तिरुवनंतपुरमः केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए 'ओनाविल्लु' का निर्माण किया जा रहा है. 'ओनाविल्लु' मंदिर एक औपचारिक धनुष है. इसका निर्माण तब से किया जा रहा है, जब से मंदिर बना है. यह प्रत्येक वर्ष मंदिर में अर्पित करने के लिए बनाया जाता है. 'ओनाविल्लु' धार्मिक त्योहार ओणम का मुख्य हिस्सा है.
मंदिर में जब से 'ओनाविल्लु' चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई है तब से इसका निर्माण एक ही परिवार के सदस्यों के द्वारा किया जाता है. इस धनुष का निर्माण करने वाले परिवार को 'ओनाविलु परिवार' के नाम से जाना जाता है.
यह परिवार सात पीढ़ियों से 'ओनाविल्लु' का निर्माण करता आ रहा है. परिवार के सदस्य काम शुरू करने से पहले 41 दिन की तपस्या करते हैं.
धनुष पूरी तरह से महोगनी की लकड़ी से बनाया जाता है, इसके दोनों किनारों पर अनंतशयनम, दशावतारम, श्रीराम पट्टाभिषेकम और श्रीकृष्णलीला के लघु चित्रों को चित्रित किया जाता हैं. इन चित्रों को हरे, पीले, लाल काले और सफेद रंगों और उनके संयुक्त रंगों से चित्रित किया जाता हैं.
ओनाविल्लू को मंदिर के मुख्य द्वार पर छह जोड़े में चढ़ाया जाता है . त्रावणकोर राजघराने के मंदिर में त्यौहार पर तीन दिन पूजा किया जाता है, उसके बाद धनुष को एक वर्ष तक के लिए मंदिर में रख दिया जाता है.