नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की परेशानीबढ़ सकती है. 1998 में हुए कोयला खदान आवंटन को लेकर सीबीआई जांचमें तेजी लाने के लिएसुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.
यह याचिका कॉमन कॉज़ की तरफ से वैभव वर्मा ने दर्ज की है. इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के दफ्तर से यह पता चला है की कंपनी का रजिस्ट्रेशन जनवरी 1999 में हुआ था, लेकिन कंपनी को खदान का आवंटन 1998 में ही मिल गया.
इसी मामले में सीबीआई 25 नवंबर, 2017 को नवीन पटनायक से पूछताछ भी कर चुकी है. याचिकाकर्ता नेखदान आवंटन मामले की जांच में तेजीलाए जाने की अपील की है.याचिका में कहा गया है कि कि इस मामले में जांच की पूरी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी गयी है
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याचिकाकर्ता ने कहा है किपूछताछ हुए काफी साल बीत गये हैं, और सीबीआई के पास अब रिपोर्ट ना देने का कोई कारण भी नहीं है. याचिका में यह मांग भी की गयी है कि 26 मार्च, 2014 को दर्ज हुए इस मामले में पूरी नोटिंग के साथ फाइल को कोर्ट के सामने पेश किया जाए.
आपको बता दें कि 1998 में सेंट्रल कोलियेरिज़ कंपनी लिमिटेड को बिना रजिस्ट्रेशन के ही टकली जेना बोरेला की खदान आवंटित कर दिया गया था.