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तमिलनाडु के एक इंजीनियर ने बनाया खास उपकरण, टिड्डियों का करता है नाश - टिड्डी नष्ट उपकरण

तमिलनाडु के एक मैकेनिकल इंजीनियर ने एक खास उपकरण बनाया है. यह टिड्डियों का नाश करता है. इस मशीन में एक बल्ब होता है, जो चमकता है. गर्मी के कारण टिड्डे आकर्षित होते हैं. और जैसे ही टिड्डे नजदीक आते हैं, उनकी मृत्यु हो जाती है.

locust invasion in tamilnadu
उपकरण का आविष्कार
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Published : Jun 7, 2020, 4:29 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के सलेम जिले के रहने वाले एक मैकेनिकल इंजीनियर ने टिड्डियों के आक्रमण से बचने के लिए एक खास मशीन बनाई है. यह टिड्डियों का नाश कर देता है. यह मशीन प्रति सेकंड लगभग 100 टिड्डियों को मारने की क्षमता रखती है. यह शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कार्य करती है.

उदय कुमार सलेम जिले में इलमपिल्लई के बगल में पेरुमलकुंडनपट्टी के रहने वाले हैं. उदय कुमार ने टिड्डे को नष्ट करने के लिए एक उपकरण को बनाया है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उदय कुमार ने बताया कि मुझे बचपन से नए आविष्कार करने में बहुत दिलचस्पी है, इसलिए मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा हूं. टिड्डे अब भारतीय कृषि के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं. टिड्डियों का झुंड तमिलनाडु आने वाला था, तो मुझे उन्हें नष्ट करने के लिए 12,000 रुपये की लागत वाला एक नया उपकरण मिल गया है.

उन्होंने बताया कि यह एक आसान आविष्कार है. मैंने इस उपकरण को एक ही दिन में डिजाइन किया है. उपकरण में बल्ब प्रकाश की एक प्रभावी तीव्र किरण का उत्सर्जन करेगा. यह टिड्डियों को आकर्षित करेगा और उन्हें आसानी से मार देगा. एक एकड़ जमीन पर पांच या छह ऐसे उपकरणों की काफी प्रभावी रहेंगे. इससे एक ही दिन में लाखों टिड्डे मर जाते हैं.

देखें खास रिपोर्ट.

पढ़ें-टिड्डी दल का प्रकोप जारी, एंटोमोलॉजिस्ट जगदीश से जानें इससे बचने के उपाए

उन्होंने बताया कि इससे तमिलनाडु के कृषि उत्पादों को नष्ट होने से बचाया जा सकता है. यदि केवल केंद्र और राज्य सरकारें इन उपकरणों के निर्माण में सहायता और प्रोत्साहन देती हैं, तो तमिलनाडु में टिड्डों के आक्रमण को रोका जा सकता है. उदय कुमार का यह आविष्कार किसानों को बचा सकती है.

यह मशीन प्रति सेकंड लगभग 100 टिड्डियों को मारने की क्षमता रखती है. यह शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कार्य करती है. इस मशीन में एक बल्ब होता है जो चमकता है और गर्मी के कारण टिड्डे आकर्षित होते हैं. कई मशीनों को प्रत्येक 100 मीटर के अंतराल के साथ तय किया जा सकता है और लाखों टिड्डियों को इस तरह नष्ट किया जा सकता है.

चेन्नई : तमिलनाडु के सलेम जिले के रहने वाले एक मैकेनिकल इंजीनियर ने टिड्डियों के आक्रमण से बचने के लिए एक खास मशीन बनाई है. यह टिड्डियों का नाश कर देता है. यह मशीन प्रति सेकंड लगभग 100 टिड्डियों को मारने की क्षमता रखती है. यह शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कार्य करती है.

उदय कुमार सलेम जिले में इलमपिल्लई के बगल में पेरुमलकुंडनपट्टी के रहने वाले हैं. उदय कुमार ने टिड्डे को नष्ट करने के लिए एक उपकरण को बनाया है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उदय कुमार ने बताया कि मुझे बचपन से नए आविष्कार करने में बहुत दिलचस्पी है, इसलिए मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा हूं. टिड्डे अब भारतीय कृषि के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं. टिड्डियों का झुंड तमिलनाडु आने वाला था, तो मुझे उन्हें नष्ट करने के लिए 12,000 रुपये की लागत वाला एक नया उपकरण मिल गया है.

उन्होंने बताया कि यह एक आसान आविष्कार है. मैंने इस उपकरण को एक ही दिन में डिजाइन किया है. उपकरण में बल्ब प्रकाश की एक प्रभावी तीव्र किरण का उत्सर्जन करेगा. यह टिड्डियों को आकर्षित करेगा और उन्हें आसानी से मार देगा. एक एकड़ जमीन पर पांच या छह ऐसे उपकरणों की काफी प्रभावी रहेंगे. इससे एक ही दिन में लाखों टिड्डे मर जाते हैं.

देखें खास रिपोर्ट.

पढ़ें-टिड्डी दल का प्रकोप जारी, एंटोमोलॉजिस्ट जगदीश से जानें इससे बचने के उपाए

उन्होंने बताया कि इससे तमिलनाडु के कृषि उत्पादों को नष्ट होने से बचाया जा सकता है. यदि केवल केंद्र और राज्य सरकारें इन उपकरणों के निर्माण में सहायता और प्रोत्साहन देती हैं, तो तमिलनाडु में टिड्डों के आक्रमण को रोका जा सकता है. उदय कुमार का यह आविष्कार किसानों को बचा सकती है.

यह मशीन प्रति सेकंड लगभग 100 टिड्डियों को मारने की क्षमता रखती है. यह शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कार्य करती है. इस मशीन में एक बल्ब होता है जो चमकता है और गर्मी के कारण टिड्डे आकर्षित होते हैं. कई मशीनों को प्रत्येक 100 मीटर के अंतराल के साथ तय किया जा सकता है और लाखों टिड्डियों को इस तरह नष्ट किया जा सकता है.

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