नई दिल्ली/गौतम बुद्ध नगर : राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में कोरोना काल में हालात ये हो गए हैं कि लोग दुख की घड़ी में भी एक-दूसरे का साथ देने के लिए आगे नहीं आ रहे. संक्रमण के खौफ के कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है.
ऐसा ही एक मामला सामने आया है. दरअसल, नोएडा के सेक्टर 8 निवासी 62 साल के शमसुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. उनके तीन बेटों को अपने पिता का जनाजा उठाने में दिक्कत हो रही थी और बाकी लोग आगे के लिए भी तैयार नहीं थे. ऐसे में नोडल अधिकारी राकेश कुमार ने अपना फर्ज निभाया. राकेश ने खुद उनके बेटों के साथ पीपीई पहनकर जनाजा उठवाया, कब्र तक लेकर पहुंचे और शव को दफनाने की प्रक्रिया पूरा कराई.
राकेश ठाकुर ने बताया, 'हमारी भी कोई जिम्मेदारी है और समाज में मदद के दौरान कई बार खतरों को भूलना होता है.'
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उन्होंने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि उनके बेटों पर क्या बीत रही होगी, जिन्हें पिता को दफनाकर अंतिम सफर के लिए विदाई देनी थी, लेकिन उनका जनाजा भी सही से नहीं उठ पा रहे थे.'