नई दिल्ली : वर्ष 2012 में निर्भया के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के दोषियों में एक अक्षय कुमार सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है. अक्षय को एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था.
वकील ए.पी.सिंह के माध्यम से दायर समीक्षा याचिका में अक्षय ने कहा, 'दिल्ली-एनसीआर में पानी और हवा को लेकर जो कुछ हो रहा है, उससे हर कोई वाकिफ है. जीवन छोटा होता जा रहा है, फिर मृत्युदंड क्यों?
सुप्रीम कोर्ट 9 जुलाई 2018 को ही अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका को रद्द कर चुका है. उस समय अक्षय ने याचिका दायर नहीं की थी. वकील सिंह ने अपने मुवक्किल की ओर से मंगलवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की.
याचिका में अक्षय ने निवेदन करते हुए दावा किया कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई है, और राजधानी शहर सचमुच गैस चैंबर बन गया है. यहां तक कि शहर में पानी भी जहर से भरा है.
बता दें कि इस मामले पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी छह में से चार दोषियों - मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को सजा सुनाई थी. बाद में हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने इन चारों दोषियों के लिए फांसी की सजा बरकरार रखी.
इस मामले में एक आरोपी को नाबालिग होने का फायदा मिला जबकि एक ने जेल में आत्महत्या कर ली थी.
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इससे पहले निर्भया के माता-पिता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि दोषी विनय शर्मा ने जान बूझकर कर दया याचिका दाखिल की है ताकि वो फांसी से बच सके.