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नेपाल का अब बिहार में मोतिहारी की जमीन पर दावा, बांध का काम रोका

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Published : Jun 20, 2020, 10:32 AM IST

Updated : Jun 20, 2020, 12:42 PM IST

अब नेपाल ने बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी के कुछ हिस्सों में अपना दावा ठोका है. दरअसल, नेपाल ने जिले के ढाका ब्लॉक में लाल बकैया नदी पर तटबंध का निर्माण के काम को रूकवा दिया है. पढे़ं खबर विस्तार से...

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नेपाल ने अब मोतिहारी की जमीन पर किया दावा

पटना : भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंधों पर सियासी तनातनी का असर दिख रहा है. अब नेपाल ने सीमा पर बिहार द्वारा बनाए जा रहे बांध के निर्माण कार्य को जबरन रोक दिया है. नेपाल ने दावा किया है कि निर्माण का कुछ हिस्सा उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में है.

नेपाली अधिकारियों ने पूर्वी चंपारण के ढाका में बनाए जा रहे नदी के तटबंध को नो मेंस लैंड एरिया बताते हुए बलुआ गुआबारी में जारी तटबंध निर्माण पर रोक लगा दी है. पूर्वी चंपारण के अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर बातचीत कर इस मामले का हल करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी. नेपाल ने दावा किया है कि निर्माण का कुछ हिस्सा उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में है.

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पत्र

मामले को सुलझाने की कोशिश जारी
पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि नेपाल ने तटबंध के कुछ हिस्से पर आपत्ति जताई गई है. हालांकि तटबंध बनाने का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है. लेकिन तटबंध पर गार्डर लगाने से लेकर सड़क बनाने का काम बाकी है. लेकिन बीच में ही नेपाल ने यह काम रूकवा दिया है. इस बारे में डीएम का कहना है राज्य और केंद्र को रिपोर्ट भेजी गई है. दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मामले को सुलझाने की कोशिश जारी है.

पहले भी नेपाल के अधिकारियों ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि इससे पहले भी साल 2019 में विवाद हुआ था. उस दौरान नेपाल के अधिकारियों ने नेपाल के अधिकारियों ने डीएम को बताया था कि उस स्थल पर ऊंचा बांध निर्माण हो जाने से नेपाल क्षेत्र में पानी का जमाव अधिक हो जाएगा. जिससे, नेपाल के इलाकों में रह रहे लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा. हालांकि, डीएम ने नेपाली अधिकारी को नक्सा के माध्यम से स्थिति साफ किया था और आश्वस्त किया था कि वहां का बांध न तो आगे की ओर ले जाया जा रहा है और न ही कुछ नया निर्माण कार्य किया जाएगा, बल्कि क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत की जाएगी.

पढे़ं : नेपाल के राष्ट्रपति ने विवादित नक्शे वाले संशोधित बिल को दी मंजूरी

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हुई थी फायरिंग
बता दें कि पिछले दिनों भारत-नेपाल के बीच जारी तनाव के दौरान बिहार से सटे सीमा पर फायरिंग हुई थी. यह घटना बिहार के सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पिपरा परसाइन पंचायत में लालबन्दी स्थित जानकी नगर बॉर्डर पर हुई थी. इस फायरिंग में एक शख्स की मौत भी हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए.

क्यों हुआ था विवाद
दरअसल, एक परिवार नेपाल जा रहा था, जिन्हें नेपाली सुरक्षा बलों ने बॉर्डर पर रोक दिया और वापस लौटने को कहा. इस बात को लेकर विवाद हो गया. इसी दौरान नेपाली सुरक्षाबलों ने फायरिंग कर दी, जिससे तीन लोगों को गोली लग गई. इनमें एक की मौत हो गई. इसके बाद नेपाली सुरक्षाबलों ने एक भारतीय युवक को पकड़ लिया था, हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया.

