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सोना तस्करी मामला में एनआईए ने स्वप्ना सुरेश, 3 अन्य के खिलाफ यूएपीए लगाया - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

एनआईए ने तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 30 किलोग्राम सोने की जब्ती के सिलसिले में सारथ, स्वप्ना सुरेश, फाजिल फरीद, संदीप नायर और अन्य के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत मामला दर्ज किया है.

सोना तस्करी मामला में एनआईए ने स्वप्ना सुरेश, 3 अन्य के खिलाफ यूएपीए लगाया
सोना तस्करी मामला में एनआईए ने स्वप्ना सुरेश, 3 अन्य के खिलाफ यूएपीए लगाया
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Published : Jul 11, 2020, 3:48 AM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल सोना तस्करी मामले में शुक्रवार को एक नया मोड़ आ गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रमुख संदिग्ध स्वप्ना सुरेश सहित चार लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की. स्वप्ना मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के अब हटाए जा चुके सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की करीबी है.

एनआईए ने स्वप्ना द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका के बाद शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय में आरोपी के खिलाफ अपना आरोप-पत्र दायर किया.

एनआईए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि केरल सोना तस्करी मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 17 और 18 के तहत चार आरोपियों पी.एस. सारिथ, स्वप्ना प्रभा सुरेश, फाजिल फरीद और संदीप नायर- के खिलाफ त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से पांच जुलाई को कस्टम (प्रीवेंटिव) कमिशनरेट, कोचीन द्वारा 14.82 करोड़ रुपये मूल्य के 24 कैरेट के 30 किलोग्राम सोने की बरामदगी के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.

एनआईए ने आगे कहा कि यह खेप यूएई से आए एक राजनयिक बैगेज में रखी हुई थी, जो वियना कन्वेंशन के अनुसार निरीक्षण से मुक्त है.

कथित खेप यूएई कंसुलेट में पहले एक जन संपर्क अधिकारी के रूप में काम कर चुके सारिथ के नाम थी.

कस्टम विभाग की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सारिथ इस तरह की कई खेपें पहले भी प्राप्त कर चुका है.

बयान में कहा गया है कि चूंकि यह मामला दूसरे देश से भारत में बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी से जुड़ा है, लिहाजा यह देश की आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. यह एक आतंकी गतिविधि के समान है, जैसा कि गैरकानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम, 1967 की धारा 15 में कहा गया है.

एनआईए ने कहा कि चूंकि यह मामला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सूत्रों से जुड़ा हुआ है और प्रारंभिक पड़ताल से पता चला है कि तस्करी के सोने का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद को वित्तपोषण में किया जा सकता है, लिहाजा एनआईए ने इस मामले को अपने हाथ में लिया है.

सारिथ और स्वप्ना यूएई कंसुलेट कार्यालय में साथ काम कर चुके हैं और बाद में स्वप्ना ने आईटी विभाग से जुड़ी एक हाई-प्रोफाइल नौकरी जॉइन कर ली, जिसके शिवशंकर सचिव थे.

एनआईए इस बात की भी जांच कर सकती है कि कही किसी गोपनीय फाइल की गोपनीयता तो भंग नहीं हुई है.

इस बीच, रपटें आई हैं कि स्वप्ना की स्नातक की डिग्री फर्जी है और उसके खुद के भाई के अनुसार, उसे नहीं पता कि वह कक्षा 10 भी पास है या नहीं.

इस मामले से केरल में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है और राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोना तस्करी मामले की एक एनआईए-सीबीआई-रॉ जांच के आदेश देने का आग्रह किया.

पार्टी ने पहले ही विजयन के इस्तीफे की मांग की है और कोविड-19 के प्रोटोकॉल्स के बावजूद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है.

तिरुवनंतपुरम : केरल सोना तस्करी मामले में शुक्रवार को एक नया मोड़ आ गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रमुख संदिग्ध स्वप्ना सुरेश सहित चार लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की. स्वप्ना मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के अब हटाए जा चुके सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की करीबी है.

एनआईए ने स्वप्ना द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका के बाद शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय में आरोपी के खिलाफ अपना आरोप-पत्र दायर किया.

एनआईए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि केरल सोना तस्करी मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 17 और 18 के तहत चार आरोपियों पी.एस. सारिथ, स्वप्ना प्रभा सुरेश, फाजिल फरीद और संदीप नायर- के खिलाफ त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से पांच जुलाई को कस्टम (प्रीवेंटिव) कमिशनरेट, कोचीन द्वारा 14.82 करोड़ रुपये मूल्य के 24 कैरेट के 30 किलोग्राम सोने की बरामदगी के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.

एनआईए ने आगे कहा कि यह खेप यूएई से आए एक राजनयिक बैगेज में रखी हुई थी, जो वियना कन्वेंशन के अनुसार निरीक्षण से मुक्त है.

कथित खेप यूएई कंसुलेट में पहले एक जन संपर्क अधिकारी के रूप में काम कर चुके सारिथ के नाम थी.

कस्टम विभाग की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सारिथ इस तरह की कई खेपें पहले भी प्राप्त कर चुका है.

बयान में कहा गया है कि चूंकि यह मामला दूसरे देश से भारत में बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी से जुड़ा है, लिहाजा यह देश की आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. यह एक आतंकी गतिविधि के समान है, जैसा कि गैरकानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम, 1967 की धारा 15 में कहा गया है.

एनआईए ने कहा कि चूंकि यह मामला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सूत्रों से जुड़ा हुआ है और प्रारंभिक पड़ताल से पता चला है कि तस्करी के सोने का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद को वित्तपोषण में किया जा सकता है, लिहाजा एनआईए ने इस मामले को अपने हाथ में लिया है.

सारिथ और स्वप्ना यूएई कंसुलेट कार्यालय में साथ काम कर चुके हैं और बाद में स्वप्ना ने आईटी विभाग से जुड़ी एक हाई-प्रोफाइल नौकरी जॉइन कर ली, जिसके शिवशंकर सचिव थे.

एनआईए इस बात की भी जांच कर सकती है कि कही किसी गोपनीय फाइल की गोपनीयता तो भंग नहीं हुई है.

इस बीच, रपटें आई हैं कि स्वप्ना की स्नातक की डिग्री फर्जी है और उसके खुद के भाई के अनुसार, उसे नहीं पता कि वह कक्षा 10 भी पास है या नहीं.

इस मामले से केरल में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है और राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोना तस्करी मामले की एक एनआईए-सीबीआई-रॉ जांच के आदेश देने का आग्रह किया.

पार्टी ने पहले ही विजयन के इस्तीफे की मांग की है और कोविड-19 के प्रोटोकॉल्स के बावजूद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है.

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