नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में प्रदेश की आधिकारिक भाषा को उर्दू से हिंदी करने के लिए एक जनहित दायर की गई है. इस याचिका में कोर्ट को हिंदी को आधिकारिक भाषा घोषित करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई है.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बने हुए करीब एक वर्ष होने वाला है इस दौरान प्रदेश में कई कानून बदल गए हैं. इसी के तहत अब जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में एक याचिका में यह मांग की गई है कि प्रदेश की आधिकारिक भाषा को उर्दू से हिंदी में बदल दिया जाए. याचिका में कहा गया कि भाषा के अवरोध के कारण
यह याचिका माघव कोहली ने अधिवक्ता अदित्य शर्मा द्वारा दायर की गई है. इस मामले में शर्मा का कहना है कि जम्मू में डोगरी और हिंदी भाषा बोली जाती हैं, और हिंदी सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अनिवार्य विषय है.
याचिकाकर्ता के वकील आदित्य शर्मा के मुताबिक भारत के संविधान के आर्टिकल 343 के तहत हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है.
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उनके मुताबिक प्रदेश में अब पुनर्गठन एक्ट लागू होने के बाद एक झंडे की तरह ही हिंदी को प्रदेश की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए. आदित्य के मुताबिक अब इस बाबत जम्मू कश्मीर की हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सरकार को 4 हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है.