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पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए बनाया जा रहा है 'ओनाविल्लू,' जानें कहानी

पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए बनाया जा रहा 'ओनाविल्लू' औपचारिक धनुष का निर्माण अंतिम चरण में है. इसका निर्माण पिछले 41 दिनों से किया जा रहा है. धनुष को ओणम त्योहार पर मंदिर में चढ़ाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर...

ओनाविल्लु
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Published : Sep 2, 2019, 11:19 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:43 AM IST

तिरुवनंतपुरमः केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए 'ओनाविल्लु' का निर्माण किया जा रहा है. 'ओनाविल्लु' मंदिर एक औपचारिक धनुष है. इसका निर्माण तब से किया जा रहा है, जब से मंदिर बना है. यह प्रत्येक वर्ष मंदिर में अर्पित करने के लिए बनाया जाता है. 'ओनाविल्लु' धार्मिक त्योहार ओणम का मुख्य हिस्सा है.

मंदिर में जब से 'ओनाविल्लु' चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई है तब से इसका निर्माण एक ही परिवार के सदस्यों के द्वारा किया जाता है. इस धनुष का निर्माण करने वाले परिवार को 'ओनाविलु परिवार' के नाम से जाना जाता है.

यह परिवार सात पीढ़ियों से 'ओनाविल्लु' का निर्माण करता आ रहा है. परिवार के सदस्य काम शुरू करने से पहले 41 दिन की तपस्या करते हैं.

'ओनाविल्लू' का निर्माण करता परिवार

धनुष पूरी तरह से महोगनी की लकड़ी से बनाया जाता है, इसके दोनों किनारों पर अनंतशयनम, दशावतारम, श्रीराम पट्टाभिषेकम और श्रीकृष्णलीला के लघु चित्रों को चित्रित किया जाता हैं. इन चित्रों को हरे, पीले, लाल काले और सफेद रंगों और उनके संयुक्त रंगों से चित्रित किया जाता हैं.

ओनाविल्लू को मंदिर के मुख्य द्वार पर छह जोड़े में चढ़ाया जाता है . त्रावणकोर राजघराने के मंदिर में त्यौहार पर तीन दिन पूजा किया जाता है, उसके बाद धनुष को एक वर्ष तक के लिए मंदिर में रख दिया जाता है.

तिरुवनंतपुरमः केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए 'ओनाविल्लु' का निर्माण किया जा रहा है. 'ओनाविल्लु' मंदिर एक औपचारिक धनुष है. इसका निर्माण तब से किया जा रहा है, जब से मंदिर बना है. यह प्रत्येक वर्ष मंदिर में अर्पित करने के लिए बनाया जाता है. 'ओनाविल्लु' धार्मिक त्योहार ओणम का मुख्य हिस्सा है.

मंदिर में जब से 'ओनाविल्लु' चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई है तब से इसका निर्माण एक ही परिवार के सदस्यों के द्वारा किया जाता है. इस धनुष का निर्माण करने वाले परिवार को 'ओनाविलु परिवार' के नाम से जाना जाता है.

यह परिवार सात पीढ़ियों से 'ओनाविल्लु' का निर्माण करता आ रहा है. परिवार के सदस्य काम शुरू करने से पहले 41 दिन की तपस्या करते हैं.

'ओनाविल्लू' का निर्माण करता परिवार

धनुष पूरी तरह से महोगनी की लकड़ी से बनाया जाता है, इसके दोनों किनारों पर अनंतशयनम, दशावतारम, श्रीराम पट्टाभिषेकम और श्रीकृष्णलीला के लघु चित्रों को चित्रित किया जाता हैं. इन चित्रों को हरे, पीले, लाल काले और सफेद रंगों और उनके संयुक्त रंगों से चित्रित किया जाता हैं.

ओनाविल्लू को मंदिर के मुख्य द्वार पर छह जोड़े में चढ़ाया जाता है . त्रावणकोर राजघराने के मंदिर में त्यौहार पर तीन दिन पूजा किया जाता है, उसके बाद धनुष को एक वर्ष तक के लिए मंदिर में रख दिया जाता है.

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'Onavillu', a ceremonial bow for Sri Padmanabhaswamy Temple, Trivandrum



Making of 'Onavillu', a ceremonial bow that is offered to the deity of Sri Padmanabhaswamy Temple is in last stage. Vilayil veedu family at Karamana, Trivandrum, the traditional artisans makes this bow. They are known as 'Onavillu Family'. The tradition started when the temple started. Onavillu was made as part of the annual rituals during the Onam festival season. 



The family members observe a 41-day penance prior to the commencement of the work. The bow is a broad piece of wood, tapering on both sides, on which miniature paintings of the Ananthasayanam, Dasavatharam, Sreerama Pattabhishekam and the Sreekrishnaleela are portrayed. They also makes bows for Sastha and Ganesh. These are painted using green, yellow, red, black and white colors and their combined colors. Traditionally, the family prepares the bows using kadambu or mahogany wood.



Craftsmen offers six pairs of bows to the chief diety temple. There is a custom to keep the bow in the prayer room of Travancore royal family for a period of one year after three days of puja in the temple. Binkumar is the current head of the Vilayil veedu. This family has been making the Onavillu for seven generations.


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 5:43 AM IST
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