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भारत की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी, कर्मचारियों की भी कमी : एनसीआरबी - overcrowded indian prisons

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे हुए हैं. एनसीआरबी रिपोर्ट में देशभर की जेलों में कर्मचारियों की कमी को भी रेखांकित किया गया है. जानें पूरा विवरण

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जेलों की क्षमता पर एनसीआरबी
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Published : Aug 30, 2020, 8:41 PM IST

Updated : Aug 30, 2020, 10:57 PM IST

नई दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की जेलों में 2019 में क्षमता से अधिक कैदी भरे रहे. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक देशभर की जेलों की कुल क्षमता 4.03 लाख है, जबकि 2019 में सभी जेलों को मिलाकर 4.78 लाख लोग कैद रहे.

दूसरी ओर, जेलों में 87,599 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 31 दिसंबर, 2019 को सभी जेलों को मिलाकर कुल कर्मचारियों की संख्या 60,787 पाई गई. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में जेलों की वास्तविक क्षमता बढ़ाकर 4.09 लाख की गई थी.

इससे पहले साल 31 दिसंबर, 2017 में देशभर की जेलों की क्षमता 3.91 लाख थी, जबकि 31 दिसंबर, 2018 में जेलों की क्षमता को बढ़ाकर 3.96 लाख किया गया था.

विभिन्न जेलों में बंद कैदियों की संख्या 2019 में प्रत्येक वर्ष के 31 दिसंबर तक) बढ़कर 4.78 लाख हो गई है. यह संख्या 2018 में 4.66 लाख और 2017 में 4.50 लाख थी.

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एनसीआरबी डेटा से जुड़ी सूचना

देश की जेलों की कुल संख्या क्रमशः 2017, 2018 और 2019 के अंत में 1,361, 1,339 और 1,350 थी. आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान अधिभोग दर क्रमशः 115.1 प्रतिशत, 117.6 प्रतिशत और 118.5 प्रतिशत बढ़ी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, 2019 में 4.78 लाख कैदियों में से, 4.58 लाख पुरुष और 19,913 महिलाएं शामिल थीं.

2019 में देश की कुल 1,350 जेलों में 617 सब जेल, 410 जिला जेल, 144 केंद्रीय जेल, 86 ओपन जेल, 4 विशेष जेल, 31 महिला जेल, 19 बोरस्टल स्कूल और दो अन्य जेल शामिल हैं.

देश की केंद्रीय जेलों में कैदियों की उच्चतम क्षमता (1.77 लाख) और उसके बाद पिछले साल जिला जेल (1.58 लाख) और सब जेल (45,071) हैं.

31 दिसंबर, 2019 तक अन्य प्रकार की जेलों, विशेष जेलों, ओपन जेलों और महिलाओं की जेलों में क्रमशः 7,262, 6,113 और 6,511 कैदियों की क्षमता थी.

आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय जेलों में बंद कैदियों (2.20 लाख) में से जिला जेल में (2.06 लाख) और सब जेल में (38,030) सबसे ज्यादा कैदी दर्ज किए गए. महिलाओं की जेलों में कुल कैदियों की संख्या 3,652 थी.

पढ़ें - भारत की जेलों में रखे जा सकते हैं पौने चार लाख कैदी

सबसे अधिक अधिभोग दर जिला जेलों (129.7 प्रतिशत) और उसके बाद केंद्रीय जेलों (123.9 प्रतिशत) और उप जेलों (84.4 प्रतिशत) थी, जबकि 2019 के अंत तक महिला जेलों में अधिभोग दर 56.1 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार, तैनात जेल कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या 87,599 थी, जबकि वास्तविक संख्या 2019 के अंत तक 60,787 थी.

जेल कर्मचारियों में, अधिकारियों की तैनाती (DG / अतिरिक्त DG / IG, DIG, AIG, अधीक्षक) की स्वीकृत संख्या 7,239 थी, लेकिन वास्तविक संख्या 4,840 थी.

NCRB डेटा ने कहा मुताबिक, जेल कैडर स्टाफ (हेड वार्डर, हेड मैट्रन, वार्डर) और सुधारक कर्मचारियों (परिवीक्षा अधिकारी या कल्याण अधिकारी, मनोवैज्ञानिक / मनोचिकित्सक) के लिए कुल संख्या क्रमशः 72,273 और 1,307 थी, जबकि उनकी वास्तविक संख्या क्रमशः 51,126 और 761 थी।.वर्ष,

31 दिसंबर, 2019 तक मेडिकल स्टाफ की स्वीकृत संख्या 3,320 थी, जबकि वास्तविक ताकत 1,962 थी. उस वर्ष महिला जेल अधिकारियों और कर्मचारियों की वास्तविक संख्या7,794 (254 मेडिकल स्टाफ सहित) थी.

