नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. आयोग ने उन मीडिया रिपोर्टों को संज्ञान लिया है, जिनमें 16.05.2020 को अधिकारियों द्वारा वाहन में औरैया सड़क दुर्घटना के मृतकों के शव भी घायलों के साथ में ले जाए जा रहे थे.
नोटिस में चार सप्ताह के भीतर मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है.
आयोग ने राज्य के अधिकारियों द्वारा पीड़ित प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को प्रदान राहत/पुनर्वास का विवरण मांगा है और अपराधी अधिकारियों पर कार्रवाई रिपोर्ट के साथ, घायल प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की स्थिति और उनके चिकित्सा उपचार की स्थिति भी मांगी है.
जारी बयान में एनएचआरसी ने कहा, 'यह वास्तव में अनैतिक और अमानवीय है कि शवों को उसी वाहन में रखा जाए जिसमें घायल प्रवासी मजदूरों को यात्रा करने के लिए कहा गया था. घायल व्यक्तियों को ना केवल शारीरिक चोटों का सामना करना पड़ा था, बल्कि वे भीषण दुर्घटना के जबरदस्त आघात में थे और उस दर्दनाक स्थिति में, उन्हें उसी वाहन में बैठने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें मृतक के शव भी रखे गए थे.'
लोक सेवक समझदारी से स्थिति से निपटने में विफल रहे और निर्धन मजदूरों की गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करते हुए क्रूर तरीके से काम किया.
बता दें कि इस घातक दुर्घटना में 26 प्रवासी मजदूरों की जान चली गई और दुर्घटना में 30 से अधिक घायल हो गए. दरअसल एक पंजाब से और दूसरा राजस्थान से आ रहे ट्रक उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में राजमार्ग पर टकरा गए थे. बाद में उसी ट्रक में मृतकों और घायलों को ले जाने वाले ट्रक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, अधिकारियों ने नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एम्बुलेंस वाहनों में शवों को स्थानांतरित कर दिया था.