे की मुख्य वजह बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपनी नैतिक और एथिकल (सामाजिक और नैतिक) मूल्यों से भटकना शुरू कर दिया था, जिसके कारण उनके लिए पार्टी में बने रहना और राजनीति में सक्रिय रहना मुश्किल हो गया था.
कैलाश गहलोत ने 17 नवम्बर को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए पत्र में विस्तार से पार्टी छोड़ने की वजह भी बताई थी. उस पत्र की प्रति भी उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को भेजी है. गहलोत ने यह साफ किया है कि नीतियों और दिशा में बदलाव के कारण वह पार्टी से असहमत हो गए थे. उनके लिए आगे पार्टी में काम करना संभव नहीं था. अपने इस्तीफे में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि उनका इस्तीफा तुरंत प्रभाव से स्वीकार करें. जिससे वह अपने राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ सकें और नए दिशा में कदम रख सकें.
— Kailash Gahlot (@kgahlot) November 27, 2024
कैलाश गहलोत का इस्तीफा आम आदमी पार्टी और दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है. इससे पहले उन्होंने आम आदमी पार्टी और सरकार के विभिन्न फैसलों और नीतियों पर नाराजगी जाहिर की थी. अब उनके इस्तीफे ने दिल्ली में सियासी हलचल को तेज कर दिया है.
दिल्ली सरकार में हनुमान की भूमिका में थे कैलाश गहलोतः आप सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आतिशी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगी. केजरीवाल को राम बताते हुए उन्होंने भरत की तरह राज्य चलाने का निर्णय लिया. मंत्री पद की शपथ लेने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा था कि जिस तरह प्रभु श्री राम के लिए हनुमान ने काम किया था. उसी तरह वह केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने के लिए हनुमान की भूमिका में काम करेंगे. लेकिन वह दिल्ली चुानव से पहले आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इससे पार्टी को काफी नुकसान भी होगा.