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विचाराधीन महिला कैदियों के बच्चों की मदद सुनिश्चित करने की जरूरत : स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो से आग्रह किया कि वह ऐसी प्रक्रियाएं तैयार करने में उनके मंत्रालय की मदद करें, जिनसे कि विचाराधीन महिला कैदियों के बच्चों की मदद सुनिश्चित हो सके और ऐसे बच्चों को परेशानी न उठानी पड़े.

स्मृति ईरानी
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Published : Mar 7, 2020, 10:24 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो से आग्रह किया कि वह ऐसी प्रक्रियाएं तैयार करने में उनके मंत्रालय की मदद करें जिनसे कि विचाराधीन महिला कैदियों के बच्चों की मदद सुनिश्चित हो सके और ऐसे बच्चों को परेशानी न उठानी पड़े.

मंत्री ने कहा, 'घटित अपराध में इन बच्चों की कोई भूमिका नहीं होती और मैं पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को अपने मंत्रालय की सेवाएं देना चाहूंगी, जिससे कि इस संदर्भ में संयुक्त प्रयास किया जा सके क्योंकि यह समय की आवश्यकता है.'

उन्होंने कहा कि विचाराधीन महिला कैदियों की स्थिति में सुधार के लिए ऐसे कदम उठाए जाने की जरूरत है.

इस दौरान पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो महानिदेशक वीएसके कौमुदी ने कहा, 'आपराधिक मनोवृत्ति के लोग इंटरनेट के जरिए महिलाओं को निशाना बनाने के लिए साइबर प्लैटफॉर्म का दुरुपयोग करते हैं.'

पढ़ें- देश की अदालतों में यौन अपराध के जुड़े कितने मामले लंबित हैं, एक नजर

उन्होंने कहा, 'महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की अक्सर रिपोर्ट नहीं की जाती और रिपोर्ट की भी जाती है तो नतीजा दोषसिद्धि के रूप में नहीं निकलता.'

कौमुदी ने कहा कि 2018 में महिला केंद्रित साइबर अपराधों में दोषसिद्धि की दर केवल 15.6 प्रतिशत रही.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो से आग्रह किया कि वह ऐसी प्रक्रियाएं तैयार करने में उनके मंत्रालय की मदद करें जिनसे कि विचाराधीन महिला कैदियों के बच्चों की मदद सुनिश्चित हो सके और ऐसे बच्चों को परेशानी न उठानी पड़े.

मंत्री ने कहा, 'घटित अपराध में इन बच्चों की कोई भूमिका नहीं होती और मैं पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को अपने मंत्रालय की सेवाएं देना चाहूंगी, जिससे कि इस संदर्भ में संयुक्त प्रयास किया जा सके क्योंकि यह समय की आवश्यकता है.'

उन्होंने कहा कि विचाराधीन महिला कैदियों की स्थिति में सुधार के लिए ऐसे कदम उठाए जाने की जरूरत है.

इस दौरान पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो महानिदेशक वीएसके कौमुदी ने कहा, 'आपराधिक मनोवृत्ति के लोग इंटरनेट के जरिए महिलाओं को निशाना बनाने के लिए साइबर प्लैटफॉर्म का दुरुपयोग करते हैं.'

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उन्होंने कहा, 'महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की अक्सर रिपोर्ट नहीं की जाती और रिपोर्ट की भी जाती है तो नतीजा दोषसिद्धि के रूप में नहीं निकलता.'

कौमुदी ने कहा कि 2018 में महिला केंद्रित साइबर अपराधों में दोषसिद्धि की दर केवल 15.6 प्रतिशत रही.

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