नई दिल्ली : कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के बीच सोमवार को यहां एक बैठक हुई, जिसमें आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक समझौते (आरसीईपी) जैसे मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि इस बैठक देश की 13 समान विचारधारा वाले दलों के बीच हुई. बैठक में बढ़ती बेरोजगारी, आर्थिक और कृषि संकट सहित कई विषयों पर चर्चा की गई.
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से कुछ दिनों पहले हुई इस बैठक में कांग्रेस के अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला, द्रमुक के टी.आर. बालू, राजद के मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक, भाकपा के डी. राजा, राष्ट्रीय लोक दल के अजित सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव और रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा आदि नेताओं ने हिस्सा लिया.
हालांकि समाजवादी पार्टी और बसपा के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं थे.
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बता दें कि कांग्रेस की कोशिश है कि आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और आरसीईपी आदि मुद्दों पर विपक्ष को लामबंद किया जाए.
मुख्य विपक्षी पार्टी इन्हीं मुद्दों को लेकर मंगलवार से जिला एवं प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. अगले महीने वह दिल्ली में बड़ी रैली भी करेगी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.