श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने रविवार को श्रीनगर में पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मिलने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को अनुमति दी है. धारा 370 के निरस्त होने के बाद से इस कदम को घाटी में राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.
जम्मू के प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में 15-सदस्यीय राष्ट्रीय सम्मेलन का प्रतिनिधिमंडल फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से मुलाकात करेने उनके आवास पहुंच गया है. घर के बाहर खड़े हो कर फारूख अब्बदुला और उनकी पत्नी ने विकट्री का चिन्ह भी दिखाया. फिलहाल, 81 वर्षीय फारूक अब्दुल्ला सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत अपने श्रीनगर स्थित आवास पर नजरबंद हैं. वहीं उमर को एक राज्य अतिथि गृह में हिरासत में रखा गया है.
पार्टी के प्रवक्ता मदन मंटू ने कहा कि पूर्व पार्टी विधायकों का प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह जम्मू से हवाई यात्रा कर श्रीनगर पहुंचेगा. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने जम्मू से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को अपनी पार्टी के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से मिलने की अनुमति देने के लिए राज्यपाल सत्यपाल मलिक के समक्ष प्रतिनिधित्व किया था.
मंटू ने यह भी कहा कि वे वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के अन्य शीर्ष नेताओं की निरंतर नजरबंदी से भी नाराज थे.
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उन्होंने कहा है कि अब्दुल्ला से मिलने का फैसला दो दिन पहले जम्मू प्रांत में हुए एक सम्मेलन और जिला अध्यक्षों की बैठक में लिया गया था. ये तब लिया गया जब जम्मू स्थित नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के आंदोलन पर प्रतिबंध हटा दिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि घाटी में शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक बातचीत शुरू हो.
बता दें, सरकार ने कश्मीर के अधिकांश राजनीतिक नेतृत्व को भी हिरासत में ले लिया है, जिसमें पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन शामिल हैं.