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महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण- ओडिशा और छत्तीसगढ़ प्रस्तुत करे संयुक्त सर्वेक्षण रिपोर्ट

महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के याचिकाकर्ताओं को अपने विशेषज्ञों की टीमों भेजकर महानदी नदी पर चल रहे परियोजनाओं को मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है. वहीं दोनों राज्यों ने ट्रिब्यूनल के फैसले पर सहमति जताई है. जानें विस्तार से...

महानदी जल विवाद
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Published : Sep 28, 2019, 11:36 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 9:58 AM IST

नई दिल्ली: ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी जल बंटवारे के विवाद के लेकर महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण ने दोनों राज्यों को निर्देशित किया. न्यायाधिकरण ने दोनों ही राज्यों को एक-दूसरे के राज्य में अपनी टीमों को भेजकर एक संयुक्त सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

दरअसल महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि दोनों राज्यों को अपने विशेषज्ञों की टीमों को भेजकर महानदी नदी पर किए जाने वाले परियोजनाओं के मूल्यांकन करें. जिसपर दोनों राज्यों ने ट्रिब्यूनल के फैसले पर सहमति जताई है.

इस मामले पर सबसे पहले ओडिशा के वकीलों और विशेषज्ञों की एक टीम 30 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच छत्तीसगढ़ का दौरा करेगी. इसके बाद, इसी साल 17 नवंबर से 19 नवंबर के बीच छत्तीसगढ़ की टीम ओडिशा राज्य का दौरा करेगी.

ये दल संबंधित राज्यों का दौरा करने के बाद एक सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करेंगे. इस रिपोर्ट को दोनों ही राज्यों से अगली सुनवाई के दिन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जो 30 नवंबर को निर्धारित है.

इसे भी पढे़ं- कोई तो बचा लो! आस्था की महानदी यमुना ज़हरीला झाग उगल रही है

बता दें, इस सुनवाई के बाद 2 दिसंबर को ट्रिब्यूनल द्वारा एक एसिसर नियुक्त किया जाएगा.

हालांकि, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पिछले साल के दौरान नदी को बचाने के लिए एक परियोजना शुरू की थी.

गौरतलब है कि ओडिशा राज्य सरकार ने नदी में पानी की कमी के लिए छत्तीसगढ़ को जिम्मेदार ठहराता है क्योंकि छत्तीसगढ़ से यह नदी निकलती है और छत्तीसगढ़ सरकार ने नदी पर सात बांध बनाए हैं.

नई दिल्ली: ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी जल बंटवारे के विवाद के लेकर महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण ने दोनों राज्यों को निर्देशित किया. न्यायाधिकरण ने दोनों ही राज्यों को एक-दूसरे के राज्य में अपनी टीमों को भेजकर एक संयुक्त सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

दरअसल महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि दोनों राज्यों को अपने विशेषज्ञों की टीमों को भेजकर महानदी नदी पर किए जाने वाले परियोजनाओं के मूल्यांकन करें. जिसपर दोनों राज्यों ने ट्रिब्यूनल के फैसले पर सहमति जताई है.

इस मामले पर सबसे पहले ओडिशा के वकीलों और विशेषज्ञों की एक टीम 30 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच छत्तीसगढ़ का दौरा करेगी. इसके बाद, इसी साल 17 नवंबर से 19 नवंबर के बीच छत्तीसगढ़ की टीम ओडिशा राज्य का दौरा करेगी.

ये दल संबंधित राज्यों का दौरा करने के बाद एक सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करेंगे. इस रिपोर्ट को दोनों ही राज्यों से अगली सुनवाई के दिन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जो 30 नवंबर को निर्धारित है.

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बता दें, इस सुनवाई के बाद 2 दिसंबर को ट्रिब्यूनल द्वारा एक एसिसर नियुक्त किया जाएगा.

हालांकि, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पिछले साल के दौरान नदी को बचाने के लिए एक परियोजना शुरू की थी.

गौरतलब है कि ओडिशा राज्य सरकार ने नदी में पानी की कमी के लिए छत्तीसगढ़ को जिम्मेदार ठहराता है क्योंकि छत्तीसगढ़ से यह नदी निकलती है और छत्तीसगढ़ सरकार ने नदी पर सात बांध बनाए हैं.

Intro:New Delhi: Over the ongoing water sharing dispute between Odisha and Chhattisgarh, the Mahanadi water dispute tribunal has asked both the states to submit a joint survey report by sending their teams to each other's states.


Body:The Mahanadi water dispute tribunal has given directions to both petitioners, Odisha and Chhattisgarh, for sending their expert teams to each other's state for the assessment of projects that will be carried out on Mahanadi River. Both states have agreed to the decision of Tribunal.

At first, a team of Odisha consisting of lawyers and experts will visit Chhattisgarh between October 30 to November 2, which will be followed by a visit of Chhattisgarh team to the state of Odisha between November 17 to November 19, this year. These teams will prepare a survey report after visiting the respective states. Both the states have been asked to submit this report on the day of next hearing, which is scheduled at November 30. After that an Assessor will be appointed by the Tribunal on December 2.


Conclusion:The river came into highlight when Chief Minister of Odisha Naveen Patnaik launched a project to save the river, during last year. The State government blamed Chhattisgarh of lack of water in the river as it originates from there and the Chhattisgarh government has allegedly set up seven dams on the river.
Last Updated : Oct 2, 2019, 9:58 AM IST
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