नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को बकर-ईद से पहले जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा नियंत्रण में ढील के साथ राज्य प्रशासन ने भी राज्य कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता के लिए सहायता उपायों की घोषणा की है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोमवार को ईद-उल-अजहा के मौके पर कश्मीर में लोगों को मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाएगी. मोबाइल और लैंडलाइन फोन पर लगी रोक भी यथाशीघ्र हटा ली जाएगी.
अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि सरकार की पहली प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखना और किसी उपद्रव और जानमाल की हानि को रोकना है.
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन लगातार हालात की समीक्षा कर रहे हैं और वे लोगों को ईद पर मस्जिद में नमाज पढ़ने की सुविधा देंगे. इसमें कहा गया, 'श्रीनगर शहर में यातायात सुचारु रूप से चल रहा है.'
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य प्रशासन द्वारा निम्न उपायों की घोषणा की गई है :
- कोषागार व बैंक इस अवधि के दौरान कार्य कर रहे हैं, यहां तक की छुट्टियों में भी. एटीएम सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नकदी नियमित आधार पर डाली जाए और लोग जरूरत के अनुसार नकदी निकाल रहे हैं.
- सभी कर्मचारियों का वेतन व डीआरडब्ल्यू/कैजुअल मजदूरों का वेतन आदिर जारी किया जा रहा है.
- जीपी फंड/पेंशन/ग्रेच्युटी व दूसरे भुगतान किए जा रहे हैं.
- विकास कार्यो के लिए भुगतान को प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी दी जा रही है.
- सब्जियों/एलपीजी/पोल्ट्री/अंडों की आपूर्ति मोबाइल वैन से घर-घर की जा रही है. श्रीनगर शहर में छह मंडियां बनाई गई हैं. इसके अलावा 2.5 लाख भेड़ें जनता के लिए ईद-उल-अजहा के मौके पर कुर्बानी के लिए उपलब्ध हैं. इसके अलावा जिलाधिकारियों ने ईद-उल-अजहा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं.
- आम जनता को राशन की आपूर्ति के लिए हर जिले में राशन घाट ने काम करना शुरू कर दिया है. कश्मीर डिवीजन के 3,697 राशन घाटों में से 3557 ने जनता को राशन देने का कार्य शुरू कर दिया है.
- हाजियों के सऊदी अरब से सुरक्षित व परेशानी मुक्त वापसी के लिए विशेष व व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जिसके लिए उड़ानें 18 अगस्त से शुरू होंगी. सभी उपायुक्तों ने अपने नोडल अधिकारी नामित किए हैं, जो 18 अगस्त से हाजी साहिबान की सुविधा के लिए हवाईअड्डे पर तैनात होंगे. हाजियों की सुविधा के लिए हाजी हाउस व हवाईअड्डों पर स्पेशल हेल्पलाइन डेस्क की स्थापना की गई है.
- सरकार ने जरूरी सामनों का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया है. गेहूं का भंडारण 65 दिनों के लिए, चावल 55 दिनों के लिए, मटन 17 दिनों के लिए, पोल्ट्री एक महीने, किरोसिन तेल 35 दिनों के लिए, एलपीजी एक महीने के लिए, हाईस्पीड डीजल (एचएसडी) व मोटर स्प्रिट (एमएस) का भंडारण 28 दिनों के लिए किया गया है.
- प्राथमिक, द्वितीयक व तृतीयक स्तर के सभी स्वास्थ्य संस्थान पूरी तरह से चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ काम कर रहे हैं. मेडिकल स्टाफ के पहचानपत्र का इस्तेमाल मूवमेंट पास के तौर पर किया जा रहा है.
- विमान अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रहे हैं और एयर टिकट को आवागमन पास के रूप में माना जा रहा है.
- हर महत्वपूर्ण जगहों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है, जिससे आम जनता को सहजता हो.
- आम जनता की बातचीत के लिए 300 विशेष टेलीफोन बूथ स्थापित किए जा रहे हैं.
- नगर निगमों व नगर पालिकाओं के माध्यम से स्वच्छता के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.
- 24 घंटे सातों दिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते व फाल्ट/ब्रेकडाउन को तुरंत बहाल करने के लिए पर्याप्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है.
- जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पंपिंग स्टेशनों पर कर्मचारियों को तैनात किया गया है.
- ईद की तैयारियों के लिए सभी प्रोविजन/बेकरी/ मिठाई/पोल्ट्री/मटन की दुकानें खुली रहेंगी और लोगों की मांगों को पूरा करेंगी.
- रेजिडेंट कमीशनर नई दिल्ली ने विभिन्न जगहों पर संपर्क अधिकारियों को सक्रिय किया है. इसमें नई दिल्ली व अलीगढ़ भी शामिल हैं, जिससे जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों को अपने परिवारों से बातचीत की सुविधा हो.
इससे पहले प्रशासन ने शुक्रवार को लोगों को स्थानीय मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत दी थी. हालांकि, घाटी में बड़ी संख्या में लोगों के एक स्थान पर जमा होने की इजाजत नहीं दी गई.
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संचार संसाधनों पर रोक के बारे में पूछने पर अधिकारी ने कहा कि यह अस्थायी उपाय है, ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं को फैलने से रोका जा सके.
उन्होंने कहा, 'सरकार जमीनी हालात को लेकर संवेदनशील है और लोगों को कम से कम असुविधा हो इसका ध्यान रख रही है. रोजाना या हर दूसरे दिन प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है. हम फोन पर से रोक हटाने का फैसला जितनी जल्दी संभव होगा, लेंगे.'
अधिकारी ने कहा कि सभी फैसले केंद्र सरकार की ओर से नहीं लिए जा रहे हैं. स्थानीय प्रशासन अपने स्तर पर जरूरत के हिसाब से कानून- व्यवस्था को लेकर फैसला ले रहा है.