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निर्यात तत्परता सूचकांक में गुजरात अव्वल, जानें अन्य राज्यों का हाल - Niti Aayog Export Preparedness Index

नीति आयोग ने निर्यात तत्परता सूचकांक 2020 को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस सूची में गुजरात पहले नंबर पर है. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है और तीसरा स्थान पर तमिलनाडु है.

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नीति आयोग
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Published : Aug 26, 2020, 4:45 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 7:01 PM IST

नई दिल्ली : सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक आयोग के ‘निर्यात तत्परता सूचकांक 2020’ में गुजरात शीर्ष पर है, जबकि महाराष्ट्र का दूसरा और तमिलनाडु का तीसरा स्थान है.

रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष 10 स्थानों में आठ तटीय राज्यों में छह जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. इस सूचकांक से पता चलता है कि किस राज्य में निर्यात को बढ़ावा दने के लिए कितनी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

भूमि से घिरे राज्यों में राजस्थान का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है, जिसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान है.

हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड रैकिंग में सबसे आगे है. इसके बाद त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश है.

रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, इसके बाद गोवा और चंडीगढ़ का स्थान है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड दो भूमि से घिरे राज्य हैं, जिन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसी सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करने वाले दूसरे राज्य भी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इन नीतियों का अनुसरण कर सकते हैं.

इस रिपोर्ट के लोकार्पण के मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि निर्यात, आत्मनिर्भर भारत का अभिन्न हिस्सा है और देश को जीडीपी तथा विश्व व्यापार में निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश करनी होगी.

उन्होंने कहा, 'हम आने वाले वर्षों में विश्व व्यापार में भारत के हिस्से को दोगुना करने की कोशिश करेंगे.'

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति निर्यात 241 अमेरिकी डॉलर है, जबकि यह आंकड़ा दक्षिण कोरिया में 11,900 डॉलर और चीन में 18,000 डॉलर है, इसलिए भारत के निर्यात में बढ़ोतरी की अपार संभावनाएं हैं.

पढ़ें :- सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के ट्रस्ट में सरकारी नुमाइंदगी को लेकर दायर की गई याचिका

राजीव कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं महत्वपूर्ण हैं.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दीर्घावधि में आर्थिक विकास के लिए निर्यात में तेज वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र किसी देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में महत्वपूर्ण योगदान करने और एकीकृत उत्पादन नेटवर्क का लाभ उठाने में समक्ष बनाता है.

नई दिल्ली : सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक आयोग के ‘निर्यात तत्परता सूचकांक 2020’ में गुजरात शीर्ष पर है, जबकि महाराष्ट्र का दूसरा और तमिलनाडु का तीसरा स्थान है.

रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष 10 स्थानों में आठ तटीय राज्यों में छह जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. इस सूचकांक से पता चलता है कि किस राज्य में निर्यात को बढ़ावा दने के लिए कितनी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

भूमि से घिरे राज्यों में राजस्थान का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है, जिसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान है.

हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड रैकिंग में सबसे आगे है. इसके बाद त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश है.

रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, इसके बाद गोवा और चंडीगढ़ का स्थान है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड दो भूमि से घिरे राज्य हैं, जिन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसी सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करने वाले दूसरे राज्य भी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इन नीतियों का अनुसरण कर सकते हैं.

इस रिपोर्ट के लोकार्पण के मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि निर्यात, आत्मनिर्भर भारत का अभिन्न हिस्सा है और देश को जीडीपी तथा विश्व व्यापार में निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश करनी होगी.

उन्होंने कहा, 'हम आने वाले वर्षों में विश्व व्यापार में भारत के हिस्से को दोगुना करने की कोशिश करेंगे.'

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति निर्यात 241 अमेरिकी डॉलर है, जबकि यह आंकड़ा दक्षिण कोरिया में 11,900 डॉलर और चीन में 18,000 डॉलर है, इसलिए भारत के निर्यात में बढ़ोतरी की अपार संभावनाएं हैं.

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राजीव कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं महत्वपूर्ण हैं.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दीर्घावधि में आर्थिक विकास के लिए निर्यात में तेज वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र किसी देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में महत्वपूर्ण योगदान करने और एकीकृत उत्पादन नेटवर्क का लाभ उठाने में समक्ष बनाता है.

Last Updated : Aug 26, 2020, 7:01 PM IST
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