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बढ़ सकती है CM पटनायक की परेशानी, खदान आवंटन CBI जांच में तेजी लाने के लिए SC में याचिका

1998 में हुए कोयला आवंटन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल. पूछताछ के बावजूद नहीं पेश हुई रिपोर्ट.

नवीन पटनायक (फाइल फोटो)
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Published : Mar 27, 2019, 12:10 AM IST

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की परेशानीबढ़ सकती है. 1998 में हुए कोयला खदान आवंटन को लेकर सीबीआई जांचमें तेजी लाने के लिएसुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.

नवीन पटनायक याटिका पर जानकारी देती ईटीवी संवाददाता

यह याचिका कॉमन कॉज़ की तरफ से वैभव वर्मा ने दर्ज की है. इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के दफ्तर से यह पता चला है की कंपनी का रजिस्ट्रेशन जनवरी 1999 में हुआ था, लेकिन कंपनी को खदान का आवंटन 1998 में ही मिल गया.

इसी मामले में सीबीआई 25 नवंबर, 2017 को नवीन पटनायक से पूछताछ भी कर चुकी है. याचिकाकर्ता नेखदान आवंटन मामले की जांच में तेजीलाए जाने की अपील की है.याचिका में कहा गया है कि कि इस मामले में जांच की पूरी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी गयी है

पढ़ें-राहुल की न्यूनतम आय योजना महज धोखा: अरुण जेटली

याचिकाकर्ता ने कहा है किपूछताछ हुए काफी साल बीत गये हैं, और सीबीआई के पास अब रिपोर्ट ना देने का कोई कारण भी नहीं है. याचिका में यह मांग भी की गयी है कि 26 मार्च, 2014 को दर्ज हुए इस मामले में पूरी नोटिंग के साथ फाइल को कोर्ट के सामने पेश किया जाए.

आपको बता दें कि 1998 में सेंट्रल कोलियेरिज़ कंपनी लिमिटेड को बिना रजिस्ट्रेशन के ही टकली जेना बोरेला की खदान आवंटित कर दिया गया था.

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की परेशानीबढ़ सकती है. 1998 में हुए कोयला खदान आवंटन को लेकर सीबीआई जांचमें तेजी लाने के लिएसुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.

नवीन पटनायक याटिका पर जानकारी देती ईटीवी संवाददाता

यह याचिका कॉमन कॉज़ की तरफ से वैभव वर्मा ने दर्ज की है. इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के दफ्तर से यह पता चला है की कंपनी का रजिस्ट्रेशन जनवरी 1999 में हुआ था, लेकिन कंपनी को खदान का आवंटन 1998 में ही मिल गया.

इसी मामले में सीबीआई 25 नवंबर, 2017 को नवीन पटनायक से पूछताछ भी कर चुकी है. याचिकाकर्ता नेखदान आवंटन मामले की जांच में तेजीलाए जाने की अपील की है.याचिका में कहा गया है कि कि इस मामले में जांच की पूरी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी गयी है

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याचिकाकर्ता ने कहा है किपूछताछ हुए काफी साल बीत गये हैं, और सीबीआई के पास अब रिपोर्ट ना देने का कोई कारण भी नहीं है. याचिका में यह मांग भी की गयी है कि 26 मार्च, 2014 को दर्ज हुए इस मामले में पूरी नोटिंग के साथ फाइल को कोर्ट के सामने पेश किया जाए.

आपको बता दें कि 1998 में सेंट्रल कोलियेरिज़ कंपनी लिमिटेड को बिना रजिस्ट्रेशन के ही टकली जेना बोरेला की खदान आवंटित कर दिया गया था.

Intro:नई दिल्ली: 2019 के चुनावों से पहले नवीन पटनायक के लिये मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। हाल ही में कोयला खदान आवंटन को ले कर सीबीआई में जांच को तेज़ी देने के लिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गयी है। दरसल 1998 में सेंट्रल कोलियेरिज़ कंपनी लिमिटेड को बिना रजिस्ट्रेशन के ही टकली जेना बोरेला की खदान आवंटित कर दी गयी थी। उस समय पर नवीन पटनायक केंद्रीय खनन और खदान मंत्री थे जिसके कारण इस केस में सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही थी।


Body:याचिका में यह कहा गया है कि इस मामले में जांच की पूरी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी गयी है, बल्कि पूछताछ हुए काफी साल बीत गये हैं और सीबीआई के पास अब रिपोर्ट ना देने का कोई कारण नहीं है। याचिका में यह मांग की गयी है कि कोर्ट सीबीआई को रिपोर्ट जल्दी पूरी करने के आदेश दे। इसी के साथ 26 मार्च 2014 को दर्ज हुए इस मामले में पूरी नोटिंग के साथ फ़ाईल को कोर्ट के सामने लाने की भी मांग की गयी है जिससे इसमे होने वाली देरी का कारण पता चल सके।


Conclusion:यह याचिका कॉमन कॉज़ की तरफ से वैभव वर्मा ने दर्ज की है। इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के दफ्तर से यह पता चला है की कंपनी का रजिस्ट्रेशन जनवरी 1999 में हुआ था लेकिन कंपनी को खदान का आवंटन 1998 में ही मिल गया था। इस मामले को लेकर सीबीआई 25 नवंबर 2017 को नवीन पटनायक से पूछताछ भी कर चुकी है।
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