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साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए लगी थी याचिका, खारिज

मालेगांव ब्लास्ट 2008 केस में NIA कोर्ट ने पीड़ित सैयद निसार की अपील खारिज करते हुए प्रज्ञा ठाकुर को राहत दी है. पीड़ित ने NIA कोर्ट में अपील कर साध्वी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की थी.

साध्वी प्रज्ञा (फोटो सौ. एएनआई)
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Published : Apr 24, 2019, 6:30 PM IST

मुंबई: NIA की एक विशेष अदालत ने 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट में मारे गए एक युवक के पिता की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया, जिसमें इस मामले की आरोपी एवं भाजपा उम्मीदार प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी. बता दें, प्रज्ञा मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं. वह भाजपा के टिकट पर मध्य प्रदेश के भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.

मालेगांव विस्फोट में अपने बेटे को खोने वाले निसार सैयद ने ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग करते हुए पिछले सप्ताह अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अपनी याचिका में उन्होंने यह भी कहा कि ठाकुर की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली एक याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है.

NIA के विशेष न्यायाधीश वी एस पडालकर ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वकील भली-भांति जानते हैं कि यह उचित मंच (याचिका के लिए) नहीं है.

न्यायाधीश ने कहा,'....इस अदालत ने जमानत नहीं दी ...गलत मंच चुना गया है.'

ठाकुर के वकील जेपी मिश्रा ने बुधवार को अदालत से कहा कि उनकी मुवक्किल विचारधारा के लिए और राष्ट्र के हित की खातिर चुनाव लड़ रही हैं.
भोपाल से बीजेपी सांसद की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, 'कांग्रेस लगातार साजिश कर रही है लेकिन हम निश्चित रूप से जीतेंगे क्योंकि सच्चाई और 'धर्म' हमेशा जीतता है.'

वहीं, सैयद ने अपनी याचिका में कहा कि ठाकुर को स्वास्थ्य कारणों से जमानत मिली थी और अगर चिलचिलाती गर्मी में चुनाव लड़ने के लिए उनका स्वास्थ्य ठीक है तो उन्होंने अदालत को गुमराह किया है.

मुंबई: NIA की एक विशेष अदालत ने 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट में मारे गए एक युवक के पिता की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया, जिसमें इस मामले की आरोपी एवं भाजपा उम्मीदार प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी. बता दें, प्रज्ञा मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं. वह भाजपा के टिकट पर मध्य प्रदेश के भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.

मालेगांव विस्फोट में अपने बेटे को खोने वाले निसार सैयद ने ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग करते हुए पिछले सप्ताह अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अपनी याचिका में उन्होंने यह भी कहा कि ठाकुर की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली एक याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है.

NIA के विशेष न्यायाधीश वी एस पडालकर ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वकील भली-भांति जानते हैं कि यह उचित मंच (याचिका के लिए) नहीं है.

न्यायाधीश ने कहा,'....इस अदालत ने जमानत नहीं दी ...गलत मंच चुना गया है.'

ठाकुर के वकील जेपी मिश्रा ने बुधवार को अदालत से कहा कि उनकी मुवक्किल विचारधारा के लिए और राष्ट्र के हित की खातिर चुनाव लड़ रही हैं.
भोपाल से बीजेपी सांसद की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, 'कांग्रेस लगातार साजिश कर रही है लेकिन हम निश्चित रूप से जीतेंगे क्योंकि सच्चाई और 'धर्म' हमेशा जीतता है.'

वहीं, सैयद ने अपनी याचिका में कहा कि ठाकुर को स्वास्थ्य कारणों से जमानत मिली थी और अगर चिलचिलाती गर्मी में चुनाव लड़ने के लिए उनका स्वास्थ्य ठीक है तो उन्होंने अदालत को गुमराह किया है.

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