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ब्लैक लिस्टेड होने से बचने के लिए अमेरिका से सौदा कर सकता है पाक : प्रो. हर्ष पंत

पाकिस्तान पिछले साल तो एफएटीएफ की काली सूची में आने से बच गया था, लेकिन अगर इस बार उसने अपने 27 सूत्रीय कार्यक्रम को पूरा नहीं किया तो वह ब्लैक लिस्ट हो सकता है. इस मुद्दे पर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के रिसर्च डायरेक्टर प्रो. हर्ष पंत ने ईटीवी भारत से बात की. जानें क्या कुछ कहा प्रोफेसर ने...

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प्रो. हर्ष पंत
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Published : Feb 3, 2020, 6:04 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 1:03 AM IST

नई दिल्ली : आगामी 21 फरवरी को यह साफ हो जाएगा कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद विरोधी निगरानी कार्यबल (Financial Action Task Force) द्वारा ब्लैक लिस्ट किए जाने से बच पाएगा या नहीं.

पाकिस्तान पिछले साल अपने दोनों पूर्ण सत्रों के दौरान अपने सिर पर एफएटीएफ की झूलती हुई तलवार से तो बच गया, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान ने 27 सूत्रीय कार्ययोजना पर कोई प्रगति की है या नहीं.

प्रो.पंत ने की ईटीवी भारत से बात.

पिछले साल अक्टूबर में अपने अंतिम पूर्ण सत्र के बाद, FATF के अध्यक्ष जियांगमिन ने पाकिस्तान को साफ हिदायत दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान दिए गए 27 सूत्रीय कार्यक्रम को पूरा नहीं कर पाता तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा.

पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड होने की आशंका पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के डायरेक्टर रिसर्च प्रो. हर्ष पंत ने दावा किया कि यह पाकिस्तान की कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर निर्भर नहीं है.

पढ़ें- पाकिस्तान को एफएटीएफ ग्रे लिस्ट से निकालने में अमेरिकी मदद की उम्मीद

प्रो. पंत ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस निकालने का अमेरिका से सौदा कर सकता है.

ओआरएफ अनुसंधान निदेशक ने यहां तक ​​दावा किया कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड किए जाने का अनुमान लगाने के लिए जुआ खेलने जैसा होगा. उन्होंने दावा किया कि इस तरह का निर्णय उस तरह की बातचीत पर निर्भर करता है, जो इमरान खान और ट्रम्प प्रशासन के बीच सामने आती है.

पाकिस्तान की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति ने, जो एफएटीएफ से संबंधित मामलों को संभालती है, एफएटीएफ के अनुपालन में बने रहने के लिए छह महीने की अवधि में अपने कानूनों में एक दर्जन से अधिक संशोधन करने का फैसला किया था.

नई दिल्ली : आगामी 21 फरवरी को यह साफ हो जाएगा कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद विरोधी निगरानी कार्यबल (Financial Action Task Force) द्वारा ब्लैक लिस्ट किए जाने से बच पाएगा या नहीं.

पाकिस्तान पिछले साल अपने दोनों पूर्ण सत्रों के दौरान अपने सिर पर एफएटीएफ की झूलती हुई तलवार से तो बच गया, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान ने 27 सूत्रीय कार्ययोजना पर कोई प्रगति की है या नहीं.

प्रो.पंत ने की ईटीवी भारत से बात.

पिछले साल अक्टूबर में अपने अंतिम पूर्ण सत्र के बाद, FATF के अध्यक्ष जियांगमिन ने पाकिस्तान को साफ हिदायत दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान दिए गए 27 सूत्रीय कार्यक्रम को पूरा नहीं कर पाता तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा.

पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड होने की आशंका पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के डायरेक्टर रिसर्च प्रो. हर्ष पंत ने दावा किया कि यह पाकिस्तान की कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर निर्भर नहीं है.

पढ़ें- पाकिस्तान को एफएटीएफ ग्रे लिस्ट से निकालने में अमेरिकी मदद की उम्मीद

प्रो. पंत ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस निकालने का अमेरिका से सौदा कर सकता है.

ओआरएफ अनुसंधान निदेशक ने यहां तक ​​दावा किया कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड किए जाने का अनुमान लगाने के लिए जुआ खेलने जैसा होगा. उन्होंने दावा किया कि इस तरह का निर्णय उस तरह की बातचीत पर निर्भर करता है, जो इमरान खान और ट्रम्प प्रशासन के बीच सामने आती है.

पाकिस्तान की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति ने, जो एफएटीएफ से संबंधित मामलों को संभालती है, एफएटीएफ के अनुपालन में बने रहने के लिए छह महीने की अवधि में अपने कानूनों में एक दर्जन से अधिक संशोधन करने का फैसला किया था.

Intro:New Delhi: On February 21, it will be clear whether Pakistan avoids getting blacklisted by the global anti-terror watchdog Financial Action Task Force or not.


Body:Pakistan has managed to evade the FATF sword swinging over its head during its both plenary sessions last year. But it will be interesting to see whether Pakistan has made any progress on the 27-point action plan.

After its last plenary session in October last year, FATF President Xiangmin who hails from China gave a stern to Islamabad. He claimed that if Pakistan fails to comply with the given action plan it will be put in the black list.

Talking exclusively to ETV Bharat on the possibilities of Pakistan getting black listed, Observer Research Foundation's Director Research Prof Harsh Pant claimed that it doesn't depend on the deliverance on action plan by Pakistan.



Conclusion:He said that Pakistan might be able to bargain with Americans given the possible withdrawal its troops from Afghanistan and Pakistan's Central role there.

The ORF Director Research even claimed that it will be highly speculative to predict whether Pakistan will get black listed or not. He claimed that such decision depends on the kind of conversations which unfold between Imran Khan and Trump administration.

On Friday, Pakistan's National Executive Committee which handles matters related to the FATF had decided to introduce major amendments to at least a dozen of its laws over the period of six months to remain in compliance with FATF.
Last Updated : Feb 29, 2020, 1:03 AM IST
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