जयपुर : विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 808वां उर्स अगले महीने से शुरू होगा. देश और दुनिया से जायरीन उर्स के मौके पर राजस्थान के अजमेर आएंगे, लेकिन बीते 2 साल से नहीं आ रहे पाकिस्तानी जायरीनों का इस बार भी आने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है.
दरअसल, पुलवामा हमले और कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बीते 2 साल से भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों में कटुता आ गई है. यही वजह है कि बीते 2 साल से पाकिस्तानी जायरीन का जत्था ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर नहीं आ रहा है. वहीं इस बार भी पाकिस्तानी जायरीन के जत्थे के आने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है.
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बता दें, कि सालों से उसके मौके पर हर साल लगभग 500 जायरिनों का जत्था जियारत के लिए अजमेर आता रहा है. जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान से आने वाले जायरिनों को लेकर प्रशासन के पास कोई सूचना नहीं है.
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कलेक्टर ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की 808वें उर्स मेले में आने वाले जायरीन की सहूलियत के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. सभी संबंधित विभागों को 8 फरवरी तक काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को मेले की तैयारियों को लेकर रिव्यू बैठक होगी. इस बैठक के बाद जहां तैयारियों में कमी रही है, उसको पूरा किया जाएगा.