नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री और गांधी परिवार के करीबी रह चुके नटवर सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के दम पर पार्टी अपने कैडर के अंदर जान नहीं फूंक सकती है. नटवर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी में क्या समस्या है, यह उन्हें नहीं पता है और वह इस पर कुछ कहना नहीं चाहते हैं.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में नटवर सिंह ने कहा कि राहुल को मनमोहन सिंह से कुछ सीखना चाहिए. नाप तौल कर बोलना चाहिए. ऐसा नहीं करने की वजह से ही पाकिस्तान ने राहुल के बयान का यूएन में यूज कर लिया.
प्रमुख बिंदु
- - इस वक्त देश में एक ही नेता है, और उसका नाम है नरेन्द्र मोदी.
- - देश का गांधी परिवार पर विश्वास पहले से काफी घटा है. खासकर पिछले पांच सालों में.
- - राहुल ने कहा ता कि मेरे परिवार का कोई आदमी अध्यक्ष नहीं बनेगा, लेकिन पार्टी ने सोनिया को फिर से मौका दिया. किसी युवा को मौका नहीं मिला.
- - सोनिया प्रियंका को आगे क्यों नहीं लाना चाहती हैं,...इस पर बड़ा पेंच हैं.
- - 1995 की पीढ़ी कांग्रेस परिवार को तवज्जो नहीं देती है.
- - चिदंबरम के बाद किसकी बारी है. मोदी ने साफ तौर पर कह दिया है कि अभी तो शुरुआत है.
- - चिदंबरम के खिलाफ मोदी ने कुछ कदम उठाया है, तो बहुत सोच-समझकर उठाया होगा.
- - मोदी कोई बदले की भावना से कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. क्योंकि उनके पास 303 सांसद हैं, उन्हें ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है.
- - भारत को कांग्रेस पार्टी की जरूरत है. समस्या ये है कि इसमें जान कैसे डाली जाए.
- - 18 साल सोनिया ने पार्टी पर कंट्रोल रखा. धीरे-धीरे वह पकड़ कमजोर होती चली गई. बदलाव लाना है, तो बुजुर्गों के बस की बात नहीं है.
- - झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा...कहीं नहीं कांग्रेस के जीतने के आसार नहीं दिख रहे हैं. और ऐसा नहीं हुआ, तो पार्टी की स्थिति और खराब हो जाएगी.