नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने महाराष्ट्र में नागा महिलाओं (पूर्वोत्तर की महिलाएं) के साथ उत्पीड़न के अलग-अलग मामलों को लेकर जांच और सख्त कानूनी कार्रवाई करने के लिए राज्य के डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल को पत्र लिखा है.
आयोग ने जल्द से जल्द विस्तृत कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है. बता दें, मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, दो अलग-अलग मामलों में पांच नागा लड़कियों के कथित तौर पर नस्लीय भेद और यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. इसके तहत आयोग ने डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है.
जानकारी के लिए बता दें, पहला मामला पुणे में काम करने वाली दो नागा लड़कियों से जुड़ा हुआ है. घटना 17 मई की बताई जा रही है, जब दो नागा लड़कियों को देखकर दो युवकों ने नस्लीय दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और कहने लगे कि वह जहां से आएं हैं, वहां वापस चले जाएं. दोनों व्यक्तियों में से एक ने कथित तौर पर लड़कियों पर खाना भी फेंका.
वहीं दूसरा मामला पुणे के पास जालना का बताया जा रहा है. यहां तीन नागा महिलाओं को कथित तौर पर मकान मालिक ने किराए के अपार्टमेंट में रहने के बदले उनके साथ यौन संबंध बनाने की बात कही.
एक बयान में एनसीडब्ल्यू ने कहा, 'आयोग देश के विभिन्न हिस्सों में पूर्वोत्तर क्षेत्रों की महिलाओं की सुरक्षा के बारे में चिंतित है क्योंकि वह कोविड-19 महामारी के बीच वह लगातार दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का सामना कर रही हैं.'
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर की महिलाओं पर हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है. इस महीने की शुरुआत में मणिपुर की रहने वाली एक 20 साल की लड़की पर हरियाणा में गुरुग्राम के फैजापुर में नस्लीय भेदभाव का मामला सामने आया था.
वहीं मार्च में दिल्ली के विजय नगर में एक 25 वर्षीय मणिपुरी महिला को 'कोरोना' कहकर, उस पर हमला किया गया था.