नई दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की जेलों में 2019 में क्षमता से अधिक कैदी भरे रहे. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक देशभर की जेलों की कुल क्षमता 4.03 लाख है, जबकि 2019 में सभी जेलों को मिलाकर 4.78 लाख लोग कैद रहे.

दूसरी ओर, जेलों में 87,599 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 31 दिसंबर, 2019 को सभी जेलों को मिलाकर कुल कर्मचारियों की संख्या 60,787 पाई गई. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में जेलों की वास्तविक क्षमता बढ़ाकर 4.09 लाख की गई थी.

इससे पहले साल 31 दिसंबर, 2017 में देशभर की जेलों की क्षमता 3.91 लाख थी, जबकि 31 दिसंबर, 2018 में जेलों की क्षमता को बढ़ाकर 3.96 लाख किया गया था.

विभिन्न जेलों में बंद कैदियों की संख्या 2019 में प्रत्येक वर्ष के 31 दिसंबर तक) बढ़कर 4.78 लाख हो गई है. यह संख्या 2018 में 4.66 लाख और 2017 में 4.50 लाख थी.

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एनसीआरबी डेटा से जुड़ी सूचना

देश की जेलों की कुल संख्या क्रमशः 2017, 2018 और 2019 के अंत में 1,361, 1,339 और 1,350 थी. आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान अधिभोग दर क्रमशः 115.1 प्रतिशत, 117.6 प्रतिशत और 118.5 प्रतिशत बढ़ी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, 2019 में 4.78 लाख कैदियों में से, 4.58 लाख पुरुष और 19,913 महिलाएं शामिल थीं.

2019 में देश की कुल 1,350 जेलों में 617 सब जेल, 410 जिला जेल, 144 केंद्रीय जेल, 86 ओपन जेल, 4 विशेष जेल, 31 महिला जेल, 19 बोरस्टल स्कूल और दो अन्य जेल शामिल हैं.

देश की केंद्रीय जेलों में कैदियों की उच्चतम क्षमता (1.77 लाख) और उसके बाद पिछले साल जिला जेल (1.58 लाख) और सब जेल (45,071) हैं.

31 दिसंबर, 2019 तक अन्य प्रकार की जेलों, विशेष जेलों, ओपन जेलों और महिलाओं की जेलों में क्रमशः 7,262, 6,113 और 6,511 कैदियों की क्षमता थी.

आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय जेलों में बंद कैदियों (2.20 लाख) में से जिला जेल में (2.06 लाख) और सब जेल में (38,030) सबसे ज्यादा कैदी दर्ज किए गए. महिलाओं की जेलों में कुल कैदियों की संख्या 3,652 थी.

पढ़ें - भारत की जेलों में रखे जा सकते हैं पौने चार लाख कैदी

सबसे अधिक अधिभोग दर जिला जेलों (129.7 प्रतिशत) और उसके बाद केंद्रीय जेलों (123.9 प्रतिशत) और उप जेलों (84.4 प्रतिशत) थी, जबकि 2019 के अंत तक महिला जेलों में अधिभोग दर 56.1 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार, तैनात जेल कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या 87,599 थी, जबकि वास्तविक संख्या 2019 के अंत तक 60,787 थी.

जेल कर्मचारियों में, अधिकारियों की तैनाती (DG / अतिरिक्त DG / IG, DIG, AIG, अधीक्षक) की स्वीकृत संख्या 7,239 थी, लेकिन वास्तविक संख्या 4,840 थी.

NCRB डेटा ने कहा मुताबिक, जेल कैडर स्टाफ (हेड वार्डर, हेड मैट्रन, वार्डर) और सुधारक कर्मचारियों (परिवीक्षा अधिकारी या कल्याण अधिकारी, मनोवैज्ञानिक / मनोचिकित्सक) के लिए कुल संख्या क्रमशः 72,273 और 1,307 थी, जबकि उनकी वास्तविक संख्या क्रमशः 51,126 और 761 थी।.वर्ष,

31 दिसंबर, 2019 तक मेडिकल स्टाफ की स्वीकृत संख्या 3,320 थी, जबकि वास्तविक ताकत 1,962 थी. उस वर्ष महिला जेल अधिकारियों और कर्मचारियों की वास्तविक संख्या7,794 (254 मेडिकल स्टाफ सहित) थी.

Last Updated : Aug 30, 2020, 10:57 PM IST
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