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नोडल अधिकारी ने निभाया फर्ज, कोरोना से मृत शमसुद्दीन का जनाजा उठाया

उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में एक नोडल अधिकारी ने अपना फर्ज निभाया, जब कोरोना से मृत व्यक्ति का जनाजा उठाने में उसके तीन बेटों का सहयोग करने से लोगों ने इनकार कर दिया. दरअसल, नोएडा सेक्टर 8 निवासी 62 साल के शमसुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. तीन बेटों को जब जनाजे को उठाने में दिक्कत हो रही थी और बाकी लोग आगे आने के लिए भी तैयार नहीं थे. ऐसे में नोडल अधिकारी राकेश कुमार ने जनाजा उठाने में मदद कर मिसाल पेश की.

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शमसुद्दीन के शव को कंधा
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Published : May 19, 2020, 5:21 PM IST

नई दिल्ली/गौतम बुद्ध नगर : राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में कोरोना काल में हालात ये हो गए हैं कि लोग दुख की घड़ी में भी एक-दूसरे का साथ देने के लिए आगे नहीं आ रहे. संक्रमण के खौफ के कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है.

ऐसा ही एक मामला सामने आया है. दरअसल, नोएडा के सेक्टर 8 निवासी 62 साल के शमसुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. उनके तीन बेटों को अपने पिता का जनाजा उठाने में दिक्कत हो रही थी और बाकी लोग आगे के लिए भी तैयार नहीं थे. ऐसे में नोडल अधिकारी राकेश कुमार ने अपना फर्ज निभाया. राकेश ने खुद उनके बेटों के साथ पीपीई पहनकर जनाजा उठवाया, कब्र तक लेकर पहुंचे और शव को दफनाने की प्रक्रिया पूरा कराई.

नोडल अधिकारी ने कोरोना संक्रमण से मृत शमसुद्दीन का जनाजा उठाया.

राकेश ठाकुर ने बताया, 'हमारी भी कोई जिम्मेदारी है और समाज में मदद के दौरान कई बार खतरों को भूलना होता है.'

पढ़ें-मुंबई : बांद्रा स्टेशन पर जुटे हजारों प्रवासी श्रमिक, पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा

उन्होंने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि उनके बेटों पर क्या बीत रही होगी, जिन्हें पिता को दफनाकर अंतिम सफर के लिए विदाई देनी थी, लेकिन उनका जनाजा भी सही से नहीं उठ पा रहे थे.'

नई दिल्ली/गौतम बुद्ध नगर : राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में कोरोना काल में हालात ये हो गए हैं कि लोग दुख की घड़ी में भी एक-दूसरे का साथ देने के लिए आगे नहीं आ रहे. संक्रमण के खौफ के कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है.

ऐसा ही एक मामला सामने आया है. दरअसल, नोएडा के सेक्टर 8 निवासी 62 साल के शमसुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. उनके तीन बेटों को अपने पिता का जनाजा उठाने में दिक्कत हो रही थी और बाकी लोग आगे के लिए भी तैयार नहीं थे. ऐसे में नोडल अधिकारी राकेश कुमार ने अपना फर्ज निभाया. राकेश ने खुद उनके बेटों के साथ पीपीई पहनकर जनाजा उठवाया, कब्र तक लेकर पहुंचे और शव को दफनाने की प्रक्रिया पूरा कराई.

नोडल अधिकारी ने कोरोना संक्रमण से मृत शमसुद्दीन का जनाजा उठाया.

राकेश ठाकुर ने बताया, 'हमारी भी कोई जिम्मेदारी है और समाज में मदद के दौरान कई बार खतरों को भूलना होता है.'

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उन्होंने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि उनके बेटों पर क्या बीत रही होगी, जिन्हें पिता को दफनाकर अंतिम सफर के लिए विदाई देनी थी, लेकिन उनका जनाजा भी सही से नहीं उठ पा रहे थे.'

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