ETV Bharat / bharat

ओम बिरला बने लोकसभा के नए स्पीकर

राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला लोकसभा के नए स्पीकर चुन लिए गए है.

author img

By

Published : Jun 19, 2019, 11:28 AM IST

Updated : Jun 19, 2019, 12:30 PM IST

ओम बिड़ला (स्पीकर, लोकसभा)

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के सांसद ओम बिड़ला निर्विरोध लोकसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी.
पीएम ने कहा कि ओम बिड़ला का लोकसभा का अध्यक्ष बनना गर्व की बात है.

om birla new speaker
ओम बिड़ला चुने गए नए अध्यक्ष.

पीएम मोदी ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन किया. इसके बाद अरविंद सावंत सहित अन्य कई सांसदों ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा. जिसका अन्य सांसदों ने समर्थन किया.

om birla with family
ओम बिड़ला और उनका परिवार.
राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिड़ला को आज निर्विरोध रूप से लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया.

मंगलवार को ओम बिड़ला ने अपना नामांकन किया था. उनके खिलाफ किसी ने पर्चा नहीं भरा. ऐसे में उनका चुना जाना तय था. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एनडीए के सभी दल और अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी ओम बिड़ला के नाम का समर्थन किया.

पीएम मोदी ने लोकसभा के नए स्पीकर ओम बिड़ला को बधाई देते हुए कहा कि यह सदन के लिए बड़ी गर्व की बात है. हम सभी ओम बिड़ला जी को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर बधाई देते हैं.
मोदी ने कहा कि कई सांसद ओम बिड़ला को अच्छी तरह से जानते हैं. उन्होंने राजस्थान में रहकर वहां सेवा की है.

मोदी ने कहा कि उन्होंने लंबे समय से ओम बिड़ला के साथ काम किया है. उन्होंने कोटा को मिनी इंडिया की संज्ञा देते हुए कहा कि वे कोटा का प्रतिनिध्तव करते हैं. उनका सार्वजनिक जीवन में वर्षों से जुड़ाव रहा है.
उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की और बिना किसी छुट्टी के समाज की सेवा करते आ रहे हैं.

ओम बिड़ला- एक परिचय
4 दिसम्बर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला महज 17 साल की उम्र से राजनीति में उतर गए थे. उन्होंने 2003 में कोटा दक्षिण विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा और कांग्रेस के कद्दावर नेता शांति धारीवाल को हराया. इसके बाद 2008 और 2013 में विधानसभा चुनाव जीते.
लोकसभा चुनाव लड़ने का पहला मौका 2014 में मिला. तब उन्होंने कांग्रेस के इज्यराज सिंह, जो अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं, को 2 लाख से अधिक वोट के अंतर से हराया.

2019 में भी पार्टी ने भरोसा जताया और कांग्रेस के रामनारायण मीणा को हराकर संसद पहुंचे.

2014 की लोकसभा में ओम बिड़ला को कई समितियों में जगह मिली थी. उन्हें प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था.
ओम बिड़ला सहकारी समितियों के चुनाव में भी रुचि रखते हैं. 1992 से 1995 के बीच वह राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष रहे. कोटा में सहकारी समितियों में आज भी उनका दखल बताया जाता है.

पढ़ें: पति का नाम स्पीकर के लिए घोषित होते ही पत्नी ने सालों से जारी व्रत तोड़ डाला

राजस्थान सरकार मे संसदीय सचिव भी रहे. इस दौरान उन्होंने गंभीर रोगों के शिकार लोगों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की.अगस्त 2004 में बाढ़ पीड़ितों के लिए काम किया. 2006 में तब ओम बिड़ला सुर्खियों में तब आए जब स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी के स्वर नामक कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को समानित किया. यह समारोह कोटा और बूंदी में आयोजित हुआ था.

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के सांसद ओम बिड़ला निर्विरोध लोकसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी.
पीएम ने कहा कि ओम बिड़ला का लोकसभा का अध्यक्ष बनना गर्व की बात है.

om birla new speaker
ओम बिड़ला चुने गए नए अध्यक्ष.

पीएम मोदी ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन किया. इसके बाद अरविंद सावंत सहित अन्य कई सांसदों ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा. जिसका अन्य सांसदों ने समर्थन किया.

om birla with family
ओम बिड़ला और उनका परिवार.
राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिड़ला को आज निर्विरोध रूप से लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया.

मंगलवार को ओम बिड़ला ने अपना नामांकन किया था. उनके खिलाफ किसी ने पर्चा नहीं भरा. ऐसे में उनका चुना जाना तय था. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एनडीए के सभी दल और अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी ओम बिड़ला के नाम का समर्थन किया.

पीएम मोदी ने लोकसभा के नए स्पीकर ओम बिड़ला को बधाई देते हुए कहा कि यह सदन के लिए बड़ी गर्व की बात है. हम सभी ओम बिड़ला जी को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर बधाई देते हैं.
मोदी ने कहा कि कई सांसद ओम बिड़ला को अच्छी तरह से जानते हैं. उन्होंने राजस्थान में रहकर वहां सेवा की है.

मोदी ने कहा कि उन्होंने लंबे समय से ओम बिड़ला के साथ काम किया है. उन्होंने कोटा को मिनी इंडिया की संज्ञा देते हुए कहा कि वे कोटा का प्रतिनिध्तव करते हैं. उनका सार्वजनिक जीवन में वर्षों से जुड़ाव रहा है.
उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की और बिना किसी छुट्टी के समाज की सेवा करते आ रहे हैं.

ओम बिड़ला- एक परिचय
4 दिसम्बर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला महज 17 साल की उम्र से राजनीति में उतर गए थे. उन्होंने 2003 में कोटा दक्षिण विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा और कांग्रेस के कद्दावर नेता शांति धारीवाल को हराया. इसके बाद 2008 और 2013 में विधानसभा चुनाव जीते.
लोकसभा चुनाव लड़ने का पहला मौका 2014 में मिला. तब उन्होंने कांग्रेस के इज्यराज सिंह, जो अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं, को 2 लाख से अधिक वोट के अंतर से हराया.

2019 में भी पार्टी ने भरोसा जताया और कांग्रेस के रामनारायण मीणा को हराकर संसद पहुंचे.

2014 की लोकसभा में ओम बिड़ला को कई समितियों में जगह मिली थी. उन्हें प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था.
ओम बिड़ला सहकारी समितियों के चुनाव में भी रुचि रखते हैं. 1992 से 1995 के बीच वह राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष रहे. कोटा में सहकारी समितियों में आज भी उनका दखल बताया जाता है.

पढ़ें: पति का नाम स्पीकर के लिए घोषित होते ही पत्नी ने सालों से जारी व्रत तोड़ डाला

राजस्थान सरकार मे संसदीय सचिव भी रहे. इस दौरान उन्होंने गंभीर रोगों के शिकार लोगों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की.अगस्त 2004 में बाढ़ पीड़ितों के लिए काम किया. 2006 में तब ओम बिड़ला सुर्खियों में तब आए जब स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी के स्वर नामक कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को समानित किया. यह समारोह कोटा और बूंदी में आयोजित हुआ था.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Jun 19, 2019, 12:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.