नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी और उसके कारण लागू किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर ऑटोमोबाइल उद्योग को प्रतिदिन 2,300 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा और इस क्षेत्र में अनुमानित रूप से 3.45 लाख नौकरियों का नुकसान हुआ. संसद की एक समिति की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
वाणिज्य विभाग से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को मंगलवार को पेश की गई. इस समिति के अध्यक्ष तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सांसद केशव राव हैं.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में देश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए कई उपाए सुझाए हैं, जिसमें वर्तमान भूमि और श्रम कानूनों को सुव्यवस्थित करने की बात कही गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, 'समिति को ऑटो उद्योग संगठनों यह सूचित किया है कि सभी मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) ने कम मांग और वाहनों की बिक्री में कमी आने के कारण अपना उत्पादन 18-20 कम कर दिया है. इसके परिणामस्वरूप आटोमाबाइल क्षेत्र में रोजगार का परिदृश्य प्रभावित हुआ और इस क्षेत्र में अनुमानित रूप से 3.45 लाख नौकरियों का नुकसान हुआ. 'इसमें कहा गया है कि ऑटो क्षेत्र में मानवसंसाधन की भर्तियां रूक गई. इसके अलावा 286 आटो डीलरों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर गए.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन में कटौती का इस क्षेत्र में पुर्जो से जुड़े उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा.
इसमें कहा गया है कि, ' कोविड-19 महामारी और उसके कारण लागू लॉकडाउन के मद्देनजर ऑटोमोबाइल उद्योग को प्रतिदिन करीब 2,300 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.'