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निर्भया के दोषी की SC में दलील : दिल्ली में प्रदूषण से जिंदगी छोटी हो रही, फिर फांसी क्यों?

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Published : Dec 10, 2019, 6:51 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 11:24 PM IST

निर्भया गैंगरेप के चार दोषियों में एक अक्षय कुमार सिंह ने दायर याचिका समीक्षा में कहा कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई है और राजधानी गैस चैंबर बन गया है. जिंदगी छोटी हो रही है पानी भी जहरीली हो गई है फिर मृत्युदंड क्यों? और क्या कहा निर्भया के दोषी ने पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : वर्ष 2012 में निर्भया के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के दोषियों में एक अक्षय कुमार सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है. अक्षय को एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था.

वकील ए.पी.सिंह के माध्यम से दायर समीक्षा याचिका में अक्षय ने कहा, 'दिल्ली-एनसीआर में पानी और हवा को लेकर जो कुछ हो रहा है, उससे हर कोई वाकिफ है. जीवन छोटा होता जा रहा है, फिर मृत्युदंड क्यों?

अक्षय कुमार सिंह की याचिका
अक्षय कुमार सिंह की याचिका

सुप्रीम कोर्ट 9 जुलाई 2018 को ही अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका को रद्द कर चुका है. उस समय अक्षय ने याचिका दायर नहीं की थी. वकील सिंह ने अपने मुवक्किल की ओर से मंगलवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की.

याचिका में अक्षय ने निवेदन करते हुए दावा किया कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई है, और राजधानी शहर सचमुच गैस चैंबर बन गया है. यहां तक कि शहर में पानी भी जहर से भरा है.

बता दें कि इस मामले पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी छह में से चार दोषियों - मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को सजा सुनाई थी. बाद में हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने इन चारों दोषियों के लिए फांसी की सजा बरकरार रखी.

इस मामले में एक आरोपी को नाबालिग होने का फायदा मिला जबकि एक ने जेल में आत्महत्या कर ली थी.

पढ़ें- उत्तराखंड : दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार का शव गंगनहर के निकट बरामद

इससे पहले निर्भया के माता-पिता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि दोषी विनय शर्मा ने जान बूझकर कर दया याचिका दाखिल की है ताकि वो फांसी से बच सके.

नई दिल्ली : वर्ष 2012 में निर्भया के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के दोषियों में एक अक्षय कुमार सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है. अक्षय को एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था.

वकील ए.पी.सिंह के माध्यम से दायर समीक्षा याचिका में अक्षय ने कहा, 'दिल्ली-एनसीआर में पानी और हवा को लेकर जो कुछ हो रहा है, उससे हर कोई वाकिफ है. जीवन छोटा होता जा रहा है, फिर मृत्युदंड क्यों?

अक्षय कुमार सिंह की याचिका
अक्षय कुमार सिंह की याचिका

सुप्रीम कोर्ट 9 जुलाई 2018 को ही अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका को रद्द कर चुका है. उस समय अक्षय ने याचिका दायर नहीं की थी. वकील सिंह ने अपने मुवक्किल की ओर से मंगलवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की.

याचिका में अक्षय ने निवेदन करते हुए दावा किया कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई है, और राजधानी शहर सचमुच गैस चैंबर बन गया है. यहां तक कि शहर में पानी भी जहर से भरा है.

बता दें कि इस मामले पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी छह में से चार दोषियों - मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को सजा सुनाई थी. बाद में हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने इन चारों दोषियों के लिए फांसी की सजा बरकरार रखी.

इस मामले में एक आरोपी को नाबालिग होने का फायदा मिला जबकि एक ने जेल में आत्महत्या कर ली थी.

पढ़ें- उत्तराखंड : दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार का शव गंगनहर के निकट बरामद

इससे पहले निर्भया के माता-पिता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि दोषी विनय शर्मा ने जान बूझकर कर दया याचिका दाखिल की है ताकि वो फांसी से बच सके.

Intro:One of the convicts, Akshay Kumar Singh, accused in the gruesome rape of Nirbhaya back in 2012 has moved to the Supreme Court today filing a revieq petition before the apex court.


Body:Akshay was sentenced to death by a trial court which was upheld by the Delhi High court and the Supreme Court.

"Why death penality? When age is reducing, it is mentioned in our Ved, Purans and Upnishads that in the age of Satyug people lived the life of thousand years. Even in Treta Yug a man used to live thousand years. In the age of Dwapar they used to live for hundreds of the years. But now it is Kalyug, in this era, age of hukan beings have reduced much. It has now come to 50-60 years and rarely we litsen of a person who is the age of 100 years," cites the review petition as the ground for rejecting his dealth penality.


Conclusion:Vinay and Pawan currently convicted of the Nirbhaya gang rape, will not file a curative petition in the Supreme Court. According to the counsel of the convicts, AP Singh, only after the disposal of the reconsideration petition of Akshay, the three convicts will file a curative petition together.
Last Updated : Dec 10, 2019, 11:24 PM IST
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