नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही 'एक देश एक चुनाव' के मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया है. जिसके लिए उन्होंने बुधवार को सभी दलों के अध्यक्षों की एक बैठक भी बुलाई है. हालांकि, तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इस बैठक से किनारा कर लिया है.
'वन नेशन वन एलेक्शन' के पहलुओं पर ईटीवी भारत ने भारतीय मतदाता संगठन के अध्यक्ष रिखब चंद जैन से बात की. उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी की पहल का स्वागत करते हैं. जैन का मानना है कि अगर ये निर्णय होता है तो इसका फायदा जनता, सरकार और राजनीतिक दलों को होगा.
गौरतलब है कि 'भारतीय मतदाता संगठन' चुनाव सुधार और मतदाता जागरूकता के लिए लंबे समय से काम कर रही समाजिक संस्था है. संगठन के अध्यक्ष रिखब चंद जैन ने कहा कि इस मामले पर विपक्ष को बात करनी चाहिए ताकि उनके भ्रम मिट सकें.
जैन ने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए संविधान में दो छोटे- छोटे संशोधन करने होंगे. उन्होंने कहा कि जब 2024 में लोकसभा चुनाव हो तो उस समय सभी विधानसभा चाहें उनका कार्यकाल पूरा हुआ हो या न हुआ हो सबको भंग करना पढ़ेगा.
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इसके अलावा अगर भविष्य में कभी मध्यावधि चुनाव की आवश्यकता पढ़ जाए तो उस राज्य में मध्यावधि चुनाव पांच साल के लिए न करा कर उपचुनाव की तरह बचे हुए कार्यकाल के लिए करवाए जाएं. उन्होंने कहा कि अगर ये निर्णय होता है तो इसका फायदा जनता, सरकार और राजनीतिक दलों को होगा.