कुल्लू: हिमाचल प्रदेश स्थित सैंज घाटी के दुर्गम गांव मरोड़ में सड़क सुविधा ना होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. आलम ये है कि कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो ग्रामीणों द्वारा इलाज के लिए उसे कुर्सी के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है. ऐसे में ग्रामीणों ने सरकार से गांव में डिस्पेंसरी खोलने और सड़क का प्रावधान करने की भी मांग की है.
बता दें कि मरोड़ गांव के एक शख्स के पैर में चोट लगी थी. सड़क सुविधा से वंचित ग्रामीणों ने उसे कुर्सी पर उठाकर इलाज के लिए सैंज अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
वहीं पिछले हफ्ते भारी बारिश के कारण निहारनी से शाकटी मरोड़ गांव को जाने वाले रास्ते पर भूस्खलन हो गया है, जिससे गांव में राशन व सामान ले जाने के लिए घोड़े-खच्चर का रास्ता बंद हो गया है. स्थानीय ग्रामीणों अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं.
सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने ग्रामीणों के लिए जल्द ही डिस्पेंसरी खोलने की मांग की है, ताकि स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. साथ ही भूस्खलन से बंद हुए रास्ते को ठीक किया जाए, ताकि लोग राशन व सामान अपने घर ले जा सकें.
उन्होंने कहा की अगर सरकार और जिला प्रशासन द्वारा हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो आगामी दिनों में सैंज संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आंदोलन किया जाएगा.
गौर रहे कि उपमंडल बंजार की तीर्थन और सैंज घाटी में सड़क के अभाव में कई लोग पैदल चलने को मजबूर हैं. साथ ही सड़क सुविधा ना होने से मरीजों को चारपाई और कुर्सी पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया जाता है.
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