श्रीनगर: केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. हालांकि अभी भी कुछ विभागों में कामकाज प्रभावित है. कश्मीर में स्कूल में एडमिशन शुरू हो गए हैं. स्थानीय लोगों को अपने बच्चों का एडमिशन कराने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं, अभिभावकों ने सरकार से अपील की है कि प्रवेश प्रक्रिया निष्पक्ष होनी चाहिए ताकि सभी वर्गों के बच्चों को प्रवेश मिल सके.
कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद सुरक्षा स्थिति के लिहाज से पिछले 33 दिनों से स्कूल-कॉलेज बंद हैं. बहुत से प्रायवेट स्कूल में नए शैक्षणिक सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है.
एडमिशन फॉर्म जमा करने के लिए ऑनलाइन सुविधा है लेकिन घाटी में इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण अभिभावकों को फॉर्म लेने के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को ध्यान देना चाहिए कि यहां पर गरीबों का भी एडमिशन हो. उनको अपने बच्चों का एडमिशन कराने के लिए भटकना पड़ रहा है.
एडमिशन फॉर्म लेने आए एक छात्रा के पिता ने बताया कि सरकार को ध्यान देना चाहिए ताकि प्रवेश प्रक्रिया निष्पक्ष हो. उन्होंने कहा कि पहले आसानी से ऑनलाइन फॉर्म जमा किया जा सकता था. इंटरनेट सेवा बंद होने से बहुत प्रभाव पड़ रहा है.
वहीं, कुछ अभिभावकों का आरोप है कि ऐसी स्थिति में रसूखदार लोगों के बच्चों के एडमिशन की संभावनाएं ज्यादा हैं.
अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से इंटरनेट सेवा ठप होने के कारण प्रवेश प्रक्रिया की तारीख बढ़ाने की मांग की है.
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बता दें, 5 अगस्त को, संघ सरकार ने अनुच्छेद 370 को संशोधित करने के निर्णय की घोषणा की थी जिसने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था. इसने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया.