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सुप्रीम कोर्ट में याचिका- उम्रदराज कैदियों को इमरजेंसी पैरोल देने की मांग - release of prisoners above 50 years

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें जेल से 50 वर्ष से ऊपर के कैदियों को रिहा करने का निर्देश देने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही राज्य को ऐसे कैदियों की एक सूची जारी करने का निर्देश दिया है, जिन्हें रिहा किया जा सकता है क्योंकि उन्हें जेलों में कोरोना के प्रकोप की आशंका थी. पढे़ं खबर विस्तार से...

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कैदियों को इमरजेंसी पैरोल
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Published : Mar 31, 2020, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है. इस याचिका में जेल से ऐसे कैदियों को रिहा करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और साथ ही ऐसे लोग जो किसी बीमारी से पीड़ित हैं. कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए ऐसे कैदियों को मेडिकल शर्तों पर आपातकालीन पैरोल या अंतरिम जमानत पर छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई है.

आपको बता दें कि कैदियों को कोरोना से बचने के लिए वकील अमित साहनी द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही राज्य को ऐसे कैदियों की एक सूची जारी करने का निर्देश दिया है, जिन्हें रिहा किया जा सकता है क्योंकि उन्हें जेलों में कोरोना के प्रकोप फैलने की आशंका है.

पढे़ं : लॉकडाउन पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा- 23 लाख लोगों को दे रहे भोजन

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने के लिए कहा गया था. इसमें सीजेआई एस.ए. बोबडे द्वारा सुझाव दिया गया था कि सात साल तक के छोटे अपराधों या अधिकतम सजा वाले लोगों को पैरोल दिया जाए.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है. इस याचिका में जेल से ऐसे कैदियों को रिहा करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और साथ ही ऐसे लोग जो किसी बीमारी से पीड़ित हैं. कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए ऐसे कैदियों को मेडिकल शर्तों पर आपातकालीन पैरोल या अंतरिम जमानत पर छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई है.

आपको बता दें कि कैदियों को कोरोना से बचने के लिए वकील अमित साहनी द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही राज्य को ऐसे कैदियों की एक सूची जारी करने का निर्देश दिया है, जिन्हें रिहा किया जा सकता है क्योंकि उन्हें जेलों में कोरोना के प्रकोप फैलने की आशंका है.

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने के लिए कहा गया था. इसमें सीजेआई एस.ए. बोबडे द्वारा सुझाव दिया गया था कि सात साल तक के छोटे अपराधों या अधिकतम सजा वाले लोगों को पैरोल दिया जाए.

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