जम्मू : पाकिस्तान के सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर सीमा के पास पिछले 16 वर्षों में सर्वाधिक संघर्ष विराम उल्लंघन 2019 में किया. पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम उल्लंघन की 3200 से अधिक घटनाओं को अंजाम दिया, जो रोजाना औसतन इस तरह की नौ घटनाएं हैं.
अधिकारियों ने बताया कि 2019 में पाकिस्तान की सेना द्वारा गोलीबारी 'सबसे ज्यादा' हुई, जिससे 2003 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ सीमा समझौता 'निरर्थक' होता जा रहा है.
उन्होंने कहा कि 2019 में भारत-पाक सीमा पर पाकिस्तान की सेना ने संघर्षविराम उल्लंघन की 3,289 घटनाओं को अंजाम दिया.
इनमें से संघर्षविराम उल्लंघन की 1,565 घटनाएं अगस्त 2019 के बाद हुई, जब भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर दिया और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित करने का निर्णय लिया.
सामाजिक कार्यकर्ता रोहित चौधरी के आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय की निदेशक सुलेखा ने कहा कि अक्टूबर में सबसे ज्यादा 398 संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं हुईं, नवम्बर में 333, अगस्त में 323, जुलाई में 314, सितम्बर में 308 और मार्च में संघर्ष विराम उल्लंघन की 275 घटनाएं हुईं.
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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय रेखा के पास लगातार अग्रिम चौकियों और गांवों को निशाना बनाया ताकि लोगों के बीच भय का माहौल बनाया जा सके.'
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने 2018 में संघर्ष विराम की 2936 घटनाओं को अंजाम दिया जिसमें 61 लोग मारे गए और 250 से अधिक जख्मी हुए.
पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन के 971 मामले 2017 में हुए थे. 2017 में संघर्ष विराम उल्लंघन में 12 लोग मारे गए और सुरक्षा बल के 19 जवान शहीद हुए, वहीं 151 अन्य लोग जख्मी हो गए थे.