भारत और नेपाल के बीच संबंध विशेष रूप से तनावपूर्ण
बता दें कि भारत और पड़ोसी देश के बीच संबंध विशेष रूप से तनावपूर्ण हो गए हैं. इस बीच नेपाल की संसद ने एक नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दी जिसमें कथित रूप से उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा पर अपना दावा जता रहा है.

पटना : भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंधों पर सियासी तनातनी का असर दिख रहा है. अब नेपाल ने सीमा पर बिहार द्वारा बनाए जा रहे बांध के निर्माण कार्य को जबरन रोक दिया है. नेपाल ने दावा किया है कि निर्माण का कुछ हिस्सा उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में है.

नेपाली अधिकारियों ने पूर्वी चंपारण के ढाका में बनाए जा रहे नदी के तटबंध को नो मेंस लैंड एरिया बताते हुए बलुआ गुआबारी में जारी तटबंध निर्माण पर रोक लगा दी है. पूर्वी चंपारण के अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर बातचीत कर इस मामले का हल करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी. नेपाल ने दावा किया है कि निर्माण का कुछ हिस्सा उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में है.

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पत्र

मामले को सुलझाने की कोशिश जारी
पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि नेपाल ने तटबंध के कुछ हिस्से पर आपत्ति जताई गई है. हालांकि तटबंध बनाने का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है. लेकिन तटबंध पर गार्डर लगाने से लेकर सड़क बनाने का काम बाकी है. लेकिन बीच में ही नेपाल ने यह काम रूकवा दिया है. इस बारे में डीएम का कहना है राज्य और केंद्र को रिपोर्ट भेजी गई है. दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मामले को सुलझाने की कोशिश जारी है.

पहले भी नेपाल के अधिकारियों ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि इससे पहले भी साल 2019 में विवाद हुआ था. उस दौरान नेपाल के अधिकारियों ने नेपाल के अधिकारियों ने डीएम को बताया था कि उस स्थल पर ऊंचा बांध निर्माण हो जाने से नेपाल क्षेत्र में पानी का जमाव अधिक हो जाएगा. जिससे, नेपाल के इलाकों में रह रहे लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा. हालांकि, डीएम ने नेपाली अधिकारी को नक्सा के माध्यम से स्थिति साफ किया था और आश्वस्त किया था कि वहां का बांध न तो आगे की ओर ले जाया जा रहा है और न ही कुछ नया निर्माण कार्य किया जाएगा, बल्कि क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत की जाएगी.

पढे़ं : नेपाल के राष्ट्रपति ने विवादित नक्शे वाले संशोधित बिल को दी मंजूरी

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हुई थी फायरिंग
बता दें कि पिछले दिनों भारत-नेपाल के बीच जारी तनाव के दौरान बिहार से सटे सीमा पर फायरिंग हुई थी. यह घटना बिहार के सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पिपरा परसाइन पंचायत में लालबन्दी स्थित जानकी नगर बॉर्डर पर हुई थी. इस फायरिंग में एक शख्स की मौत भी हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए.

क्यों हुआ था विवाद
दरअसल, एक परिवार नेपाल जा रहा था, जिन्हें नेपाली सुरक्षा बलों ने बॉर्डर पर रोक दिया और वापस लौटने को कहा. इस बात को लेकर विवाद हो गया. इसी दौरान नेपाली सुरक्षाबलों ने फायरिंग कर दी, जिससे तीन लोगों को गोली लग गई. इनमें एक की मौत हो गई. इसके बाद नेपाली सुरक्षाबलों ने एक भारतीय युवक को पकड़ लिया था, हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया.

भारत और नेपाल के बीच संबंध विशेष रूप से तनावपूर्ण
बता दें कि भारत और पड़ोसी देश के बीच संबंध विशेष रूप से तनावपूर्ण हो गए हैं. इस बीच नेपाल की संसद ने एक नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दी जिसमें कथित रूप से उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा पर अपना दावा जता रहा है.

Last Updated : Jun 20, 2020, 12:42 PM IST
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