नई दिल्ली : संसद ने बजट सत्र के दौरान 12 विधेयकों को पारित किया गया. सत्र के दौरान, दोनों सदनों में 19 विधेयक (लोकसभा में 18 और राज्यसभा में 1) पेश किए गए थे.
वित्त विधेयक के पारित होने सहित बजटीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद सोमवार को दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया.
कोरोना वायरस के प्रसार के खतरे के मद्देनजर सत्र का दूसरा भाग स्थगित कर दिया गया.
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि लोकसभा के लिए उत्पादकता लगभग 90 प्रतिशत और राज्यसभा के लिए 74 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले भाग के दौरान लोकसभा की उत्पादकता लगभग 94 प्रतिशत थी और राज्यसभा की लगभग 96 प्रतिशत थी.
दूसरे भाग के दौरान, लोकसभा की उत्पादकता लगभग 88 प्रतिशत थी और राज्य सभा की 62 प्रतिशत थी.
बता दें कि बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ और सत्र का पहला भाग 11 फरवरी को समाप्त हुआ जबकि सत्र का दूसरा भाग 2 मार्च को शुरू हुआ.
बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की 23 बैठकें हुईं, जो 31 जनवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू हुईं.
इसके अलावा वित्त विधेयक 2020 में सरकार ने जिन संशोधनों को पेश किया और उन्हें पारित कराया है. इनमें प्रवासी भारतीयों के स्वामित्व वाले कारोबार में केवल उसी आय पर कर लगाया जायेगा जो कि उनके भारतीय परिचालन से सृजित होगी. प्रवासी भारतीयों, विदेशी कंपनियों को दिये जाने वाले लाभांश पर 20 प्रतिशत की दर से टीडीएस लगाने को भी मंजूरी मिल गई है.
दूसरी तरफ रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स) को लाभांश कर से छूट दी गई है.
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वित्त विधेयक में एक और अहम बदलाव जो किया गया है वह पेट्रोल, डीजल पर विशेष उत्पाद शुल्क बढ़ाने को लेकर किया गया है. इस संशोधन के बाद सरकार को पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को 8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने का अधिकार मिल गया है. अब सरकार आने वाले समय में जरूरत पड़ने पर कभी भी पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा सकती है.
इस संशोधन के बाद सरकार पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को मौजूदा 10 रुपये प्रति लीटर से 18 रुपये तक ले जा सकती है और डीजल पर इसे मौजूदा 4 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये तक किया जा सकता है. यह काम सरकार एक झटके में करने के बजाय अलग अलग चरणों में भी कर सकती है. यह सरकार के लिये भविष्य के उपाय के तौर पर है, फिलहाल इस समय पेट्रोल, डीजल के उत्पाद शुलक में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सरकार की तरफ से वित्त विधेयक में जो संशोधन लाए गए उनमें यह संशोधन भी शामिल था.
बता दें किवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2020 को वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया था. बजट में कुल 30,42,230 करोड रुपये के बजट में राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का बजट अनुमान लगाया गया है. बजट में पहली बार व्यक्तिगत आयकर की दरों में व्यापक बदलाव किया गया. जहां पहले व्यक्तिगत आय पर पांच, 20 और 30 प्रतिशत की दर से कर लगता था. वहीं नई व्यवस्था में व्यक्तिगत आय को छह वर्गों में बांटकर पांच, दस, 15, 20, 25 और 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगाने की व्यवस्था की गई है.
हालांकि, नई कर व्यवस्था को वैकल्पिक रखा गया है. करदाता चाहें तो पुरानी व्यवस्था के तहत भी कर दे सकते हैं. नई व्यवस्था में कई तरह की आयकर रियायतों और कटौतियों को समाप्त कर दिया गया है.