श्रीनगर : परिवहन, पर्यटन और संस्कृति से संबंधित संसद की स्थाई समिति के सदस्य तीन दिनों के कश्मीर दौरे पर पहुंचे हैं. इस दौरान 31 सदस्यीय संसदीय दल परिवहन, पर्यटन और संस्कृति क्षेत्रों की जांच-पड़ताल कर रही है. सासंदों की अगुआई राज्यसभा सांसद टीजी वेंकटेश कर रहे हैं.
अनुच्छे 370 के रद्द होने के बाद पहली बार परिवहन, पर्यटन और संस्कृति से संबंधित संसद की स्थाई समिति जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंची है.
इस संसद की स्थाई समिति ने परिवहन, पर्यटन और संस्कृति से संबंधित लोगों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने ससंद के सदस्यों को सूचित किया कि इस क्षेत्र में तनाव के दो कारण हैं.
उन्होंने बताया कि 370 रद्द होने के बाद घाटी में तनाव था. इसके बाद कोरोना महामारी के कारण घाटी में तनाव है.
इस दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और संसाद डॉ. फारूक अब्दुल्ला भी प्रतिनिधिमंडल से मिले.
इस दौरान संसद की स्थाई समिति की एक बैठक आयोजित की गई. इस दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और फारूख अब्दुल्ला भी मौजूद रहे. इसके अलावा बैठक में परिवहन, पर्यटन और संस्कृति जुड़े लोग मौजूद थे.
हालांकि, इन दोनों नेताओं ने मीडिया से बात नहीं की.
राज्यसभा सांसद टीजी वेंकटेश ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 से संबंधित कोई बात नहीं की.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, यहां कोई विकास नहीं हुआ है. हमने इन मुद्दों पर विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से बात की. उनकी द्वारा की गई मांगो को सूना. हम इसे संसद में पेश करेंगे.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 रद्द होने से घाटी का विकास हो सकता है. क्योंकि यहां पर बाहर से व्यापारी आएंगे और पैसा लगाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को विकास हो सकता है.
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कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शेख आशिक ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को यहां की स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने ने प्रतिनिधिमंडल को ट्रांसपोर्ट की खस्ता हालत के बारे में बताया.
इससे पहले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने श्रीनगर में कई लोकप्रिय पर्यटन स्थलों का दौरा किया था. जिसमें दाचीगाम वन्यजीव अभयारण्य और डल झील शामिल हैं. इसके अलावा सदस्यों ने हजरतबल के एक सूफी मंदिर में भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए.